Twitter account hack news, Bitcoin scam: कुछ घंटे पहले हुए सबसे बड़े साइबर हमले ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया. इसमें अमेरिका के कई दिग्गज हस्तियों के माइक्रो ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर अकाउंट हैक कर लिए गए. इन हस्तियों में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, माइक्रोसॉफ्ट के फाउंडर बिल गेट्स , जैफ बोजेस जैसे हस्तियों के नाम शामिल है. इन सबके अकाउंट हैक किए जाने के बाद ट्वीट कर बिटकॉइन के रूप में पैसा मांगा गया. इस हैक को किंग बिटक्वाइन स्कैम कहा जा रहा है. बिटक्वाइन के पते के लिंक के साथ ट्वीट में लिखा गया, मैं कोविड महामारी की वजह से दान कर रहा हूं. पोस्ट किए जाने के चंद मिनट के भीतर ही ये ट्वीट डिलीट हो गए.

कैसे किया हैक

हैकिंग किस तरह की गई इसे किसने अंजाम दिया, आने वाले कुछ समय में ये पता चलेगा, लेकिन ट्विटर ने एक बयान जारी किया है जिसमें शुरुआती जांच के आधार पर अपेडट शेयर किए गए हैं. हैकिंग कई तरीके से होती है और वजहें भी अलग होती हैं. अपने बयान में ट्विटर ने कहा है कि वो इस घटना की जांच कर रहा है और अब तक जो जानकारी मिल सकी है उसके अनुसार ये एक समन्वय के साथ किया गया हैक है.

जिसमें हैकर्स ने कुछ ऐसे कर्मचारियों को निशाना बनाया है जिनके पास ट्विटर के इंटर्नल सिस्टम और टूल्स की ऐक्सेस था. ट्विटर के अनुसार इसके ज़रिए उन्होंने कुछ हाई प्रोफाइल अकाउंट्स को निशाना बनाया और उनका इस्तेमाल किया. कंपनी ने कहा कि हैकिंग के बारे में पता चलते ही हमने उन अकाउंट को लॉक कर दिया है और फर्जी ट्वीट्स को हटा दिया है.


क्या कहते हैं विशेषज्ञ

बीबीसी ने एथिकल हैकर रिजवान शेख के हवाले से लिखा है- ऐसा लगता है कि हैकर को ट्विटर के रूट का ऐक्सेस मिल गया है. इसका मतलब है कि वो किसी भी अकाउंट से कुछ भी ट्वीट कर सकता है और पैसे बना सकता है. ऐसे में वेरिफाइड अकाउंट से किए गए ट्वीट पर भी यकीन न करें. वो कहते हैं कि ग़ैर क़ानूनी तरीके से पैसे बनाने के मामले में ये अब तक का सबसे बड़ी हैकिंग साबित हो सकती है.

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एफबीआई के सेन फ्रांसिस्को फील्ड ऑफिस ने एक बयान जारी कर कहा है कि ऐसा लग रहा है कि क्रिप्टोकरेंसी फ्रॉड के लिए अकाउंट को हैक किया गया है. हम लोगों को आगाह करते हैं कि इस तरह के किसी मैसेज के झांसे में न पड़ें और क्रिप्टोकरेंसी या पैसे किसी को न भेजें.

क्या है बिटक्वाइन

बिटक्वाइन एक क्रिप्टोकरेंसी है. इसे सातोशी नकामोति ने 2008 में बनाया था. हालांकि आजतक यह नहीं पता चल पाया है कि सातोशी नकामोति कौन है. बिटकॉइन किसी एक देश की करेंसी नहीं है. यह एक डिजिटल करेंसी है. यह किसी एक देश के लिए नहीं होती है. इसे क्रिप्टोकरेंसी भी कहते हैं. जो क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल करती है. इस करेंसी को डिजिटल तरीके से बनाया गया है. हालांकि हम इसके जरिए कोई भी चीज खरीद सकते हैं. इसकी ट्रेडिंग भी होती है. इसे बेचकर पैसा कमा सकते हैं.

बिटक्वाइन का उपयोग कैसे

बिटक्वाइन के लेनदेन का एक लेजर बनाया जाता है. दुनिया में लाखों व्यापारी भी बिटक्वाइन से लेनदेन करते हैं. हालांकि किसी भी केंद्रीय बैंक ने अभी इसको मान्यता नहीं दी है. अमेरिका की कई दिग्गज कंपनियां भी बिटक्वाइन को स्वीकार करती हैं. इंटरनेट की दुनिया में इसकी खरीद-फरोख्त कराने वाले कई एक्सचेंज हैं. इंटरनेट की कई वेबसाइट और ऐप के माध्यम से इसकी खरीद-फरोख्त होती है. इसमें खरीद-फरोख्त करने वालों की जानकारी छुपी रहती है.साल 2009 में जब बिटक्वाइन को लांच किया गया था तब उसकी वैल्यू 0 डॉलर थी. 2010 में भी इसकी वैल्यू 1 डॉलर तक नहीं पहुंची. लेकिन आज बिटक्वाइन का रेट हजारों डॉलर में पहुंच गया है.

सरकार जारी नहीं करती बिटकॉइन जैसी करेंसी

दुनिया में बिटक्वाइन जैसी कई और डिजिटल करेंसी है लेकिन यह क्रिप्टोकरेंसी में सबसे अधिक लोकप्रिय है. इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि इसका डुप्लिकेट तैयार नहीं कर सकता . मजेदार बात यह है कि इसका कोई रेगुलेटर नहीं है क्योंकि इस करेंसी को कोई सरकार जारी नहीं करती है, इसलिए इन करेंसी पर किसी का अधिकार नहीं है. हालांकि इसे किसी भी देश में भुगतान के विकल्प के तौर पर खर्च किया जा सकता है.

बिटक्वाइन जैसी कैरेंसी को गुप्त रखा जा सकता है. इसलिए इसका इस्तेमाल घोटाले, टैक्सचोरी, मनी लॉन्डरिंग में भी होता है. क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन को ट्रैक नहीं किया जा सकता है यानी यह पता नहीं लगाया जा सकता कि कौन किसको दिया है. इसका सबसे बड़ा नुकसान यह है कि अगर आपका कंप्यूटर हैक हो गया तो फिर यह वापस नहीं होगी यानी रिकवर नहीं होगी. इतना ही नहीं इसकी चोरी होने की आप पुलिस में या कहीं भी शिकायत दर्ज नहीं करा सकते हैं.

Posted By: Utpal kant