अमर बेलि बिनु मूल की, प्रतिपालत है ताहि!

रहिमन ऐसे प्रभुहिं तजि, खोजत फिरिए काहि!!

अर्थात

जो ईश्‍वर बिना जड़ की अमर बेल का भी पालन पोषण करता है , ऐसे ईश्‍वर को छोड़कर बाहर किसे खोजते फिर रहे हो. अरे ब्रह्म तुम्हारे अंदर ही है, उसे वहीं खोजो!