लंदन : वैज्ञानिकों ने एक ऐसा डीएनए उपकरण तैयार किया है, जो प्राचीन लोगों की सटीक पहचान कर सकने में सक्षम है. साथ ही इसका इस्तेमाल इस बात के लिए भी किया जा सकता है कि कोई व्यक्ति उन प्राचीन लोगों से किस हद तक मेल खाता है, जो कभी धरती पर इधर से उधर घूमते रहते थे.

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वर्तमान में प्राचीन डीएनए के अध्ययन में किसी कंकाल का संबंध किसी निश्चित आबादी से जोड़कर बताने या उसकी जैव-भौगोलिक उत्पत्ति ढूंढ़ने के लिए बहुत सारी सूचनाओं की जरूरत होती है. ब्रिटेन के शेफील्ड विश्वविद्यालय के एरान एलहेक की अगुवाई में हुए इस अनुसंधान में एंसेस्ट्री इन्फॉर्मेटिव मार्कर्स (एआइएम) की पहचान की गयी, जिनका इस्तेमाल कंकालों के वर्गीकरण के लिए किया जा सकता है.

एलहेक ने कहा, ‘एआइएम का प्रभावी तरीके से पता लगाने का हमने एक नया जरिया विकसित किया है और साबित किया कि यह सटीक है.’ उन्होंने कहा, ‘प्राचीन लोगों में आधुनिक लोगों के मुकाबले ज्यादा विविधता थी. उनकी यह विविधता नियोलिथिक क्रांति एवं ब्लैक डेथ जैसी घटनाओं के बाद कम होने लगी.’

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उन्होंने बताया कि विकृत डीएनए की वजह से प्राचीन डेटा को समझना मुश्किल है और इसी चुनौती से उबरने के लिए उन्होंने ऐसा विशिष्ट उपकरण विकसित किया, जो पारंपरिक एवं नये तरीके के मेल से बना है. यह बेहद सटीक तरीके से पता लगा सकता है कि आप किनके वंशज हैं या आपका जीनोम रोमन ब्रिटोंस का है या चुमाश भारतीयों का या प्राचीन इस्राइलियों आदि का.