14.1 C
Ranchi
Thursday, February 13, 2025 | 03:38 am
14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

अर्थी उठने वाली थी कि पता चला दूसरे का है श‍व

Advertisement

अर्थी उठने वाली थी कि पता चला दूसरे का है श‍व

Audio Book

ऑडियो सुनें

मुजफ्फरपुर/कुढ़नी : एसकेएमसीएच में पोस्टमार्टम करनेवालों और पुलिस की बड़ी लापरवाही बुधवार को सामने आयी. कुढ़नी थाने के सकरी सरैया गांव के विनोद सिंह के बदले अहियापुर के दिलीप पटेल का शव उनके घर भेज दिया गया. विनोद सिंह के परिजन दाह-संस्कार करने के लिए शव को अर्थी पर लेकर जा ही रहे थे कि मेडिकल कॉलेज की पुलिस ने फोन कर शव बदले जाने की सूचना दी. इसके बाद अफरातफरी मच गयी. उधर, एसकेएमसीएच में दिलीप पटेल के परिजन भी शव न मिलने पर परेशान रहे. इसको लेकर पोस्टमार्टम कक्ष के बाहर करीब एक घंटे तक हंगामा हुआ.

सकरी सरैया गांव के विनोद सिंह की मौत सड़क दुर्घटना में हुई थी, जबकि अहियापुर थाना क्षेत्र के मिठनसराय गांव के दिलीप पटेल की मौत कीटनाशक दवा की वजह से हुई थी. दोनों के शव पोस्टमार्टम के लिए बुधवार को एसकेएमसीएच में लाये गये थे. फोरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सोक्लोजी (एफएमटी) विभाग की लापरवाही से शव की अदला-बदली हो गयी. दिलीप पटेल का शव कुढ़नी के विनोद समझ कर उनके घर भेज दिया गया. परिजनों ने शव को दाह संस्कार करने के लिए अर्थी पर रख दिया था. लोग अर्थी को जैसे ही कंधा लगाने के लिए नीचे झुके तो मेडिकल पुलिस का फोन घरवालों को आया.

बताया गया कि भेजा गया शव दूसरे जगह के मृतक का है. यह सुनते ही घरवालों के साथ मौजूद लोगों में अफरातफरी मच गयी. आनन -फानन में अर्थी से शव को हटाया गया. अर्थी को तोड़ दिया गया. जिस एंबुलेंस से दूसरे जगह के शव को लाया गया, फिर उसी गाड़ी से शव को वापस भेजा गया.पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को पहचान कराये बिना ही मिठनसराय के डेड बॉडी को कुढ़नी वाले के परिजनों को सौंप दिया गया था. शवों की अदला बदली का खुलासा तब हुआ जब दिलीप पटेल के परिजनों को पोस्टमार्टम हाउस में शव नहीं मिला. हंगामा मचा तो पोस्टमार्टम विभाग के कर्मी फरार हो गये.

एमएमटी विभागाध्यक्ष डॉ विपिन कुमार ने आक्रोशित लोगों को समझा बुझाकर शांत कराया. एक घंटे से अधिक समय तक अफरातफरी मची रही. अन्य शव की पोस्टमार्टम कार्य भी ठप रहा. डॉक्टर नहीं, पुलिस दोषी : एचओडीएफएमटी के एचओडी विपिन कुमार ने कहा कि हम तो पोस्टमार्टम करते हैं. पोस्टमार्टम के लिए डेड बॉडी पुलिस से ली जाती है. फिर पुलिस को ही लौटायी जाती है. पहचान करके लोगों को डेड बॉडी देने का काम पुलिस का है. इसमें यदि कोई गड़बड़ी होती है तो उसके लिए डॉक्टर जिम्मेदार नहीं हैं.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें