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Google के खिलाफ कॉम्पिटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने जांच के आदेश दिये हैं. Google पर आरोप है कि उसने भारत के एंड्रॉयड बेस्ड टेलीविजन मार्केट में गलत तरीके से कारोबार किया है, जो एंट्री ट्रस्ट कानून का उल्लंघन है. CCI ने अपने हालिया आदेश में फौरी तौर पर Googe को भारतीय एंट्री ट्रस्ट रेगुलेशन का दोषी पाया है और डायरेक्टर जनरल को मामले में जांच के आदेश दिये हैं.
Google पर क्या आरोप हैं?
मई 2020 में पुरुषोत्तम नाम के एक शख्स ने आरोप लगाया था कि Google एंड्रॉयड टीवी प्लैटफॉर्म का इस्तेमाल करने वाली कंपनियों को Google के साथ एक लाइसेंस साइन करना होता है, जो उन्हें Google की प्रतिद्वंद्वी कंपनियों के साथ कारोबार करने से रोकता है. यह स्मार्ट टीवी के साथ समार्टफोन और अन्य डिवाइस पर भी लागू होता है. इससे टेलीविजन मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को परेशानी होती है. आरोप है कि Google की इस तरह की लाइसेंसिंग प्रक्रिया से मार्केट में कॉम्पिटीशन खत्म हो जाएगा और मोनोपॉली बढ़ेगी. इसी को लेकर एंटी ट्रस्ट के वकील क्षितिज आर्य ने एक शिकायत दर्ज की थी.
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भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने देश में स्मार्ट टेलीविजन आपरेटिंग सिस्टम (परिचालन साॅफ्टवेयर प्रणाली) बाजार में कथित प्रतिस्पर्धा-विरोधी गतिविधियों को लेकर गूगल के खिलाफ विस्तृत जांच का आदेश दिया है. एक शिकायत की समीक्षा करने के बाद आयोग ने पाया कि भारत में लाइसेंस योग्य स्मार्ट टीवी उपकरण परिचालन प्रणाली के लिए प्रासंगिक बाजार में गूगल प्रमुख है.
सीसीआई ने अपने 24 पन्नों के आदेश में कहा कि टाडा (टेलीविजन ऐप वितरण समझौता) के तहत सभी गूगल एप्लिकेशन की प्री-इंस्टॉलेशन अनिवार्य है, जो स्मार्ट टीवी उपकरण निर्माताओं पर कोई अनुचित शर्तें थोपने जैसा है. आयोग ने कहा, यह प्रतिस्पर्धा अधिनियम की धारा 4(2)(ए) का उल्लंघन है.
सीसीआई ने 22 जून के आदेश में कहा कि गूगल अधिनियम की धारा 4 (2) (ई) का उल्लंघन करता है और इन सभी पहलुओं की विस्तृत जांच की आवश्यकता है. वहीं, गूगल के प्रवक्ता ने कहा, हमें विश्वास है कि हमारे स्मार्ट टीवी लाइसेंसिंग कार्य सभी लागू प्रतिस्पर्धा कानूनों के अनुरूप हैं. (इनपुट:भाषा)
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