सैमसंग कंपनी के उत्तराधिकारी को पांच साल की जेल

सियोल: सैमसंग कंपनी के उत्तराधिकारी ली जे यंग को पांच साल की जेल की सजा कोर्ट ने सुनायी है. रिश्वतखोरी के आरोप में यह फैसला सुनाया गया है. कोर्ट का यह फैसला दक्षिण कोरिया के इतिहास में किसी बड़े व्यवसायी की सबसे बड़ी सजा मानी जा रही है. गौरतलब है कि सैमसंग दक्षिण कोरिया की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 25, 2017 12:55 PM

सियोल: सैमसंग कंपनी के उत्तराधिकारी ली जे यंग को पांच साल की जेल की सजा कोर्ट ने सुनायी है. रिश्वतखोरी के आरोप में यह फैसला सुनाया गया है. कोर्ट का यह फैसला दक्षिण कोरिया के इतिहास में किसी बड़े व्यवसायी की सबसे बड़ी सजा मानी जा रही है. गौरतलब है कि सैमसंग दक्षिण कोरिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है. कोरिया की समृद्धि सूचक माने जाने वाली इस कंपनी में भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आये थे.

इलेक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चरिंग के लिए मशहूर सैमसंग दवा और शिपबिल्डिंग के क्षेत्र में भी अग्रणी कंपनी है. कोर्ट ने आज फैसले में कहा कि सबूतों से स्पष्ट होता है कि ली ने सरकार को अपने समर्थन के लिए रिश्वत दी थी. बताया जा रहा है कि सैमसंग ने दो कंपनियों के मर्जर में सरकार को घूस दिये थे.
कौन हैं ली जे यंग
ली जे सैमसंग कंपनी के चेयरमैन के बड़े बेटे हैं. उन्हें अकसर मीडिया सैमसंग कंपनी के उत्तराधिकीरी के रूप में पेश करती है. दक्षिँण कोरिया के सबसे अमीर शख्स ली जे यंग को 16 जनवरी 2017 को गिरफ्तार कर लिया गया था. सैमसंग उपाध्यक्ष ली जे यंग और अन्य चार पदाधिकारियों को घूसखोरी, झूठी गवाही और भ्रष्टाचार के मामले में इसी साल फरवरी में गिरफ्तार कर लिया गया था. ली जे यंग पर विदेश में संपत्ति छिपाने और पूर्व राष्ट्रपति पार्क ग्वेन हे की करीबी चोई सून-सिल को 200 करोड़ रुपये घूस देने का भी आरोप है. यह घूस 2015 में अपनी दो सहायक कंपनियों का विलय आसान बनाने और इस पर राष्ट्रपति की सहमति पाने के लिए दी गई थी. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक दक्षिण कोरिया की अदालत 27 अगस्त को इस मामले में सजा सुना सकती है

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version