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Twitter – Jack Dorsey – Rajeev Chandrasekhar : ट्विटर इन दिनों लगातार किसी ना किसी वजह से चर्चा में रहती है. कभी ब्लूटिक के लिए पैसा वसूलने को लेकर तो कभी अपने गलत नियमों के लिए लगी पेनाल्टी को लेकर. इस बार कंपनी के ऊपर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगा है. इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बताया है कि कुछ खातों को ब्लॉक करने के सरकारी नोटिस को अदालत में चुनौती देने का ट्विटर का फैसला दरअसल उस ‘काल्पनिक कहानी का हिस्सा था’, जिसे कंपनी के पूर्व सीईओ जैक डॉर्सी ने आगे बढ़ाया.
ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डॉर्सी का दावा
ट्विटर के सीईओ का पद छोड़ चुके जैक डॉर्सी ने हाल में दावा किया था कि भारत सरकार ने विभिन्न पोस्ट को हटाने और खातों को प्रतिबंधित करने के अनुरोधों का पालन नहीं करने पर कंपनी को बंद करने और कर्मचारियों पर छापे की चेतावनी देते हुए ‘दवाब’ डाला था. जिन पोस्ट और खातों को हटाने के लिए कथित रूप से दबाव बनाया गया था, वे 2020 और 2021 में कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध-प्रदर्शन और सरकार की आलोचना से संबंधित थे.
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सभी मंचों को भारतीय कानून का पालन करना होगा
ट्विटर की अपील को खारिज करनेवाले कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री ने कहा कि आदेश स्पष्ट रूप से बताता है कि सरकारी आदेश का पालन नहीं करने का कोई विकल्प नहीं है और छोटे या बड़े, सभी मंचों को भारतीय कानून का पालन करना होगा. उन्होंने ब्रॉडबैंड इंडिया फोरम के एक कार्यक्रम के मौके पर पीटीआई-भाषा को बताया, जैसा कि आपको पता है, इस विशेष मामले में उन्हें (ट्विटर को) कानून के तहत बड़ी संख्या में निर्देश दिए गए थे, जिनका उन्होंने पालन नहीं किया और फिर जब उन्हें कानूनी नोटिस भेजा गया तो उन्होंने अदालत में जाने का फैसला किया. डोर्सी ने जो काल्पनिक कहानी पेश की, यह उसकी हिस्सा था.
ट्विटर पर लगा 50 लाख रुपये का जुर्माना
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने ट्विटर द्वारा पिछले साल दायर एक याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें सोशल मीडिया फर्म ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के नोटिस को चुनौती दी थी. पीटीआई – भाषा की रिपोर्ट के अनुसार, न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित की एकल पीठ ने इस मामले में ट्विटर पर 50 लाख रुपये का भारी जुर्माना भी लगाया और इसे 45 दिनों के भीतर कर्नाटक राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण को भुगतान करने का आदेश दिया.