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Saturday, April 19, 2025 | 11:03 pm

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अनिल त्रिगुणायत

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चीन की आक्रामक विस्तारवादी नीति

चीन ने कानूनी पहल कर अपने कब्जे को और अपने दावों को एक वैधानिक आवरण देने की कोशिश की है, जो भारत की दृष्टि से बिल्कुल अवैध प्रयास है.

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का संकल्प

विकसित देश समझ चुके हैं कि भारत की नीति देश में ही निर्माण को प्रोत्साहित करने की है और उन्हें कारोबार के लिए साझा उपक्रम लगाना होगा.

कूटनीति के लिए अहम रहा 2021

विभिन्न पहलों से इंगित होता है कि भारत ने वैश्विक महत्व के मुद्दों को विमर्श के केंद्र में लाया है तथा रचनात्मक सुझाव अंतरराष्ट्रीय मंचों पर दिया है.

चीनी कर्ज का बढ़ता शिकंजा

चीन की रणनीति स्पष्ट है- किसी देश के नेतृत्व को प्रभाव में लेकर कर्ज देना और वहां के संसाधनों और बाजार तक अपनी दीर्घकालिक पहुंच बनाना.

चीन को स्पष्ट संदेश है एप पर पाबंदी

भारत द्वारा चीनी एप पर पाबंदी से चीन की डिजिटल अर्थव्यवस्था को अच्छा-खासा नुकसान होगा क्योंकि इनके लिए भारत बहुत बड़ा बाजार है.

हिंद-प्रशांत में बढ़ता सहयोग और भारत

ऑस्ट्रेलिया और जापान क्वाड समूह के अहम सदस्य हैं तथा उनके आर्थिक हित भी भारत से जुड़े हैं.

आतंकवाद की बढ़ती चुनौती

साल 2023 में भारत शंघाई सहयोग संगठन का अध्यक्ष बनेगा. लिहाजा, उम्मीद है कि आतंक के मसले पर ध्यान केंद्रित हो.

चीनी कर्ज का बढ़ता शिकंजा

चीन की रणनीति स्पष्ट है- किसी देश के नेतृत्व को प्रभाव में लेकर कर्ज देना और वहां के संसाधनों और बाजार तक अपनी दीर्घकालिक पहुंच बनाना.

गहरे होते भारत-यूएई संबंध

खाड़ी देशों के साथ हमारे संबंध परिपक्व और बहुआयामी हो गये हैं क्योंकि भारत ने इनसे रणनीतिक सहयोग के समझौते किये हैं.
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