16.1 C
Ranchi
Saturday, February 22, 2025 | 02:25 am
16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

ALERT: कोरोनावायरस की जांच का दावा करनेवाले फेक ऑक्सीमीटर ऐप से बच कर रहना

Advertisement

fake oximeter apps, Fake Oximeter App, Coronavirus Test, covid cyber con, Social Media, Ransomware, Coronavirus, Corona, Android Phone, CovidLock, ALERT: ऑनलाइन ठगी का ताजा हथियार बना है फेक ऑक्सीमीटर ऐप. दरअसल कोरोनावायरस से संक्रमित मरीज के खून में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है. जिसे समय-समय पर जांचना जरूरी हो जाता है. और यहां जरूरत पड़ती है ऑक्सीमीटर की.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Fake Oximeter App, Coronavirus Test, Coronavirus: कोरोनावायरस से संक्रमण के इस मुश्किल दौर में जहां एक तरफ सरकारी और गैर सरकारी संस्थान लोगों को इस खतरे से बचाने की कोशिश कर रही हैं, वहीं साइबर अपराधी इसी संकट को अपना हथियार बनाकर लोगों को ठगने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रहे हैं.

इन हाइटेक ठगों का शिकार वे लोग बन रहे हैं, जो बिना सोचे-समझे हर वक्त अपने स्मार्टफोन पर कोरोना वायरस से बचने का तरीका तलाशते रहते हैं. कभी कोई संदिग्ध ऐप डाउनलोड कर, तो कभी कोई अनजाना लिंक क्लिक कर लोग लगातार ठगी के जाल में फंसते जा रहे हैं.

फेक ऑक्सीमीटर ऐप क्या है?

इसी कड़ी में ऑनलाइन ठगी का ताजा हथियार बना है फेक ऑक्सीमीटर ऐप. दरअसल, कोरोनावायरस से संक्रमित मरीज के खून में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है. जिसे समय समय पर जांचना जरूरी हो जाता है. और यहां जरूरत पड़ती है ऑक्सीमीटर की.

आपको बता दें कि पल्स ऑक्सीमीटर एक उपकरण है, जिससे खून में ऑक्सीजन की मात्रा नापी जाती है. कोरोना वायरस के मरीजों में अगर ऑक्सीजन की मात्रा 90% या उससे कम होती है तो उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना जरूरी हो जाता है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पल्स ऑक्सीमीटर को सुरक्षा कवच बताया है. उन्होंने दावा किया कि इसकी मदद से दिल्ली में कोविड-19 से होने वाली मौतों को कम किया जा सका. दिल्ली सरकार ने होम आइसोलेशन में रहने वाले बिना लक्षण या कम लक्षण वाले मरीजों को ऑक्सीमीटर दिये हैं.

ऑटो, मोबाइल और गैजेट्स से जुड़ी हर Latest News in Hindi से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.

Also Read: Chinese Apps Ban: 59 ऐप बैन के बाद PUBG समेत 275 चीनी ऐप मोदी सरकार के रडार पर

कैसे होती है ठगी?

ऑक्सीमीटर की इसी जरूरत का फायदा उठाकर साइबर ठग लोगों को भ्रमित करते हैं. अपने जाल में फंसाने के लिए वे लोगों को ऑक्सीमीटर ऐप के फर्जी लिंक भेजते हैं. दावा किया जाता है कि ये ऐप्स आपके फोन के कैमरा, लाइट और फिंगर​प्रिंट सेंसर के जरिये आपके शरीर में मौजूद ऑक्सीजन के स्तर का पता लगा सकते हैं.

इन फर्जी ऐप्स के झांसे में पड़कर अगर आपने इन्हें डाउनलोड कर लिया, तो अपना काम करने के लिए ये आपके फोन के कैमरा, फोटो गैलरी, एसएमसएस बॉक्स का ऐक्सेस मांगेंगे. अगर आपने ऐसा किया, तो अनजाने में आप अपने फोन का सारा संवेदनशील डेटा उनके सामने रख दिया है. और आपके फोन में घुसने के लिए तो आपने अपना फिंगरप्रिंट डीटेल तो दे ही दिया है.

Also Read: Weather Forecast App: 450 शहरों के मौसम का हाल बताएगा मौसम ऐप, सरकार ने किया लॉन्च

सावधानी है जरूरी

बताते चलें कि हाल ही में सोशल मीडिया पर कोविडलॉक नाम का एक रैनसमवेयर फैलाया जा रहा था. इसका दावा था कि यह कोरोनावायरस को ट्रैक करने वाला ऐप है. इसके बाद ‘कोरोना सेफ्टी मास्क’ खरीदने वाला एक लिंक शेयर किया जाने लगा. एंड्रॉयड डिवाइसेज पर आया यह नया खतरा, आपकी पूरी कॉन्टैक्ट लिस्ट को एक मेसेज भेजता है जिसमें ‘कोरोना सेफ्टी मास्क’ खरीदने का लिंक रहता है. यह एक वायरस है, जो दूसरी डिवाइसेज में SMS के जरिये जाता है और यूजर्स को फेस मास्क के जरिये लालच देता है.

इससे बचने का बस एक ही तरीका है कि किसी भी ऐसे लिंक पर क्लिक न करें, जिसके सही सोर्स का पता न हो. साथ ही, कोई भी ऐप इंस्टॉल करने से पहले उसके डेवलपर, रेटिंग, रिव्यूज, बग्स और कुल डाउनलोड्स की संख्या का पता जरूर लगा लें. प्रमाणिक और विश्वसनीय ऐप की जानकारी इंटरनेट पर जरूर मिल जाएगी, और अगर न मिले तो समझ लीजिए कि वह सही नहीं है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें