20.1 C
Ranchi
Wednesday, February 12, 2025 | 10:30 pm
20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

शुभ विवाह : मंगल के साथ शनि और राहु भी दाम्पत्य सुख पर डालते हैं कुदृष्टि, इन उपायों से जल्द बजती है शहनाई

Advertisement

मार्कण्डेय शारदेय ज्योतिष व धर्मशास्त्र विशेषज्ञ संपर्क : 8709896614 यह प्रारब्ध ही है कि किसी-किसी का काम आसानी से निकलता चलता है, तो किसी-किसी की मुसीबतें पीछा छोड़ने का नाम ही नहीं लेतीं. विवाह के मामले में भी देखा जाये तो कुछ लड़के-लड़कियों के साथ ‘चट मंगनी पट विवाह’ वाली कहावत चरितार्थ हो जाती है, […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

मार्कण्डेय शारदेय
ज्योतिष व धर्मशास्त्र विशेषज्ञ
संपर्क : 8709896614
यह प्रारब्ध ही है कि किसी-किसी का काम आसानी से निकलता चलता है, तो किसी-किसी की मुसीबतें पीछा छोड़ने का नाम ही नहीं लेतीं. विवाह के मामले में भी देखा जाये तो कुछ लड़के-लड़कियों के साथ ‘चट मंगनी पट विवाह’ वाली कहावत चरितार्थ हो जाती है, तो कुछ के साथ ऐसा नहीं हो पाता.
ज्योतिष भी कर्मफल से दूर नहीं. ग्रहीय स्थिति, दशाक्रम आदि भी एक तरह से इसके संकेतक ही होते हैं. जन्मकुंडली या चंद्रकुंडली के लग्न, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम तथा द्वादश भावों में से किसी में मंगल का रहना भौम दोष कहा जाता है. यदि चंद्र से भी हो, तो प्रबल माना जाता है. ऐसे में विवाह में विलंब होता है. हां, भौम दोष के बावजूद लग्न, चतुर्थ, सप्तम, नवम एवं द्वादश में से किसी में शनि हो, तो यह दोष नहीं माना जाता. पुनः मेष का मंगल लग्न में, वृश्चिक का चतुर्थ में, मीन का सप्तम में, कुम्भ का अष्टम में और धनु का द्वादश में हो, तो भौम दोष अमान्य है. इसी तरह बली गुरु, लग्नगत या सप्तमस्थ शुक्र तथा वक्री, नीच व अस्त मंगल भी मंगलीक दोष से दूर रहता है.
सामान्यतः लोग मंगल को लेकर ही परेशान रहते हैं, पर वही नहीं, शनि, राहु भी मंगल की तरह पृथक्कारक हैं. जन्मकुंडली के सप्तम भाव को दाम्पत्य गृह माना गया है, जिसमें इनकी उपस्थिति या तो विवाह ही नहीं होने देती, यदि दैवयोग से हो भी गया, तो पारस्परिक प्रेम बढ़ाने के बदले जहर ही घोल देती है. इन तीनों में किसी एक की स्थिति भी बाधक ही रहती है, जहां तीनों हो जायें, वहां क्या कहना!
विषकन्या योग
कुछ लड़कियों के साथ एक अन्य दुर्योग भी होता है, जिसे ‘विषकन्या योग’ कहते हैं. यह भी विवाह में बाधक व सौभाग्य के लिए घातक होता है. शास्त्रमत से इसके चार रूप हैं –
1. आश्लेषा नक्षत्र रविवार या शनिवार एवं द्वितीया तिथि में जन्म.
2. कृत्तिकायुत शनिवार व मंगलवारयुत शतभिषा नक्षत्र एवं सप्तमी तिथि में जन्म.
3. शतभिषा नक्षत्र के साथ मंगलवार अथवा विशाखा नक्षत्र रविवार एवं द्वादशी तिथि में जन्म.
4. लग्न में दो शुभ ग्रह हों, षष्ठ भाव में दो पाप ग्रह हों तथा दशम में कोई पाप ग्रह हो, तो भी ‘विषकन्या योग’ माना जाता है. किंतु जन्मकुंडली या चंद्रकुंडली के सप्तम में सप्तमेश या कोई शुभ ग्रह हो तो विषभंग माना जाता है. यानी विषकन्या योग नहीं होता.
इन उपायों से जल्द बजती है शहनाई
आप उपर्युक्त बाधक तत्त्वों पर ध्यान दें. इसके बाद आकलन करें कि बाधा किस कारण है? यदि निर्दिष्ट में से कोई ग्रहयोग दिखे, तो जो-जो ग्रह अवरोधक हैं, उनके निमित्त जप, दान व पूजन करें. यदि तीन से अधिक ग्रह बाधा डाल रहे हों, तो नवग्रह-शांति कराएं.
सहज उपायों में यदि बेटी के विवाह में बाधा आ रही हो, तो उससे बृहस्पतिवार को पीली वस्तुएं अवश्य दान कराएं तथा तुलसीदास कृत ‘पार्वतीमंगल’ का पाठ कराएं. इसी तरह बेटे से शुक्रवार को सुगंधित वस्तुएं व सफेद वस्त्र, स्त्रियोचित शृंगार-सामग्री आदि दान कराएं. ‘शुक्रस्तोत्र’ का पाठ भी उत्तम रहेगा.
बेटियां ‘कात्यायनी-मन्त्र’ का जप करें. इसके लिए अष्टमी, नवमी या चतुर्दशी तिथि से लाल वस्त्र पहनकर केले के पत्ते के आसन पर बैठकर दुर्गाजी की प्रतिमा के बायीं ओर सरसों तेल का दीप जलाकर यथाशक्ति देवीपूजन कर यह मंत्र नित्य कम-से-कम एक माला जपें-
‘कात्यायनि!महामाये! महायोगिन्यधीश्वरि।
नन्द-गोपसुतं देवि! पतिं मे कुरु ते नमः’।।
इसी तरह लड़के दुर्गाजी की पूजा कर घी का दीप प्रतिमा के दायीं ओर जलाकर लाल आसन पर बैठकर इस मंत्र का जप करें-
‘पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणीम्।
तारिणीं दुर्ग-संसार-सागरस्य कुलोद्भवाम्’।।
यों तो लड़कों के विवाहार्थ शुक्र तथा लड़कियों के लिए गुरु मुख्य हैं, अतः इनसे संबंधित जप और दान अनुकूल फल देते हैं. पुनः चंद्र-शुक्र एवं गुरु-बुध स्त्रीकारक ग्रह बताये गये हैं, अतः लड़कियां हों या लड़के, दोनों आनुष्ठानिक विधि से चंद्र-मंत्र (ऊँ सों सोमाय नमः) का 44 हजार, शुक्र-मंत्र (ऊँ शुं शुक्राय नमः) का 64 हजार, गुरुमंत्र (ऊँ बृं बहस्पतये नमः) का 76 हजार तथा बुधमंत्र (ऊँ बुं बुधाय नमः) का 36 हजार जप करें या जापक से कराकर क्रमशः पलाश, गूलर, पीपल एवं चिचिड़ी की लकड़ी से दशांश हवन करें.
यदि स्वयं जप करना संभव न हो, तो योग्य एवं संस्कारी जापक से सवा लाख या चौवन हजार आनुष्ठानिक विधि से जप कराना भी शुभ फलदायी है.
विवाह में विलंब के कारक ग्रहीय स्थिति
अब विवाह में विलंब के कारक व घातक ग्रहीय स्थिति से विचार करें, तो ये प्रमुख 10 हैं –
1. लग्न, सप्तम, द्वादश- इन भावों में पाप ग्रह हों और पंचम भाव में निर्बल चंद्र हो.
2. यदि दाम्पत्य भाव का स्वामी (सप्तमेश) नीच का या अस्त का होकर षष्ठ, अष्टम, द्वादश में से किसी भाव में हो.
3. शनि के साथ चंद्र सप्तमस्थ हो.
4. शुक्र-बुध अगर सप्तम में रहें.
5. सप्तम भाव में षष्ठ, अष्टम या द्वादश किसी भाव का स्वामी हो तथा शुभ दृष्टि न रख रहा हो.
6. किसी भाव में चंद्र-शुक्र की युति हो, शनि के साथ मंगल चंद्र से सप्तम स्थान में हो.
7. शुक्र, बुध एवं शनि नीच नवांश के हों.
8. शुक्र पाप ग्रह के साथ पंचम, सप्तम या नवम भाव में हो.
9. शुक्र के साथ मंगल सप्तम या पंचम, सप्तम या नमवस्थ
में हो.
10. सप्तमेश द्वादश भाव में और लग्नेश चंद्रराशि के स्वामी के साथ सप्तम भाव में हो.
मात्र ये ही दस कारण नहीं और भी कितने ऐसे कारक हैं, जो विवाह होने ही नहीं देते. यदि हो भी गया तो दाम्पत्य सुख नहीं रहता. यदि दाम्पत्य निभ भी रहा, तो संतान सुख में बाधा आ जाये. यानी कहीं-न-कहीं से समस्याएं मुंह बाये खड़ी रहें.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें