बुढ़मू (काली चरण साहू) : झारखंड में नक्सलियों के बीच वर्चस्व की जंग शुरू हो गयी है. इसी जंग में एमसीसी का एक एरिया कमांडर मारा गया. रविवार की रात तृतीय प्रस्तुति कमेटी (टीपीसी) के उग्रवादियों ने एमसीसी के एरिया कमांडर मोहन यादव की गोली मारकर हत्या कर दी. घटना रविवार की रात को करीब 8:30 बजे हुई. मोहन यादव रांची के बुढ़मू, खलारी, मैक्लूस्कीगंज, हजारीबाग के केरेडारी और रामगढ़ के पतरातू थाना क्षेत्र की पुलिस के लिए सिरदर्द बन गया था.
जानकारी के अनुसार, थाना क्षेत्र के उमेडंडा स्थित मंधनिया टांड़ में मोहन यादव की टीपीसी उग्रवादियों ने छाती एवं माथा में गोली मारकर हत्या कर दी. हत्या के बाद टीपीसी के दिनेश जी ने एक पत्रकार को फोनकर मोहन यादव की हत्या की जिम्मेवारी ली. हत्या की सूचना पाकर बुढ़मू पुलिस ने एक घंटे के प्रयास के बाद रात में करीब 10 बजे उमेडंडा के मंधनिया टांड़ से शव बरामद किया.
शव के पास से पुलिस को 52 कारतूस, वॉकी-टॉकी, 6 मोबाइल, नक्सली संगठन एमसीसी के उत्तरी छोटानागपुर जोनल कमेटी के लेटर पैड सहित अन्य सामान मिले हैं. सूचना पाकर ग्रामीण एसपी नौशाद आलम, डीएसपी मनोज कुमार, इंस्पेक्टर नारायण प्रजापति, थाना प्रभारी सिद्धेश्वर महथा, ठाकुरगांव के थाना प्रभारी नवीन रजक पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और मामले की छानबीन शुरू कर दी.
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बुढ़मू थाना क्षेत्र के कंडेर गांव के नवाडीह टोला का रहने वाला मोहन यादव बचपन में अपने भाइयों के साथ खलारी स्थित अपने मकान में रहकर आठवीं तक की पढ़ाई की थी. 15 साल की उम्र में मोहन की शादी हो गयी थी. पिता पूना महतो ने बताया कि घर से जाने के बाद कभी भी उसने हमलोगों से संपर्क नहीं किया है. हमलोग खेती-किसानी कर अपना जीवन यापन करते हैं.
शादी के एक साल बाद मोहन यादव ने घर छोड़ दिया. घर छोड़कर वह छत्तीसगढ़ गया और वहीं से अपराध की दुनिया में कदम रखते हुए माओवादियों से जुड़ गया. वहां से प्रशिक्षण लेकर माओवादियों के लिए काम करने लगा. पिछले दो साल से मोहन यादव बुढ़मू एवं इसके आसपास के क्षेत्र में सक्रिय था. बुढ़मू एवं खलारी थाना क्षेत्र में मोहन यादव के विरुद्ध 8 मामले दर्ज हैं. इसके अलावा कई अन्य थाना क्षेत्रों में भी मोहन यादव के विरुद्ध मामले दर्ज हैं.
मोहन यादव क्षेत्र में संचालित अधिकांश ईंट भट्ठा एवं विकास कार्य करने वाले संवेदकों से लेवी की वसूली करता था. इस कार्य के लिए स्थानीय स्तर पर कई लोग मोहन यादव के लिए काम करते थे. ज्ञात हो कि जिस जगह मोहन यादव की हत्या हुई है, वहां से महज एक किलोमीटर की दूरी पर 15 दिन पहले रविवार (21 जून, 2020) की रात में ही करीब 8 बजे कंडेर निवासी संतोष लोहरा की गोली मारकर अज्ञात अपराधियों ने हत्या कर दी थी.
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Posted By : Mithilesh Jha