5G Phone Testing And Certification : 5जी तकनीक आने से पहले भारत में 5G स्मार्टफोन की बिक्री तेजी से बढ़ रही है. 5G स्मार्टफोन बिक्री की इस रफ्तार को देखते हुए भारत सरकार इनके इस्तेमाल के लिए टेस्टिंग करने और टेस्टिंग के बाद सर्टिफिकेट जारी करने की योजना पर काम कर रही है. सरकार भारत में बिकने वाले 5G स्मार्टफोन के इस्तेमाल के लिए टेस्टिंग के बाद सर्टिफिकेट जारी करने पर प्लान कर रही है. ऐसे में मुमकिन है कि टेस्टिंग में फेल रहनेवाले 5G स्मार्टफोन हमेशा के लिए कबाड़ हो जाएं. आपको बता दें कि यूजर्स को सुरक्षा को ध्यान में रखकर ही यह कदम उठाया जा रहा है.

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स्मार्टफोन की टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन

रिपोर्ट्स की मानें, तो भारत में जितने भी 5G स्मार्टफोन बेचे जा रहे हैं उनकी टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन का ऐलान किया गया है. अब अगर आप यह सोच रहे हैं कि यह टेस्टिंग कौन करेगा, तो हम आपको बता दें कि टेलीकॉम डिपार्टमेंट की विंग टेलीकॉम इंजीनियरिंग सेंटर (TEC) द्वारा यह टेस्टिंग की जा सकती है. सरकार की टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन के दायरे में आनेवाले 5जी डिवाइसेज में स्मार्टफोन के साथ-साथ स्मार्टवॉच, वियरेबल्स, स्मार्ट कैमरा भी आयेंगे और इन्हें सफल टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन के बाद ही बेचा जाएगा. सरकार यह प्लान 1 जनवरी 2023 से लागू कर सकती है.

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टेलीकॉम कंपनियों का तर्क

5जी डिवाइसेज की टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन को लेकर टेलीकॉम कंपनियों और ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चर्स (OEMs) ने दूरसंचार विभाग और केंद्र सरकार से लोकल टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन ना करने की मांग की है. दलील यह दी जा रही है कि चूंकि किसी भी 5G डिवाइस पर लॉन्च करने से पहले मिनिस्ट्री ऑफ आईटी एंड इलेक्ट्रानिक्स (MeitY) और ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) से मंजूरी लेनी होती है. इसके तहत इलेक्ट्रॉनिक प्रॉडक्ट मैन्युफैक्चर्स को रजिस्टर कराना अनिवार्य होता है. साथ ही, भारतीय सेफ्टी स्टैंडर्ड का पालन करना होता है. ऐसे में अलग से टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन की वजह से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की लॉन्चिंग में देरी हो सकती है.