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महाराष्ट्र: लॉकडाउन के बीच किशोर निगरानी केंद्र में रहने वाले बच्चों ने विकसित किया जैविक सब्जी बगीचा

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महाराष्ट्र के पुणे में किशोर निगरानी केंद्र में रहने वाले बच्चों ने परिसर में सब्जी बगीचा विकसित किया है जिससे उन्हें रोजाना ताजी और जैविक सब्जियां खाने को मिल रही हैं.

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महाराष्ट्र के पुणे में किशोर निगरानी केंद्र में रहने वाले बच्चों ने परिसर में सब्जी बगीचा विकसित किया है जिससे उन्हें रोजाना ताजी और जैविक सब्जियां खाने को मिल रही हैं. अधिकारियों ने बताया कि पुणे के यरवदा इलाके में जवाहरलाल नेहरू औद्योगिक केंद्र में स्थित निगरानी केंद्र में यह बगीचा न सिर्फ ताजी सब्जियों का स्रोत है, बल्कि विभिन्न जुर्म करने के आरोपों में यहां रखे गए किशोरों को सार्थक गतिविधियों में भी लगा रहा है.

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केंद्र के अधीक्षक जीएन पडघन ने पीटीआई-भाषा को बताया, सब्जी बागीचा कुछ वक्त पहले एनजीओ हॉप फॉर द चिल्ड्रन फाउंडेशन (एचएफसीएफ) और इको फैक्टरी फाउंडेशन के साथ मिलकर स्थापित किया गया था. उन्होंने कहा, “इन दोनों संगठनों की मदद से, हमने पिछले साल दिसंबर में जैविक खेती के लिए अपने परिसर में भूमि के एक हिस्से का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया. ” पडघन ने कहा कि इसका उद्देश्य ताजी सब्जियों की पैदावार करना, बच्चों को यह मुहैया कराना था तथा उन्हें नया कौशल सीखने में मदद करना था.

साथ में केंद्र की खाद्य आपूर्ति में सहयोग करना भी था. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन अमल में आने के बाद, बगीचे ने जैविक बैंगन, टमाटर, सेम, गाजर, आलू, प्याज़, लौकी, भिंडी, मक्का, पालक, मेथी, हरि मिर्च, धनिया आदि की उपज देना शुरू कर दिया. उन्होंने बताया कि केंद्र को जितनी सब्जी की जरूरत पड़ती है, वह बगीचे से पूरी हो जाती है. पडघन ने बताया कि निगरानी केंद्र में पहले 35 किशोर थे, लेकिन कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद, उनमें से कुछ को घर भेज दिया गया है. अब करीब 13 बच्चे यहां रह रहे हैं.

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