15.1 C
Ranchi
Tuesday, February 4, 2025 | 04:25 am
15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

टिड्डी हमला : दिल्ली सरकार ने सभी जिलों को हाईअलर्ट पर रखा, परामर्श जारी किया

Advertisement

टिड्डियों के दल के पड़ोसी गुरुग्राम और दिल्ली के कुछ सीमावर्ती इलाकों तक पहुंचने के बाद दिल्ली सरकार ने सभी जिलों को हाईअलर्ट पर रखते हुए जिलाधिकारियों से कहा कि वे दमकल विभाग से कीटनाशक के छिड़काव के लिये संपर्क करें ताकि फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले इन कीटों के संभावित हमले को रोका जा सके.

Audio Book

ऑडियो सुनें

नयी दिल्ली : टिड्डियों के दल के पड़ोसी गुरुग्राम और दिल्ली के कुछ सीमावर्ती इलाकों तक पहुंचने के बाद दिल्ली सरकार ने सभी जिलों को हाईअलर्ट पर रखते हुए जिलाधिकारियों से कहा कि वे दमकल विभाग से कीटनाशक के छिड़काव के लिये संपर्क करें ताकि फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले इन कीटों के संभावित हमले को रोका जा सके.

- Advertisement -

दिल्ली के विकास आयुक्त द्वारा जारी एक परामर्श में कहा गया है कि लोग ढोल, बर्तन, तेज आवाज में संगीत बजाकर, पटाखे छोड़कर या नीम की पत्तियों को जलाकर इन टिड्डियों को भगा सकते हैं.

परामर्श में लोगों से कहा गया है कि वे अपने घरों के दरवाजे और खिड़कियों को बंद रखें और बाहर लगे पौधों को प्लास्टिक की पन्नियों से ढक दें . जिलाधिकारियों को यह परामर्श भी दिया गया है कि वे पर्याप्त कर्मियों को तैनात कर ग्रामीणों और लोगों को इन उपायों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराएं. इसमें कहा गया, “टिड्डियों का दल आम तौर पर दिन में उड़ता है और रात में आराम करता है. इसलिये, उन्हें रात के समय आराम नहीं करने दिया जाना चाहिए.” परामर्श में कहा गया, “रात में मैलाथियान या क्लोरपाइरीफॉस का छिड़काव लाभदायक है. सुरक्षा के लिये छिड़काव के दौरान पीपीई किट का इस्तेमाल किया जा सकता है.”

इससे पहले दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय की अध्यक्षता में वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक हुई जिसमें उन्हें बताया गया कि टिड्डियों का एक दल दक्षिण दिल्ली के असोला भट्टी इलाके में भी पहुंच गया है. उन्होंने जिलों के अफसरों से हाई अलर्ट पर रहने को कहा है. अधिकारियों ने बताया कि वन विभाग को टिड्डियों के दल को भगाने के लिये विभिन्न कदम उठाने के निर्देश दिये गए हैं.

उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों से गुरुग्राम से लगे इलाकों का दौरा करने को भी कहा है. अधिकारियों ने बताया कि विकास सचिव, मंडल आयुक्त, निदेशक, कृषि विभाग और दक्षिण तथा पश्चिम दिल्ली के जिला मजिस्ट्रेट बैठक में शामिल हुए.

अधिकारियों ने कहा, हालांकि ऐसा लग रहा है कि इन कीटों प्रकोप से राष्ट्रीय राजधानी फिलहाल बच जायेगी. कृषि मंत्रालय के टिड्डी चेतावनी संगठन से जुड़े के़ एल. गुर्जर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि करीब दो किलोमीटर के क्षेत्र में फैले टिड्डी दल ने पूर्वाह्न लगभग 11.30 बजे गुरुग्राम में प्रवेश किया. उन्होंने बताया कि टिड्डी दल बाद में हरियाणा के पलवल की ओर बढ़ गए.

कृषि मंत्रालय के मुताबिक, टिड्डों का एक दल दिल्ली में द्वारका की तरफ बढ़ गया, वहां से दौलताबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद और यह झुंड उत्तर प्रदेश में भी प्रवेश कर गया. गुरुग्राम के अनेक निवासियों ने ऊंची इमारतों से टिड्डियों के पेड़-पौधों पर और मकानों की छतों पर छा जाने के वीडियो साझा किए. गौरतलब है कि मई में देश में टिड्डी दलों ने पहले राजस्थान में हमला किया. इसके बाद इन्होंने पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में फसलों को नुकसान पहुंचाया.

विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में मुख्य रूप से टिड्डियों की चार प्रजातियां पाई जाती हैं – रेगिस्तानी टिड्डी, प्रवासी टिड्डी, बॉम्बे टिड्डी और वृक्ष टिड्डी. इनमें से रेगिस्तानी टिड्डे को सबसे विनाशकारी माना जाता है. यह कीट तेजी से अपनी संख्या बढ़ाता है और एक दिन में 150 किलोमीटर की दूरी तय करने में सक्षम है. यह कीट अपने शरीर के वजन से अधिक खा सकता है. एक वर्ग किलोमीटर के टिड्डियों के झुंड में लगभग चार करोड़ टिड्डियां हो सकती हैं और ये 35 हजार लोगों के बराबर का अन्न खा सकती हैं. विशेषज्ञ टिड्डियों के इस बढ़ते खतरे की वजह जलवायु परिवर्तन को बताते हैं.

Posted By – pankaj Kumar Pathak

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें