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एमवी राव को झारखंड का डीजीपी बनाने के हेमंत सोरेन सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

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Jharkhand News, Jharkhand DGP MV Rao, Supreme Court, CM Hemant Soren, PIL: रांची : एमवी राव को झारखंड का कार्यकारी पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) बनाने के हेमंत सोरेन सरकार के फैसले को चुनौती दी गयी है. सुप्रीम कोर्ट में इस संबंध में एक जनहित याचिका (पीआइएल) दाखिल की गयी है. याचिका में नियुक्ति को इस आधार पर चुनौती दी गयी है कि यह राज्य पुलिस प्रमुखों के तय कार्यकाल और वरिष्ठता के संबंध में शीर्ष न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन है.

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रांची : एमवी राव को झारखंड का कार्यकारी पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) बनाने के हेमंत सोरेन सरकार के फैसले को चुनौती दी गयी है. सुप्रीम कोर्ट में इस संबंध में एक जनहित याचिका (पीआइएल) दाखिल की गयी है. याचिका में नियुक्ति को इस आधार पर चुनौती दी गयी है कि यह राज्य पुलिस प्रमुखों के तय कार्यकाल और वरिष्ठता के संबंध में शीर्ष न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन है.

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श्री राव 1987 बैच के आइपीएस अधिकारी हैं. 16 मार्च को उन्हें झारखंड के डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया. कमल नयन चौबे को नयी दिल्ली के पुलिस मॉडर्नाइजेशन डिवीजन कैंप में विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) बनाये जाने के बाद एमवी राव को झारखंड के डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था.

हेमंत सोरेन सरकार के इसी फैसले को गिरिडीह जिला का निवासी और सामाजिक कार्यकर्ता होने का दावा करने वाले प्रह्लाद नारायण सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. प्रह्लाद नारायण ने याचिका में कहा है कि ‘राजनीतिक हितों को संतुष्ट करने के लिए’ झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेतृत्व वाली हेमंत सोरेन सरकार द्वारा राज्य में ‘प्रभारी डीजीपी’ की नियुक्ति के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का घोर उल्लंघन किये जाने से व्यथित हैं.

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याचिका में दावा किया गया है कि झारखंड कैडर के आइपीएस अधिकारियों में वरीय क्रम में चौथे नंबर पर आने वाले राव पहले से ही महानिदेशक (दमकल सेवा और होमगार्ड) का कार्यभार संभाल रहे हैं. वकील संचित गर्ग द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि कमल नयन चौबे की डीजीपी के तौर पर नियुक्ति के 10 महीने के भीतर ही उनका तबादला कर दिया गया, ताकि एम वी राव को नियुक्त किया जा सके, जो इस पद के हकदार नहीं हैं, लेकिन जेएमएम के नेतृत्व वाली सरकार के चहेते हैं.

याचिका में झारखंड सरकार को अंतरिम व्यवस्था खत्म करने और श्री चौबे को तत्काल प्रभाव से डीजीपी के पद पर पुन: नियुक्त करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है. इसमें केंद्र, झारखंड सरकार और संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को वर्ष 2006 के प्रकाश सिंह बनाम भारत सरकार मामले में दिये आदेश का पालन करने का निर्देश देने का भी आग्रह किया गया है.

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सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह की जनहित याचिका पर पुलिस सुधारों पर कुछ निर्देश जारी किये थे, जिसमें पुलिस प्रमुखों के लिए दो साल का कार्यकाल निर्धारित किया गया था. साथ ही कोर्ट ने कहा था कि राज्यों में कार्यवाहक डीजीपी की नियुक्ति नहीं की जायेगी. याचिकाकर्ता प्रह्लाद कुमार सिंह ने इसी फैसले को आधार बनाकर एमवी राव को कार्यवाहक पुलिस निदेशक नियुक्त करने के हेमंत सोरेन सरकार के फैसले के खिलाप याचिका दाखिल की है.

Posted By : Mithilesh Jha

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