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नगालैंड के चमगादड़ों पर हुए शोध की जांच के आदेश, सरकार की इजाजत के बगैर विदेशी शोधार्थियों ने किया अध्ययन

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भारत सरकार की इजाजत के बगैर विदेशी शोधार्थियों ने किया अध्ययन, अमेरिका ने की फंडिंग केंद्र सरकार ने इबोला, मारबर्ग और सार्स जैसे घातक वायरस के लिए एंटीबॉडी ले जाने वाले चमगादड़ों और मनुष्यों पर अमेरिका, चीन और भारत के शोधकर्ताओं द्वारा नगालैंड में किये गये एक शोध की जांच का आदेश दिया है. सरकार […]

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भारत सरकार की इजाजत के बगैर विदेशी शोधार्थियों ने किया अध्ययन, अमेरिका ने की फंडिंग

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केंद्र सरकार ने इबोला, मारबर्ग और सार्स जैसे घातक वायरस के लिए एंटीबॉडी ले जाने वाले चमगादड़ों और मनुष्यों पर अमेरिका, चीन और भारत के शोधकर्ताओं द्वारा नगालैंड में किये गये एक शोध की जांच का आदेश दिया है.

सरकार के सूत्रों ने बताया कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने पांच सदस्यीय जांच दल को भेजा था, जिसने अपनी रिपोर्ट स्वास्थ्य मंत्रालय को सौंप दिया है. मंत्रालय इस बात की जांच कर रहा है कि कैसे सरकार की स्वीकृति के बगैर एक विदेशी जांच दल ने नगालैंड में चमगादड़ों पर शोध किया.

दरअसल, 12 सदस्यों की एक शोध टीम ने 2017 में नगालैंड के किफिरे जिला के मिमी गांव में चमगादड़ों और चमगादड़-मानव शिकारियों के 85 सैंपल लिये थे. इन शोधकर्ताओं में दो शोधकर्ता वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ इमर्जिंग डिपार्टमेंट ऑफ वुहान के थे. इस टीम की रिपोर्ट अक्तूबर-2019 के पीएलओएस के नेगलेकटेड ट्रोपिकल डिजिजेज जर्नल में ‘पूर्वोत्तर भारत में चमगादड़ों और मानव में फाइलोवायरस, प्रतिक्रिया एंटीबॉडिज का जूनोटिक फैलाव’ के शीर्षक से प्रकाशित हुई थी.

इस शोध कार्यक्रम को अमेरिका के रक्षा विभाग के अधीन रक्षा आशंका पराभव एजिंस, डीटीआरए ने वित्त पोषित किया था. इस अध्ययन ने नगालैंड में चमगादड़ों में फाइलोवायरस की मौजूदगी होने की पुष्टि की थी. साथ ही चमगादड़ों से इस वायरस समूह का चमगादड़ों के शिकारियों में प्रवेश होने की पुष्टि हुई थी. बताया जा रहा है कि चमगादड़ों से कोरोना वायरस का फैलाव हो सकता है, क्योंकि कोरोना वायरस भी फाइलोवायरस समूह का ही एक वायरस है.

इबोला जैसे घातक वायरस मिले थे शोध में, चीन भी था शामिल

अध्ययन में ये 12 शोधार्थी थे शामिल

इस शोध टीम में 12 शोधकर्ता शामिल थे. इनमें भारत से टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, टीआइएफआर और नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल साइंसेज, एनसीबीएस, चीन से वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, अमेरिका से यूनिफॉर्मेड सर्विसेज यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज और सिंगापुर से ड्यूक नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर शामिल हैं.

चमगादड़ों के ब्लड सीरम में मिले थे फाइलोवायरस के समूह

रिपोर्ट के मुताबिक, इन चमगादड़ों के ब्लड सीरम में फाइलोवायरस समूह पाये गये थे, जो मानव और अन्य जानवरों में पाये जाने वाले एंटीबॉडिज के प्रति सक्रिय हैं. फाइलोवायरस से इबोला, मारबर्ग, डाइनवायरस और कोरोना वायरस के पनपने की संभावना होती है. यही वायरस नगालैंड से 800 किमी दूर चीन के वुहान में भी मिले हैं.

एंडीबॉडीज के भी प्रमाण

नगालैंड के मिमी गांव के जिन 85 लोगों के सैंपल लिये गये हैं, उनमें से पांच में ऐसे एंटीबॉडिज की मौजूदगी मिली हैं, जो फाइलोवायरस के खिलाफ प्रतिरोधक प्रतिक्रिया करने के प्रमाण मिले हैं.

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