सदन में पेश किये गये आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में करदाताओं की शिकायत निपटारे को और बेहतर करने की बात कही गयी है. सर्वेक्षण रिपोर्ट में कर दाताओं की शिकायत को दूर करने के लिए इसे कर विभाग से स्वतंत्र करने की बात कही गयी है. इतना ही नहीं इसमें दूसरे देशों का भी उदाहरण दिया गया है जिसमें अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन जैसे देशों का उदाहरण पेश किया गया है.

सर्वेक्षण रिपोर्ट में करदाताओं के अधिकारों की रक्षा करना देश को और मजबूत करना है. देश में करदाताओं की शिकायत को दूर करने के लिए बेहतर तरीके से काम करने की बात कही गयी है. इस रिपोर्ट में जीडीपी ग्रोथ 7.7 तक रहने की उम्मीद जतायी गयी है.

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वही साल 2021-22 में जीडीपी की ग्रोथ 11 फीसद रहने की उम्मीद है. कोरोना संक्रमण के बाद आर्थिक विकास में तेजी की संभावना जतायी गयी है. सर्वे में कहा गया है कि देश की अर्थव्यस्था जबरदस्त तरीके से वापसी करेगी.

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आर्थिक सर्वे में अगले वित्त वर्ष में नॉमिनल GDP 15.4% रहने की संभावना जतायी गयी है. आर्थिक सर्वे में वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तीमाही में यह 14.2 फीसदी हो सकता है. आर्थिक सर्वे में ग्रोथ का जो अनुमान लगाया जा रहा है वह RBI और सेंट्रल स्टेटिस्टिक्स ऑफिस (CSS) के तरफ से जारी किये आंकड़ों से काफी मिलता है. आर्थिक सर्वे रिपोर्ट में अर्थव्यस्था को मजबूत करने वाली योजनाओं को बढ़ाने की सलाह दी गयी है.