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सतीश सिंह

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अर्थव्यवस्था में हो रहा सुधार

वित्त वर्ष 2021 में जीडीपी में आठ प्रतिशत की दर से और जीवीए में 6.5 प्रतिशत की दर से गिरावट आयी थी, जबकि वित्त वर्ष 2022 में जीडीपी में 11 प्रतिशत की दर से और नॉमिनल जीडीपी में 15 प्रतिशत की दर से वृद्धि हो सकती है.

उत्साहजनक कर संग्रहण

मार्च में जीएसटी के संग्रह के शानदार आंकड़े और सकल व्यक्तिगत आयकर (रिफंड सहित) में पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 2.5 प्रतिशत की वृद्धि होना देश में आर्थिक गतिविधियों के रफ्तार पकड़ने के प्रमाण हैं.

भ्रष्टाचार पर रोक के सतत प्रयास

भारत में भ्रष्टाचार में कमी आती है, तो विकास को भी बल मिलेगा. मौजूदा समय में भी भ्रष्टाचार कम होने के सकारात्मक परिणाम दिख रहे हैं. विकास को गति मिल रही है. सुशासन पर लोगों का विश्वास भी बढ़ रहा है.

वित्तीय बदलावों से जुड़ी उम्मीदें

मूल वेतन बढ़ने से निजी कर्मचारियों के भविष्य निधि और ग्रेच्युटी में योगदान बढ़ जायेगा, जिसका फायदा कर्मचारियों को सेवानिवृत होने पर मिलेगा.

कम प्रभाव पड़ेगा अर्थव्यवस्था पर

सरकारी कोशिशों के साथ सामाजिक सहकार ने महामारी की चुनौती के बरक्स दूसरा मोर्चा खोल दिया है. ऐसे प्रयासों का आधार सकारात्मक सोच और हौसले का होना ही है.

डिजिटलीकरण का बढ़ता दायरा

कोरोना वायरस के मौत के तांडव ने सत्ता के खोखलेपन को उजागर कर दिया है. यह महामारी राजा या रंक- किसी को भी नहीं बख्शती.

अर्थव्यवस्था को राहत की आस

पिछले साल महामारी ने शहरी जीवन को अस्तव्यस्त कर दिया था, मगर ग्रामीण भारत बहुत हद तक इसके असर से बचा रहा था, लेकिन दूसरी लहर ने गांवों में भी तबाही मचा दी है.

कोरोना काल में राहत की पहल

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के माध्यम से कोरोना काल में 60 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि किसानों के खातों में जमा की गयी है.

राहत पैकेज से मिलेगी संजीवनी

कोरोना की दूसरी लहर से सुधारात्मक कार्यों और आर्थिक गतिविधियों में फिर से गतिरोध आ गया. बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर कम हुए. दूसरी लहर से स्वास्थ्य, पर्यटन, एमएसएमई, किसान प्रभावित हुए.
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