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Economic Package 2 : प्रवासी मजदूरों को दो महीने बिना राशन कार्ड के मुफ्त अनाज, जानें मोदी सरकार ने और दिया…

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Economic Package 2 वित्त मंत्री (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा, जुलाई तक 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को राशन के लिए 3,500 करोड़ का प्रावधान किया गया है. प्रति व्यक्ति 2 महीने मुफ्त 5-5 किलो चावल और गेहूं और 1 किलो चना प्रत्येक परिवार को दिया जाएगा. राज्यों को लाभ पहुंचाना होगा. जिनके पास राशन कार्ड नहीं हैं, उन्हें भी लाभ मिलेगा.

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नयी दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को करीब आठ करोड़ प्रवासी कामगारों को अगले दो महीने के लिये मुफ्त अनाज उपलब्ध कराने की घोषणा की. इसके लिये 3,500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.

आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की दूसरी किस्त की घोषणा करते हुए उन्होंने संवाददाता सम्ममेलन में कहा कि जिन आठ करोड़ प्रवासी मजदूरों के पास कोई भी राशन कार्ड नहीं है, उन्हें 5 किलो गेहूं या चावल प्रति व्यक्ति और एक किलो चना प्रति परिवार दो महीने तक मुफ्त मिलेगा.

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इस मौके पर वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर भी मौजूद थे. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही राशन कार्ड को ‘पोर्टेबल’ बनाया जाएगा. यानी प्रवासी मजदूर अपने राशन कार्ड का किसी भी राज्य में उपयोग कर सकेंगे.

वित्त मंत्री ने कहा कि इससे 23 राज्यों में अगस्त तक 67 करोड़ लाभार्थी या सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के दायरे में आने वाले 83 प्रतिशत लाभार्थी इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे. उन्होंने कहा कि मार्च 2021 तक ‘एक देश, एक राशन कार्ड’ की व्यवस्था’ को पूरी तरह से लागू कर दिया जायेगा.

प्रवासी मजदूरों को राशन के लिए 3,500 करोड़ का प्रावधान

वित्त मंत्री ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा, जुलाई तक 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को राशन के लिए 3,500 करोड़ का प्रावधान किया गया है. प्रति व्यक्ति 2 महीने मुफ्त 5-5 किलो चावल और गेहूं और 1 किलो चना प्रत्येक परिवार को दिया जाएगा. राज्यों को लाभ पहुंचाना होगा. जिनके पास राशन कार्ड नहीं हैं, उन्हें भी लाभ मिलेगा. वित्त मंत्री ने ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ की योजना के बारे में कहा, सरकार इस ओर काम कर रही है और इसके लिए मार्च 2021 तक लक्ष्य रखा गया है. वित्त मंत्री ने कहा, इसकी मदद से आप राज्य के किसी भी उचित मुल्य की दुकान से अपना राशन खरीद सकते हैं.

प्रवासी मजदूरों का सस्‍ते किराये के घर

वित्त मंत्री ने अपनी घोषणों में कहा कि केंद्र सरकार प्रवासी मजदूरों के लिए सस्ते किराये के घर की योजना लेकर आएगी. जिससे कि जहां प्रवासी मजदूर काम कर रहे हैं, उन्हें सस्ते में घर मिल सके.

रेहड़ी-पटरी वालों को मिलेगा लोन

लॉकडाउन में पूरी तरह से प्रभावित रेहड़ी-पटरी वालों को भी राहत की घोषणा वित्त मंत्री ने की. उन्‍होंने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में कहा, रेहड़ी-पटरी वालों को भी लोन दिया जाएगा. रेहड़ी-पटरी वाले अब 10,000 रुपये तक का कर्ज ले सकेंगे.

प्रवासी मजदूर और शहरी गरीबों को राहत के राज्‍यों को दिये गये 11000 करोड़ से अधिक की राशि

वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया, प्रवासी मजदूर और शहरी गरीबों को राहत पहुंचाने के लिए आपदा राहत फंड के माध्यम से 11000 करोड़ से अधिक की राशि राज्यों को उपलब्ध करवायी गई. यही नहीं स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए तीन बार का भोजन शेल्टर होम्स में लोगों को उपलब्ध करवाया गया. 12000 स्वंय सहायता समूहों ने 3 करोड़ मास्क और 1,20,000 लीटर सेनिटाइजर का उत्पादन किया है.

आर्थिक पैकेज 1 में क्‍या मिला

गौरतलब है कि भारतीय अर्थव्यवस्था को कोरोना वायरस की मार से उबारने के लिये विशाल पैकज की प्रधानमंत्री की घाषणा पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को पहले चरण में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) को मजबूती देने के लिये करीब छह लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की.

वित्त मंत्री ने एमएसएमई की परिभाषा में बदलाव, ढ़ांचा गत और आवास क्षेत्र की परियोजनाओं को पुरा करने लिए ठेकेदारों और डेवलपर को बिना हर्जाने के छह माह का अतिरिक्त समय देने, टीडीएस और टीसीएस कटौती की दर में चौथाई कमी करने, आयकर रिटर्न जमा करने का समय नवंबर तक बढ़ाने , ईपीएफओ अंशदान में सहूलियत की भी घोषणा की.

इन उपायों से नकदी का प्रवाह बढ़ने और कारोबार में आसानी की उम्मीद है. पहले चरण का पैकेज मुख्यत: छोटी मझोली इकाइयों पर केंद्रित है. इसमें एमएसएमई क्षेत्र के लिए बिना गारंटी के तीन लाख करोड़ रुपये की कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराने और गैर- बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और आवास वित्त कंपनियों (एचएफसी) को और अधिक नकदी उपलब्ध कराने के उपाय जैसी कई घोषणायें शामिल हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा था कि अर्थव्यवस्था को उबारने के लिये 20 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक पैकेज लाएगी. वित्त मंत्री सीतारमण ने इस घोषणा में उन्होंने औद्योगिक अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाने वाले कुटीर और लघु उद्योगों को ध्यान में रखते हुये कधई घोषणायें की.

जहां 100 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाले छोटे एवं मध्यम उद्योगों को कुल मिलाकर तीन लाख करोड़ रुपये तक का गारंटी मुक्त, सस्ती ब्याज दरों वाला सावधिक ऋण उपलब्ध कराने की घोषणा की वहीं फंसे कर्ज और दबाव झेल रहे दो लाख के करीब एमएसएमई के लिये 20 हजार करोड़ रुपये के नये गौण कर्ज दिलाने का प्रावधान किया.

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