18.8 C
Ranchi
Tuesday, March 4, 2025 | 02:53 am
18.8 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

भारतीय विमानपत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण संशोधन विधेयक राज्यसभा में पारित

Advertisement

नयी दिल्ली : राज्यसभा ने मंगलवार को देश के नागर विमानन क्षेत्र से जुड़े एक महत्वपूर्ण विधेयक को मंजूरी दे दी जिसमें ऐसे हवाई अड्डों को प्रमुख हवाई अड्डा का दर्जा देने का प्रावधान है जहां एक साल के भीतर 35 लाख से अधिक यात्री आते हैं. वर्तमान परिभाषा के अनुसार, एक साल में 15 […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

नयी दिल्ली : राज्यसभा ने मंगलवार को देश के नागर विमानन क्षेत्र से जुड़े एक महत्वपूर्ण विधेयक को मंजूरी दे दी जिसमें ऐसे हवाई अड्डों को प्रमुख हवाई अड्डा का दर्जा देने का प्रावधान है जहां एक साल के भीतर 35 लाख से अधिक यात्री आते हैं.

वर्तमान परिभाषा के अनुसार, एक साल में 15 लाख यात्रियों के आने पर किसी विमान पत्तन को प्रमुख हवाई अड्डा माना जाता है. उच्च सदन ने इस प्रावधान वाले भारतीय विमानपत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया. इससे पहले विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार देश के हवाई अड्डों का विकास करने और वायु यात्रा की दरों को नीचे रखने के लिए प्रतिबद्ध है. इस विधेयक के कानून बनने के बाद भारतीय विमान पत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण निर्धारित नये हवाई अड्डों के लिए पूर्व निर्धारित शुल्क पर निविदाएं निकाल सकेंगे. उन्होंने कहा कि शुरू में जब मानक तय किये गये थे तो एक साल में 15 लाख यात्री आने पर उसे प्रमुख अड्डा का दर्जा दिया गया था. किंतु इस बीच भारत नागर विमानन क्षेत्र का बहुत विस्तार होने के कारण इस परिभाषा को बदलने की आवश्यकता महसूस हुई. लिहाजा इस विधेयक के जरिये इसे बढ़ाकर 35 लाख यात्री कर दिया गया है.

पुरी ने कहा कि इसकी परिभाषा का विस्तार होने से देश के 16 हवाई अड्डे प्रमुख हवाई अड्डों का दर्जा पायेंगे. भारतीय विमान पत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण इनके उन्नयन एवं आधुनिकीकरण के लिए निविदाएं निकालेंगे और इनकी शुल्क की दरें तय करेंगे. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि देश के जिन हवाई अड्डों का निजीकरण हो चुका है, उनकी शुल्क दरें भारतीय विमान पत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण निर्धारित नहीं करेगा. पुरी ने कहा कि भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा नागर विमानन क्षेत्र है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार इस क्षेत्र के विकास और वायु यात्रा के किराये नीचे रखने के लिए प्रतिबद्ध है.

एयर इंडिया की आर्थिक स्थिति की चिंता करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि इस राष्ट्रीय विमान वाहक की बागडोर भारतीय लोगों के हाथों में ही बनी रहे. उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि सरकार अपना सारा ध्यान किसी एयरलाइंस के घाटे की भरपाई में नहीं लगाये रख सकती है. जेट एयरवेज के कर्मचारियों की दुर्दशा के बारे में विभिन्न दलों के सदस्यों द्वारा चिंता जताये जाने पर नागर विमानन मंत्री ने कहा कि सरकार किसी निजी पक्ष के व्यवसाय के विफल होने की जिम्मेदारी नहीं ले सकती है. उन्होंने कहा कि जेट एयरवेज का मामला समाधान के लिए राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के समक्ष विचाराधीन है. उन्होंने यह भी कहा कि यदि जेट एयरवेज का एनसीएलटी में कोई समाधान नहीं निकला तो सरकार इस मामले को देखेगी. पुरी ने कहा कि सरकार इस बात का प्रयास कर रही है कि जेट एयरवेज के कर्मचारियों को अन्य एयरलाइनों एवं आॅपरेटरों के पास काम मिल जाये. उन्होंने कहा कि सरकार ने ऐसे कर्मचारियों की मदद के लिए एक पोर्टल भी विकसित किया है. उन्होंने कहा कि जेट के 100 ऐसे कर्मचारियों को अन्य जगह पर काम भी मिला है.

नागर विमानन मंत्री ने सदस्यों के इस दावे को गलत बताया कि देश में वायु यात्रा की दरों में बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने कहा कि दिल्ली और मुंबई के बीच के किरायों में पिछले कई सालों में कोई वृद्धि नहीं हुई है. कांग्रेस के विवेक तन्खा ने विधेयक पर हुई चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि इस विधेयक के जरिये विनियामक (रेगुलेटर) के क्षेत्राधिकार को कम किया जा रहा है और निजी कंपनियों को बढ़ावा दिया जा रहा है. ऐसे में निजी कंपनियां हमारे नियंत्रण से बाहर हो जायेंगी और मनमाने तरीके से शुल्क तय करने लगेंगी. उन्होंने कहा कि विधेयक में किये जा रहे संशोधनों से उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा नहीं की जा सकेगी.

भाजपा के महेश पोद्दार ने कहा कि विधेयक के प्रस्तावों के देश के विमानन उद्योग पर दूरगामी प्रभाव होंगे और देश में विमान यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए देश में हवाईअड्डों की संख्या और बढ़ेगी. ऐसे में अलाभप्रद हवाईअड्डों के बेहतर रख-रखाव एवं प्रबंधन के लिए निजी निवेशकों की ओर ध्यान देना होगा और इसके लिए उन्हें रियायतें भी देने की आवश्यकता है जिससे वे निवेश के लिए प्रेरित होंगे. अन्नाद्रमुक के एन गोकुलकृष्णन ने कहा कि प्रस्तावित संशोधनों के जरिये विमानन क्षेत्र में विनियामक की भूमिका को मजबूत करने के बजाय उसे कम किया जा रहा है. उन्होंने संशोधनों का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार को विभिन्न शुल्कों को तय करके निजी कंपनियों को यह काम सौंपने के बारे में सोचना चाहिए.

तृणमूल कांग्रेस के अहमद हसन ने कहा कि सरकार ‘देश बेचने की नीति’ पर चल रही है. उन्होंने कहा कि मौजूदा सत्र में सरकार ने सात विधेयक पारित कराये हैं, लेकिन इसमें से कोई भी विधेयक संसद की स्थायी समिति के पास नहीं भेजा गया और ऐसा करके सरकार विभिन्न विधेयकों की समीक्षा किये जाने से बच रही है. उन्होंने कहा कि विधेयक में संशोधनों के जरिये भारतीय विमानपत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकार के अधिकार क्षेत्र को सीमित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मूल विधेयक का उद्देश्य अधिक से अधिक हवाईअड्डों को विनियमन के दायरे में लाना था, लेकिन मौजूदा विधेयक के कारण अधिकांश हवाईअड्डे इसके दायरे से बाहर हो जायेंगे. सपा के सुरेंद्र सिंह नागर ने कहा कि सरकार जिस तरह से निजीकरण की ओर बढ़ रही है और वायु टिकट महंगे हो रहे हैं, उससे विमानन क्षेत्र में यात्रियों की संख्या की वृद्धि दर प्रभावित होगी. इसके अलावा निजी कंपनियां शुल्कों के रूप में आम आदमी से कितना वसूल करेंगी, इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं है. उन्होंने एयर इंडिया की खस्ता हालत पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि विधेयक से रोजगार कम होंगे.

बीजद के अमर पटनायक, जदयू के आरसीपी सिंह, टीआरएस के डॉ प्रकाश बंदा, माकपा के इलावम करीम, राजद के मनोज कुमार झा, वाईआरएस कांग्रेस के वी विजयसाई रेड्डी, कांग्रेस के वीके हरिप्रसाद, द्रमुक के तिरुचि शिवा, आप के संजय सिंह, बसपा के वीर सिंह, भाजपा के रामकुमार वर्मा, भाजपा के हषवर्घन सिंह डुंगरपुर और सुरेश प्रभु ने भी चर्चा में भाग लेते हुए नागर विमानन क्षेत्र में यात्री सुविधाएं बढ़ाने और यात्री किराया कम किये जाने की मांग की.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें
Home होम Videos वीडियो
News Snaps NewsSnap
News Reels News Reels Your City आप का शहर