26.1 C
Ranchi
Monday, February 3, 2025 | 07:18 pm
26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Bihar Flood 2020: प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने नहीं सुनी गुहार, ग्रामीणों ने खुद ही बना लिया चचरी का पुल

Advertisement

किशनगंज : एक ओर सरकार जहां गांव से लेकर शहर तक सड़क निर्माण की बात कह विकास का दंभ भर रही है. वहीं, सतकौआ पंचायत नैनभिट्ठा गांव में आज भी लोगों के लिए आवागमन की सुविधा मयस्सर नहीं है. यहां पर लोगों की जिंदगी आज भी चचरी पुल के सहारे कट रही है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

किशनगंज : एक ओर सरकार जहां गांव से लेकर शहर तक सड़क निर्माण की बात कह विकास का दंभ भर रही है. वहीं, सतकौआ पंचायत नैनभिट्ठा गांव में आज भी लोगों के लिए आवागमन की सुविधा मयस्सर नहीं है. यहां पर लोगों की जिंदगी आज भी चचरी पुल के सहारे कट रही है.

- Advertisement -

Also Read: Bihar Flood 2020 : गंगा,कोसी और बागमती के बढ़ते जलस्तर से बाढ़ का संकट गहराया, ग्रामीण जगकर काट रहे हैं रात…
जिला प्रशासन से लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों तक ने नहीं दिया ध्यान

ग्रमीणों का कहना है कि कई बार जिला प्रशासन से लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों से पुल विस्तार को लेकर गुहार लगायी. लेकिन आश्वासन के सिवा कुछ संभव नहीं हो सका. जिसके बाद हमलोगों ने अर्थदान और श्रमदान से खुद चचरी पुल का निर्माण किया.

प्रशासन ने नहीं दिया ध्यान

पूर्व सरपंच सतकौआ फरीदउद्दीन और लौहागाड़ा ग्राम कचहरी के पूर्व सरपंच विपीन मोहन यादव का कहना है कि यह पुल सतकौआ, लोहागाड़ा, लक्ष्मीपुर, सिंघीमारी पंचायत के ग्रमीणों के लिए एक लाइफ लाइन है. कई बार जिला प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधियों से पुल एक्सटेंसन को लेकर गुहार लगाई. लेकिन जब शासन-प्रशासन ने हमारी बातों को अनसुना कर दिया तो, हमलोगों ने खुद से अपनी परेशानियों को हल निकाला और चचरी पुल का निर्माण किया है.

बरसात में आवागमन रहता है बाधित

स्थानीय लोगों ने बताया कि मरिया कनकई नदी के उपर पुल बनाया गया लेकिन नदी के पाट बहुत चौड़ा है जबकि पुल निर्माण कार्य पाट के अनुपात में काफी छोटा होने के कारण वर्ष 2017 को आयी प्रलंयकारी बाढ़ में एप्रोच पथ बहा ले गयी. सुखाड़ के समय में किसी तरह हमलोग आवागमन तो कर लेते हैं. लेकिन बरसात के दिनों में मरिया धार उफनाइ जाती है और आवागमन बाधित हो जाता है. प्रखंड मुख्यालय तक पहुंचने के लिए मजबूरन गांव के लोगों ने चंदा एकत्रित कर बांस का चचरी पुल का बनाकर किसी तरह आवागमन कर रहे हैं. ग्रमीणों ने बताया कि प्रत्येक वर्ष बारिश के समय ग्रामीणों के सहयोग से पुल के कटे हिस्से में चचरी पुल बनाया जाता हैं.

सैकड़ों लोग प्रतिदिन करते है आवाजाही

स्थानीय लोगों ने बताया कि आधी पक्की और आधी चचरी पुल पार कर गंतव्य तक पहुंच पाते है. सबसे ज्यादा दिक्कत तब होती है, जब बरसात के समय कोई बीमार पड़ जाए और उसे गोद या कंधे पर उठाकर पुलिया पार कराना पड़ता है. यह बांस का पुल हमलोगों की लाइफ लाइन है. इस पुलिया से रोजाना सैकड़ों लोग आवाजाही करते हैं. बता दें कि दिघलबैंक प्रखंड के तीन पंचायत के लोग अधिकतर लोग मजदूरी और खेती करके जीवनयापन करते हैं. पक्का पुल का एक्सटेंस नहीं होने के कारण दिघलबैंक प्रखंड के पश्चिमी क्षेत्र के लोागें में आक्रोश भी है.

Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें