20.1 C
Ranchi
Sunday, February 23, 2025 | 08:51 pm
20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

सतर्कता: दिल्ली से आने वाले मजदूरों की स्वास्थ्य की स्कैनिंग कर भेजा गया उनके गांव, अधिकारियों ने संभाली व्यवस्था

Advertisement

यूपी के सीमा पर स्थित बलथरी चेकपोस्ट पर पिछले तीन दिनों से अफरा-तफरी का माहौल था. दिल्ली से मजदूरों के लौटने की संख्या में काफी कमी है. इसके बाद भी लगभग तीन हजार की संख्या में देर शाम तक दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, यूपी से लोगों का आना जारी था.

Audio Book

ऑडियो सुनें

कुचायकोट(गोपालगंज) : यूपी के सीमा पर स्थित बलथरी चेकपोस्ट पर पिछले तीन दिनों से अफरा-तफरी का माहौल था. दिल्ली से मजदूरों के लौटने की संख्या में काफी कमी है. इसके बाद भी लगभग तीन हजार की संख्या में देर शाम तक दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, यूपी से लोगों का आना जारी था. चेक पोस्ट पर प्रशासन के अधिकारी लगातार कैंप कर एक-एक मजदूरों का इंट्री नाम, पता दर्ज कराने के बाद उनके हेल्थ की स्कैंनिंग करने के बाद उनके जिलों में भेजा जा रहा था. सुबह से देर शाम तक ट्रकों, ऑटो रिक्शा, टैंकर, जुगाड़ गाड़ी, रिक्शा से सवार होकर मजदूरों का काफिला आता रहा. डीएम अरशद अजीज पुलिस कप्तान मनोज कुमार तिवारी के अलावे डीटीओ प्रमोद कुमार, एसडीओ उपेंद्र कुमार पाल, एसडीपीओ नरेश पासवान, वरीय उपसमाहर्ता इति चतुर्वेदी राहुल सिन्हा आदि स्थिति को संभाले हुए थे. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उनके स्वास्थ्य की जांच करने के साथ ही एक-एक लोगों को सुरक्षित उनके घर तक पहुंचाने का इंतजाम किया. डीएम ने बताया कि देर रात तक लोगों के आने की संभावना है. सैनिटाइज करा कर भेजी गयी बसें चेकपोस्ट पर एक-एक बसों को सैनिटाइज करने के बाद भेजी गयी. बसों को सैनिटाइज कराने के साथ ही एक-एक यात्रियों की नाम पता दर्ज कराने के बाद उनको बस में बैठाया गया. उनका मोबाइल नंबर भी रखा गया है ताकि परेशानी ना हो. प्रशासन ने जिस जिले के मजदूर है उनके सूची को वहां के जिला प्रशासन को भेज रहा ताकि उनके उपर नजर रखी जा सके. यात्रियों का झूठ, चालक पर पड़ा भारीबलथरी चेकपोस्ट पर 40 यात्रियों ने पटना जाने के लिए अपना नाम दर्ज कराया.

प्रशासन ने एक बस पटना के लिए भेज दिया. पटना पहुंचने के बाद यात्रियों ने भागलपुर जाने की बात कही. बस चालक ने बस में तेल नहीं होने की बात कह कर इन्कार किया तो पुलिस वालों ने उसे पीटा भी. बाद में चालक ने डीटीओ प्रमोद कुमार को फोन कर रोने लगा तो उन्होंने पटना के डीटीओ से बात किया. बाद में उनको तेल दिलाया गया तो मजदूरों को भागलपुर भेजा गया. शिक्षकों ने संभाला इंट्री का कमानचेक पोस्ट पर जब अफरा-तफरी का माहौल हो गया तो प्रशासन के आदेश पर हड़ताली शिक्षकों ने इंट्री का कमान संभाला. स्थापना के डीपीओ अनिल कुमार द्विवेदी के नेतृत्व में शिक्षक नेता शक्तिनाथ तिवारी, भुनेश्वर शुक्ला, सत्येंद्र तिवारी, सुधांशु पांडेय, सुभाष यादव, सुरेंद्र राय आदि समेत सैकड़ों की संख्या में ने कमान संभालकर प्रशासन को भरपुर सहयोग किया. अपनी पीड़ा सुनाकर रो पड़ा युवक समस्तीपुर के बृजेश कुमार दिल्ली के करोलबाग में एक मिल में प्रोडेक्शन इंचार्ज थे.

जब लॉकडाउन हुआ तो परिवार के साथ परेशासन थे. 22 मार्च के बाद एक-दो दिन तो किसी तरह कट गए, लेकिन देशभर में लॉकडाउन होने पर सभी साथी भागने लगे. अब वहां कोई नहीं रह गया है. यूपी और बिहार के सभी लोग अपने घर के लिए निकल गए हैं. स्थानीय लोग डर के मारे बात करने से भी कतराने लगे हैं. जब रोजी नहीं रहेगी तो रोटी कहां से मिलेगी. आखिर कब तक सड़क पर पड़े रहते. सबकुछ बंद हो गया है. कोई सुविधा नहीं मिल रही है. घर पर रहना ही अच्‍छा है.इसी उम्मीद में पैदल पहुंचकर यूपी में बस से भागते हुए आये. जहां ठहरे थे वहां खाना बनना बंद हो गया था. यह अकेले बृजेश का ही नहीं बल्कि अधिकतर लोगों का यही पीड़ा था.लोगों को दूर-दूर बैठने का दिया जाता रहा चेतावनीबलथरी चेकपोस्ट पर विभिन्न जिलों के लिए बसे चलायी जा रही. चेक पोस्ट पर प्रशासन उन्हें दूर-दूर बैठने के लिए लगातार प्रेरित करता रहा. प्रशासन की चेतावनी के बाद भी घर जाने की बेचैनी ने कायदे-कानून को ध्वस्त कर दिया था.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें