Warning: Undefined variable $categories in /var/www/pkwp-live.astconsulting.in/wp-content/themes/Newspaper-child/functions.php on line 298

Warning: Trying to access array offset on value of type null in /var/www/pkwp-live.astconsulting.in/wp-content/themes/Newspaper-child/functions.php on line 298

Warning: Attempt to read property "slug" on null in /var/www/pkwp-live.astconsulting.in/wp-content/themes/Newspaper-child/functions.php on line 298

Deprecated: addslashes(): Passing null to parameter #1 ($string) of type string is deprecated in /var/www/pkwp-live.astconsulting.in/wp-content/themes/Newspaper-child/functions.php on line 343
37.6 C
Ranchi
Sunday, April 20, 2025 | 06:47 pm

BREAKING NEWS

उमेश चतुर्वेदी

Browse Articles By the Author

यह अब सिर्फ ‘आकाशवाणी’ है

सार्वजनिक प्रसारण को स्वायत्तता देने वाले प्रसार भारती अधिनियम में भी आकाशवाणी नाम ही देने की बात कही गयी है. प्रसार भारती अधिनियम 15 नवंबर, 1997 से लागू हुआ

लोकहित के लिए बनें स्वास्थ्य नीतियां

देश की स्वास्थ्य सेवा में पैसे का कितना बोलबाला बढ़ गया है, इसे देखने के लिए, ईश्वर ना करे, किसी को गंभीर रूप से बीमार होना पड़े. अगर आप सरकारी अस्पताल में पहुंच गये, तो यह आपके भाग्य पर निर्भर करेगा कि आपका किसी भले डॉक्टर से पाला पड़े.

तकनीक के भाषाई अनुवाद का बड़ा कदम

आइआइटी बंबई का उड़ान प्रोजेक्ट सात वर्ष के अध्ययन के बाद हकीकत बनने लगा है. इसके जरिये तमाम तकनीकी पुस्तकों का अनुवाद होने लगा है. यह अनुवाद अभी हिंदी, मराठी, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, तमिल, गुजराती, उड़िया और बांग्ला में उपलब्ध है.

देशज भाव के आंदोलनकारी पत्रकार

अंग्रेजी के वर्चस्व के खिलाफ भारतीय भाषाओं की प्रतिष्ठा स्थापन की बात हो या फिर भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन को गति देने का अवसर, वेद प्रताप वैदिक ने न सिर्फ कलम को हथियार बनाया बल्कि मंचों पर चढ़ अपनी वाणी से भी अपनी सक्रियता का परिचय दिया

नया वितान रचता विश्व हिंदी सम्मेलन

विश्व हिंदी सम्मेलन का यह हासिल मान सकते हैं कि इसकी वजह से हिंदी-प्रेमियों के जरिये दुनिया की इस तीसरी बड़ी भाषा के उत्थान के लिए माहौल जरूर बनता है.

स्थानीय भाषा बोध और संप्रेषणीयता

उदारीकरण के तीक्ष्ण विस्तार के दौर में जब बाजार ने जीवन के हर क्षेत्र में अपनी पैठ बनानी शुरू की, तो पत्रकारिता ने इसमें भी अपने विस्तार की उम्मीद खोज ली.

संकल्प व सेवा के बीच बड़ा फासला

सफलताओं की कहानियों पर लहालोट होना भी चाहिए. इससे भावी पीढ़ियों का उत्साह बड़ता है, लेकिन हमें यह भी याद रखना चाहिए कि सफलता की ये कहानियां अपने रचे जाने के दौर में कैसे सपने दिखाती हैं और बाद में वे कैसी हो जाती हैं.

हर मुद्दा राजनीतिक लाभ के लिए नहीं

उत्तर प्रदेश में चुनाव होने हैं, लिहाजा यहां राजनीतिक दल अपनी रोटियां सेंकने के लिए अपनी रवायत के मुताबिक आगे आते रहेंगे. ऐसे में राज्य के प्रशासन और पुलिस की चुनौती बढ़ जाती है कि ऐसी राजनीति को हिंसक न होने देने के लिए कदम उठाए.

गरीब कब तक बने रहें वोट बैंक

आजादी के अमृत वर्ष में भारतीय लोकतंत्र को इस सवाल से जूझना होगा कि आखिर वे कौन से विचार हैं, जो वंचित समुदायों, मलिन और गंदी बस्तियों के लोगों को वोट बैंक बनने को मजबूर करते रहे हैं?
ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snaps News reels