EV Adoption Levels in India: सरकारी इन्‍सेंटिव, इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर डेवलपमेंट और नये इलेक्ट्रॉनिक व्‍हीकल्‍स के मॉडल लॉन्‍च होने से देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की बिक्री मौजूदा दशक की बची हुई अवधि बढ़ने की उम्मीद है. इसके साथ ही, इस बिक्री में दोपहिया और तिपहिया वाहनों का दबदबा रहने की संभावना है. एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है. ऑडिट एवं कंसल्टिंग कंपनी KPMG और इंडस्‍ट्री बॉडी CII की ज्‍वाइंट रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि ईवी को अपनाने को लेकर अब अनिश्चितता जैसी कोई बात नहीं है.

बुनियादी ढांचे के विकास, सरकारी प्रोत्साहन और नये इलेक्ट्रॉनिक वाहन मॉडल पेश किये जाने के साथ देश में बिजली से चलनेवाले वाहनों की बिक्री चालू दशक की बची हुई अवधि बढ़ने की उम्मीद है. साथ ही इस बिक्री में दोपहिया और तिपहिया वाहनों के छाये रहने की संभावना है. एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है.

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ऑडिट एवं परामर्श देने वाली कंपनी केपीएमजी और उद्योग मंडल सीआईआई की संयुक्त रूप से तैयार की गई रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ईवी को अपनाने को लेकर अब अनिश्चितता जैसी कोई बात नहीं है. अब बस सवाल है कि यह कब होगा.

केपीएमजी ने एक विज्ञप्ति में कहा, बुनियादी ढांचे के विकास, सरकारी प्रोत्साहन और नये इलेक्ट्रिक वाहन मॉडल पेश किये जाने के साथ भविष्य में ईवी अपनाने की गति बढ़ने का अनुमान है. इसमें कहा गया है कि सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में देश में इलेक्ट्रिक वाहनों का तेजी से विनिर्माण और उपयोग को बढ़ावा देने मकसद से फेम (हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों का तेजी से विनिर्माण और उसे अपनाना) जैसी नीतियों और योजनाओं का प्रारूप तैयार किया है.

इस योजना के तहत 2030 तक कारों के लिए 30 प्रतिशत ईवी बिक्री, वाणिज्यिक वाहनों के लिए 70 प्रतिशत, बसों के लिए 40 प्रतिशत और दोपहिया तथा तिपहिया वाहन के लिए 80 प्रतिशत ईवी बिक्री का लक्ष्य रखा गया है.

केपीएमजी के भारत में परिवहन मामलों के प्रमुख और भागीदार जेफरी जैकब ने कहा, प्रौद्योगिकी भारत में ईवी परिदृश्य को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. कई मौजूदा नवोन्मेष भविष्य में मानक पेशकश बनने जा रहे हैं.

नयी सुविधाओं को जोड़ना/नयी तकनीक का विकास एक सतत प्रक्रिया होने जा रही है. उन्होंने कहा, इन सबके साथ भारत के दुनिया के लिए एक तकनीक केंद्र बनने से हम लाभ की स्थिति में होंगे.

केपीएमजी ने कहा कि ईवी के आने से बहुत सारे प्रौद्योगिकी भी चलन में आ गये हैं. तेजी से प्रौद्योगिकी अपनाने से महत्वपूर्ण और नये उपकरणों के आपूर्तिकर्ता इस क्षेत्र में नयी आर्थिक संभावनाओं का लाभ उठाने को प्रवेश कर सकते हैं.(भाषा इनपुट के साथ)