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नई दिल्ली : चीन की वाहन निर्माता कंपनी एमजी मोटर्स भारत में कार बनाकर उनकी बिक्री करती है. भारत से मुनाफा कमाती है और सरकार से फायदा लेती है, लेकिन गुपचुप तरीके से गड़बड़झाला भी करती है. इसी गड़बड़झाला की वजह से केंद्र सरकार के कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने इस चीनी कार कंपनी पर बड़ी कार्रवाई करने का फैसला किया गया है. आरोप है कि कार बनाने वाली इस कंपनी ने भारत सरकार से फायदा लेकर चीनी सरकार के पास पहुंचाया है और यहां वाहनों की बिक्री की बड़े पैमाने पर टैक्स की चोरी की है. मामले की भनक मिलने के बाद कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने एमजी मोटर्स के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं. मीडिया की रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि एमजी मोटर्स में एमसी जांच राजस्व विभाग के कार्यालय (आरडीओ) की ओर से की जाएगी.
सरकार ने मांगा हिसाब
मीडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि टैक्स में गड़बड़झाले की भनक मिलने के बाद कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने अभी हाल ही में कंपनी रजिस्ट्रार कार्यालय के जरिए चीन की कार निर्माता कंपनी एमजी मोटर्स के निदेशकों और ऑडिटर्स को तलब किया था. उन्हें मंत्रालय की ओर से जांच के दौरान गड़बड़ी मिलने के बाद पूछताछ के लिए बुलाया गया था. इस कंपनी पर आरोप है कि इसने भारत से मुनाफा कमाकर और टैक्स की चोरी के पैसे चीन की सरकार के पास भेजे हैं. सरकार की ओर से इन्हीं मामलों को लेकर जांच कराई जा रही है.
एमजी मोटर्स ने चीन की सरकार को भेजे पैसे
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2019-20 में चीन की कार निर्माता कंपनी एमजी मोटर्स को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा था, जिसे लेकर सरकार ने वजह पूछा था. इसके बाद सरकार ने एमजी मोटर इंडिया के फाइनेंशियल स्टेटमेंट की जांच शुरू की. इस जांच में संदिग्ध लेनदेन, टैक्स चोरी, बिलिंग में गड़बड़ी और अन्य चीजों की बात सामने आई. वहीं, ऑटो कंपनी का कहना है कि उसकी ओर से नियमों का पालन किया गया है. कंपनी ने कहा कि किसी भी ऑटो कंपनी का पहले साल से मुनाफा कर पाना मुश्किल है.
एमजी मोटर्स की 35 फीसदी हिस्सेदारी खरीदेगा जेएसडब्ल्यू ग्रुप
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सज्जन जिंदल के मालिकाना हक वाले जेएसडब्ल्यू ग्रुप ने 30 नवंबर 2023 को भारत में संयुक्त रूप से ऑटोमोबाइल ऑपरेशन के लिए चीन की कार निर्माता कंपनी एमजी मोटर इंडिया में 35 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने का फैसला किया है. इसके लिए जेएसडब्ल्यू ने चीन की एसएआईसी मोटर के साथ समझौता किया. दोनों कंपनियों के बीच हुए समझौते के अनुसार, जेएसडब्ल्यू ग्रुप एक अज्ञात राशि के लिए एसएआईसी की भारतीय सहायक कंपनी एमजी मोटर इंडिया में 35 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगा.