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नयी दिल्ली : ऑटोमोआइल सेक्टर में बीते 10 महीने से लगातार छायी मंदी को लेकर देश में राजनीतिक और कारोबारी तौर पर बहस छिड़ी हुई है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस सेक्टर में मंदी के पीछे देश के युवाओं में ओला-उबर जैसी कैब सेवा को लेकर बढ़ते रुझान को अहम कारण बताती हैं, तो विपक्ष के लोग इसे लेकर सरकार की जीएसटी प्रणाली को जिम्मेदार बताते हैं.
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इन सबसे इतर शुक्रवार को ऑटोमोबाइल सेक्टर के दिग्गज निर्माताओं में शुमार बजाज ऑटो के प्रबंध निदेशक राजीव बजाज ने इस सेक्टर में छायी मंदी के पीछे खुद वाहन निर्माताओं और ऑटो इंडस्ट्री को ही जिम्मेदार बताया है. उनका कहना है कि इस सेक्टर में आयी मंदी के लिए न तो जीएसटी जिम्मेदार है और न ही कोई दूसरा कारक, बल्कि इसके लिए इंडस्ट्री का ओवर प्रोडक्शन अहम जिम्मेदार है.
अंग्रेजी के अखबार इकोनॉमिक टाइम्स में प्रकाशित एक समाचार के मुताबिक, राजीव बजाज ने कहा कि जीएसटी में कटौती करने की फिलहाल कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि हर इंडस्ट्री में उतार-चढ़ाव का दौर आता ही है. इस दुरुस्त होने में अभी कम से कम एक साल या इससे ज्यादा का वक्त लग सकता है. इस बात को कोई नहीं जानता कि इस सेक्टर में कब तक मंदी छायी रहेगी.
उन्होंने कहा कि इस समय ऑटो सेक्टर में ओवर स्टॉक और भारी स्टॉक की वजह से मंदी छायी हुई है. इसके साथ ही अर्थव्यवस्था में आयी मंदी भी इसमें अपनी भूमिका निभा रही है. उन्होंने कहा कि जीएसटी दरों में कटोती केवल बीएस-6 वाहनों पर लागू किये जाने चाहिए. इसका कारण यह है कि डीलरों ने मौजूदा स्टॉक के लिए पहले से ही पूरा जीएसटी का भुगतान कर दिया है.