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औरंगाबाद में चलती फिरती पंचर की दुकान ने लॉकडाउन में भी कमाये पैसे

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कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाए लॉकडाउन के कारण औरंगाबाद में टायर पंक्चर मरम्मत वाली एक दुकान के मालिक की रोजी रोटी पर भी संकट पैदा हो गया लेकिन उसने चुनौतीपूर्ण दौर में भी एक नायाब तरीका निकाला और अपने दुपहिया वाहन पर सवार होकर गाड़ियों में पंक्चर लगाने का काम करने लगा .

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औरंगाबाद (महाराष्ट्र) : कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाए लॉकडाउन के कारण औरंगाबाद में टायर पंक्चर मरम्मत वाली एक दुकान के मालिक की रोजी रोटी पर भी संकट पैदा हो गया लेकिन उसने चुनौतीपूर्ण दौर में भी एक नायाब तरीका निकाला और अपने दुपहिया वाहन पर सवार होकर गाड़ियों में पंक्चर लगाने का काम करने लगा .

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शहर के शाहनूर मियां दरगाह चौक पर पंक्चर ठीक करने की दुकान चलाने वाले शेख इमरान (45) ने कहा कि लॉकडाउन के कारण उन्हें भी अपनी दुकान बंद करनी पड़ी. उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन लॉकडाउन के दौरान भी महामारी को काबू में लाने के लिए काम कर रहे अधिकारियों और कर्मचारियों के वाहन सड़कों पर दौड़ रहे थे.”

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इमरान ने कहा, ‘‘तीन साल पहले मैंने एक प्रयोग करते हुए अपने स्कूटर पर एयर कम्प्रेसर लगाया जो स्कूटर के इंजन से ही चलता है और इसके बाद मैंने शहर में अलग-अलग दुकानों पर पहुंच कर पंक्चर ठीक करने का काम शुरू कर दिया. लॉकडाउन के दौरान यह मेरे काम आया.” उन्होंने कहा, ‘‘आपात सेवाओं में लगे कुछ लोगों ने मेरा मोबाइल नंबर ले लिया. वे मुझे टायर पंक्चर लगाने के लिए बुलाने लगे.”

इमरान ने बताया, ‘‘मैंने लॉकडाउन के दौरान रोज कम से कम 500 रुपये कमाए. मैं पिछले 10 साल से पंक्चर ठीक करने की दुकान चला रहा हूं लेकिन घूम-घूम कर पंक्चर ठीक करने का काम मैंने तीन साल पहले शुरू किया था जिसने अब मेरी मदद की.” यह पूछने पर कि क्या महामारी के दौरान काम करने से डर नहीं लगा, इस पर इमरान ने कहा, ‘‘मुझे पैसा कमाने के लिए बाहर जाना पड़ा. मैंने सुरक्षा के सभी कदमों का पालन किया.”

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