16.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

… तो क्या स्विस बैंक में अब जमा नहीं हो रहा भारतीयों का कालाधन, जानिए क्या कहते हैं एसएनबी आंकड़े?

Advertisement

तो क्या स्विट्जरलैंड के बैंकों में भारतीयों का कालाधन जमा नहीं हो रहा है, क्योंकि वहां के केंद्रीय बैंक की ओर से जारी ताजा आंकड़े तो फिलहाल इसी बात का संकेत दे रहे हैं. स्विट्जरलैंड के बैंकों में भारतीय नागरिकों तथा कंपनियों के जमा धन के मामले में भारत तीन स्थान फिसलकर 77वें स्थान पर पहुंच गया है. स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक के ताजा आंकड़ों में यह जानकारी मिली है. इस सूची में ब्रिटेन पहले स्थान पर कायम है. पिछले साल भारत इस सूची में 74वें स्थान पर था.

Audio Book

ऑडियो सुनें

नयी दिल्ली/ज्यूरिख : …तो क्या स्विट्जरलैंड के बैंकों में भारतीयों का कालाधन जमा नहीं हो रहा है, क्योंकि वहां के केंद्रीय बैंक की ओर से जारी ताजा आंकड़े तो फिलहाल इसी बात का संकेत दे रहे हैं. स्विट्जरलैंड के बैंकों में भारतीय नागरिकों तथा कंपनियों के जमा धन के मामले में भारत तीन स्थान फिसलकर 77वें स्थान पर पहुंच गया है. स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक के ताजा आंकड़ों में यह जानकारी मिली है. इस सूची में ब्रिटेन पहले स्थान पर कायम है. पिछले साल भारत इस सूची में 74वें स्थान पर था.

- Advertisement -

स्विस नेशनल बैंक (एसएनबी) द्वारा जारी वार्षिक बैंकिंग आंकड़ों से पता चलता है कि भारतीय नागरिकों और कंपनियों द्वारा धन जमा करने के मामले में भारत काफी निचले पायदान पर आता है. स्विस बैंकों में विदेशियों द्वारा जमा धन में भारतीयों का हिस्सा मात्र 0.06 फीसदी है. वहीं, 2019 के अंत तक सूची में पहले स्थान पर रहने वाले ब्रिटेन के नागरिकों का कुल जमा धन में हिस्सा 27 फीसदी है.

एसएनबी के ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारतीय नागरिकों तथा कंपनियों (भारत में स्थित शाखाओं के जरिये जमा सहित) का स्विस बैंकों में जमा धन 2019 में 5.8 फीसी घटकर 89.9 करोड़ स्विस फ्रैंक (6,625 करोड़ रुपये) रह गया. यह स्विस बैंकों की भारतीयों ग्राहकों के प्रति ‘कुल देनदारी’ है. इनमें भारतीय ग्राहकों के सभी तरह के खाते शामिल हैं. मसलन, व्यक्तिगत लोगों, बैंकों और कंपनियों की जमा. इन आंकड़ों में भारत में स्विस बैंकों की शाखाओं में जमा भी शामिल है.

एसएनबी की ओर से जारी आंकड़े आधिकारिक बताए जा रहे हैं, जो वहां के बैंकों ने एसएनबी को दिये हैं. इनसे स्विट्जरलैंड में जमा भारतीयों के कालेधन का संकेत नहीं मिलता है, जिसको लेकर हमेशा चर्चा होती रहती है. इन आंकड़ों में उन भारतीयों, प्रवासी भारतीयों या अन्य का धन शामिल नहीं है, जो स्विस बैंकों में तीसरे देशों की इकाइयों के नाम पर रखे गये हैं.

एसएनबी की सूची में ब्रिटेन पहले स्थान पर है. उसके बाद अमेरिका दूसरे, वेस्ट इंडीज तीसरे, फ्रांस चौथे और हांगकांग पांचवें स्थान पर है. स्विस बैंकों में जमा कुल धन में टॉप के पांच देशों का हिस्सा 50 फीसदी से अधिक है. वहीं, शीर्ष 10 देशों का हिस्सा 66 फीसदी से अधिक है. सूची में टॉप 15 देशों का हिस्सा 75 फीसदी और टॉप 30 देशों का हिस्सा करीब 90 फीसदी है.

Also Read: कालाधन के खिलाफ कार्रवाई : भारत को सितंबर से मिलने लगेगा भारतीयों के स्विस बैंक में खातों का ब्योरा

टॉप के 10 देशों में जर्मनी, लक्जमबर्ग, बहामास, सिंगापुर और केमैन आइलैंड भी शामिल है. सिर्फ 22 देश ऐसे हैं, जिनका स्विस बैंकों में जमा धन में हिस्सा एक फीसदी या उससे अधिक है. इनमें चीन, जर्सी, रूस, सऊदी अरब, ऑस्ट्रेलिया, पनामा, इटली, साइप्रस, यूएई, नीदरलैंड, जापान और गर्न्जी शामिल हैं.

ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) देशों की बात जाए, तो भारत सूची में सबसे निचले स्थान पर है. ब्रिक्स देशों में रूस सबसे ऊंचे पायदान 20वें स्थान पर है. 2018 में भी वह इसी स्थान पर था. चीन भी पिछले साल के समान 22वें स्थान पर है. दक्षिण अफ्रीका दो पायदान चढ़कर 56वें स्थान पर पहुंच गया है. वहीं, ब्राजील 62वें स्थान पर है. पिछले साल वह 65वें स्थान पर था.

सूची में भारत से ऊपर वाले देशों में केन्या (74वें), मॉरीशस (68वें), न्यूजीलैंड (67वें) वेनेजुएला (61वें), यूक्रेन (58वें), फिलिपीन (51वें), मलेशिया (49वें), सेशेल्स (45वें), इंडोनेशिया (44वें), दक्षिण कोरिया (41वें), थाइलैंड (37वें), कनाडा (36वें), इस्राइल (28वें), तुर्की (26वें), मेक्सिको (26वें), ताइवान (24वें) सऊदी अरब (19वें), ऑस्ट्रेलिया (18वें), इटली (16वें), यूएई (14वें), नीदरलैंड (13वें), जापान (12वें) और गर्न्जी 11वें स्थान पर हैं.

हालांकि, कई पड़ोसी देश सूची में भारत से नीचे हैं. इनमें पाकिस्तान 99वें, बांग्लादेश 85वें, नेपाल 118वें, श्रीलंका 148वें, म्यामां 186वें और भूटान 196वें स्थान पर हैं. इन सभी देशों की जमा में 2019 में गिरावट आई है.

Posted By : Vishwat Sen

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें