भारत में सुरक्षा कारणों के मद्देनजर चीनी स्‍मार्टफोन निर्माता कंपनी जियाओमी देश में जल्‍द ही एक डेटा सेंटर स्‍थापित करने पर विचार कर रही है. भारतीय वायुसेना द्वारा अपने कर्मचारियों को चीनी कंपनी जियाओमी का फोन इस्‍तेमाल करने से मना किये जाने पर कंपनी इस मुद्दे पर विचार कर रही है.

जियाओमी ने अपने गैर-चीनी उपभोक्‍ताओं के डेटा को अमेरि‍का और सिंगापुर के केंद्रों को भेजने के लिए ऑनलाइन सर्विस प्रदान करने वाली कंपनी अमेजॉन के साथ भागीदारी की है. यह प्रकिया इस महीने के अंत तक पूरी हो जाएगी.

हलांकि जियाओमी के वाइस प्रेसिडेंट ह्यूगो बारा ने उपभेक्‍ताओं के डेटा को ट्रांस्‍फर करने की बात पर कुछ भी नहीं कहा लेकिन उन्‍होंने बताया कि ऐसी किसी भी तरह की शिकायत हमें किसी संगठन के ओर से नहीं मिली है. सारी बाते हमें मीडिया रिपोर्ट के हवाले से ही मिल रही है.बारा ने बताया कि उपभोक्‍ता के सहूलियत के लिए कंपनी भारत में स्‍थानीय डेटा केंद्र स्‍थापित करने पर बातचीत कर रही है इसके अगले साल तक पूरे होने की उम्‍मीद है.

जियाओमी कंपनी ने इस साल जुलाई के महीने में एम आई 3 स्‍मार्टफोन पेश किया था जिसका मूल्‍य 13,999 रुपये थी. इसके दो महीने के बाद ही जियाओमी ने अपना दूसरा स्‍मार्टफोन बेहद कम कीमत रेडमी 1एस लांच किया गया ,जो कि लगातार सातवीं बार ऑनलाइन रिटेलर फिल्‍पकार्ट पर बेचा गया. कंपनी ने अबतक केवल भारत में 5 लाख से ज्‍यादा रेड मी स्‍मार्टफोन बेचा है.

भारत में तेजी से बढ रहे स्‍मार्टफोन के बाजार को देखते हुए जियाओम इंडिया के प्रमुख मनु जैन ने बताया कि ‘भारत में कंपनी के स्‍मार्टफोन लांच करना बहुत बडा फैसला था. स्‍मार्टफोन का बजार यहां तेज गति से बढ रहा है और अब भारत चीन के बाद जियाओमी के लिए दूसरा सबसे बडा बाजार बन गया है.’ इसलिए भारतीय उपभोक्‍तओं के लिए नजदीक में डेटा केंद्र होना बहुत जरूरी है ताकि 4जी प्रणाली आने से पहले तीव्र गति से इसकी सेवा प्रदान की जाए.’