हाई टेक्नोलॉजी कंपनियों को विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने के लिए कर-प्रोत्साहन देगी सरकार
नयी दिल्ली : इलेक्ट्रॉनिक चिप और लैपटॉप इत्यादि बनाने वाली उच्च प्रौद्योगिकी कंपनियों को देश में विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने के प्रति आकर्षित करने के लिए सरकार ने शुक्रवार को बजट में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर-प्रोत्साहन देने की कई घोषणाएं की. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शुक्रवार को आम बजट 2019-20 पेश करते हुए कहा कि […]
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नयी दिल्ली : इलेक्ट्रॉनिक चिप और लैपटॉप इत्यादि बनाने वाली उच्च प्रौद्योगिकी कंपनियों को देश में विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने के प्रति आकर्षित करने के लिए सरकार ने शुक्रवार को बजट में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर-प्रोत्साहन देने की कई घोषणाएं की. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शुक्रवार को आम बजट 2019-20 पेश करते हुए कहा कि सरकार वैश्विक कंपनियों को देश में आमंत्रित करने के लिए एक योजना पेश करेगी. इसके तहत सेमीकंडक्टर जैसे उच्च प्रौद्योगिकी क्षेत्र में बड़े विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने के लिए पारदर्शी तरीके से बोलियां मंगायी जायेंगी.
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वित्त मंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत सौर फोटो वोल्टिक सेल, लिथियम बैटरी, सौर इलेक्ट्रिक चार्जिंग प्रणाली, कंप्यूटर सर्वर और लैपटॉप का विनिर्माण करने वाली कंपनियों को भी शामिल किया जायेगा. सरकार उन्हें आयकर अधिनियम की धारा 35 एडी के तहत निवेश से जुड़ी आयकर छूट एवं अन्य अप्रत्यक्ष कर लाभ मुहैया करायेगी.
इससे पहले सरकार ने देश में सेमीकंडक्टर संयंत्र स्थापित करने की योजनाओं की घोषणा की थी. जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड और एचएसएमएसी टेक्नोलॉजीस इंडिया के नेतृत्व वाले कंपनी समूह के प्रस्तावों को छांटा था, जिसमें कुल 63,000 करोड़ रुपये का निवेश होना था. जयप्रकाश एसोसिएट्स ने बाद में प्रस्ताव वापस ले लिया था.
इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एचएसएमसी टेक्नोलॉजीस को सेमीकंडक्टर संयंत्र की स्थापना के लिए जारी आशय पत्र अप्रैल, 2018 में रद्द कर दिया था. एचएसएमसी टेक्नोलॉजीस ने सरकार से नीतिगत कदम उठाकर बाजार समर्थन सुनिश्चित करने की मांग की थी लेकिन उसके प्रस्ताव को ठुकरा दिया गया.