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फारूक अब्दुल्ला पीएसए के तहत गिरफ्तार, घर को जेल घोषित किया गया

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श्रीनगर : जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के पांच अगस्त के केंद्र के फैसले के बाद से कथित तौर पर नजरबंद रखे गये पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को अब कठोर प्रावधानों वाले जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत गिरफ्तार किया गया है जो अधिकारियों को किसी व्यक्ति को बिना मुकदमे के छह महीने […]

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श्रीनगर : जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के पांच अगस्त के केंद्र के फैसले के बाद से कथित तौर पर नजरबंद रखे गये पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को अब कठोर प्रावधानों वाले जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत गिरफ्तार किया गया है जो अधिकारियों को किसी व्यक्ति को बिना मुकदमे के छह महीने तक हिरासत में रखने की अनुमति देता है.

सूत्रों ने सोमवार को बताया कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के 81 वर्षीय संरक्षक के विरुद्ध कड़ा कानून रविवार को लगाया गया. जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त किये जाने के बाद से अब्दुल्ला कथित तौर पर अपने घर में ही बंद थे. सूत्रों ने बताया कि अब्दुल्ला के खिलाफ पीएसए लगाये जाने के बाद गुपकर मार्ग स्थित उनके आवास को ही जेल घोषित किया गया है. उन्हें पीएसए के ‘लोक व्यवस्था’ प्रावधान के तहत गिरफ्तार किया गया है जो अधिकारियों को किसी व्यक्ति को बिना मुकदमे छह महीने तक हिरासत में रखने की अनुमति देता है. पीएसए के तहत दो प्रावधान हैं ‘लोक व्यवस्था’ और ‘राज्य की सुरक्षा को खतरा’. पहले प्रावधान के तहत किसी व्यक्ति को बिना मुकदमे के छह महीने तक और दूसरे प्रावधान के तहत किसी व्यक्ति को बिना मुकदमे के दो साल तक हिरासत में रखा जा सकता है.

तीन बार मुख्यमंत्री रहे अब्दुल्ला वर्तमान में श्रीनगर से लोकसभा सदस्य हैं. वह मुख्यमंत्री पद पर रहे ऐसे पहले व्यक्ति हैं जिन्हें पीएसए के तहत नामजद किया गया है. पूर्व मुख्यमंत्री को अदालत के समक्ष पेश करने का आग्रह करने वाली याचिका पर उच्चतम न्यायालय द्वारा सोमवार को केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन से जवाब मांगने से एक दिन पहले अब्दुल्ला को पीएसए के तहत हिरासत में लिया गया. याचिका एमडीएमके नेता वाइको ने दायर की थी. उन्होंने अब्दुल्ला की रिहाई की मांग की थी जिससे कि वह चेन्नई में एक कार्यक्रम में शामिल हो सकें. वाइको और अब्दुल्ला चार दशक से एक-दूसरे के करीबी मित्र हैं. पीएसए केवल जम्मू कश्मीर में लागू है, जबकि देश के अन्य हिस्सों में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) है. फारूक अब्दुल्ला के पुत्र एवं पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती तथा अन्य कई नेता भी पांच अगस्त के बाद से कथित हिरासत में हैं.

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