26.4 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 03:24 pm
26.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

प्रभात खबर के कार्यक्रम में जब राहत इंदौरी ने पाकिस्तान को कहा था – ”…दिल्ली में हमीं क्यों बोलें अमन की बोली, यारों कभी तुम भी तो लाहौर से बोलो.”

Advertisement

भागलपुर: तीन जनवरी 2016 की भागलपुर की शाम थी और जिसे शायरी के गुलदस्ते से सजाया था मशहूर शायर व हिंदी फिल्मों के गीतकार डॉ राहत इंदौरी ने. प्रभात खबर के आमंत्रण पर भागलपुर आने पर जब उनसे पूछा गया गया कि भागलपुर तो पहले भी आये थे और कई वर्षों के बाद अब आये हैं, तो कैसा महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा था कि हां...भागलपुर तो पहले भी आया हूं. मैंने जब सबसे पहले भागलपुर का नाम सुना था, तो बहुत ही खतरनाक फसाद के बाद. लेकिन अब भागलपुर को यहां के बौद्धिक व जहीन लोगों के लिए जानता हूं, जो कविता और शेरो-शायरी के प्रेमी हैं. अब तो इस शहर को मैं शायरी के जरिये ही जानता हूं, जो दिल को छू लेता है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

भागलपुर: तीन जनवरी 2016 की भागलपुर की शाम थी और जिसे शायरी के गुलदस्ते से सजाया था मशहूर शायर व हिंदी फिल्मों के गीतकार डॉ राहत इंदौरी ने. प्रभात खबर के आमंत्रण पर भागलपुर आने पर जब उनसे पूछा गया गया कि भागलपुर तो पहले भी आये थे और कई वर्षों के बाद अब आये हैं, तो कैसा महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा था कि हां…भागलपुर तो पहले भी आया हूं. मैंने जब सबसे पहले भागलपुर का नाम सुना था, तो बहुत ही खतरनाक फसाद के बाद. लेकिन अब भागलपुर को यहां के बौद्धिक व जहीन लोगों के लिए जानता हूं, जो कविता और शेरो-शायरी के प्रेमी हैं. अब तो इस शहर को मैं शायरी के जरिये ही जानता हूं, जो दिल को छू लेता है.

- Advertisement -

प्रभात खबर के शाम-ए-महफिल कार्यक्रम में डॉ इंदौरी ने अना, इश्क, और खुलूस को जोड़ते हुए एक से एक बेहतरीन शेर-गजल सुनाया, तो मां, बेटी, बूढ़े, युवा, बेटे के रिश्तों पर आधारित प्रस्तुति देकर आंखों के कोरों को नम कर दिया था. टाउन हॉल में इस शहर के कविता-शायरी प्रेमियों ने तालियों से उनका खूब उत्साह बढ़ाया था.

भारत और पाकिस्तान के बीच खटास पर उन्होंने शायरी पढ़ी…

भारत और पाकिस्तान के बीच खटास पर जो उन्होंने शायरी पढ़ी, उसे भागलपुर ने आज भी याद रखा है. राहत साहब ने कुछ यूं शेर सुनाया था ‘जो तौर है दुनिया का उसी तौर से बोलो, बहरों का इलाका है जरा जोर से बोलो, दिल्ली में हमीं क्यों बोलें अमन की बोली, यारों कभी तुम भी तो लाहौर से बोलो.’ लगभग साढ़े तीन घंटे तक चले इस कार्यक्रम में उनके साथ मुन्नवर राणा भी थे. इस दौरान श्रोताओं की कुर्सियों पर जमावट ऐसी कि कोई अंतिम दौर तक बाहर नहीं जाना चाह रहे थे.

Also Read: बिहार में नंबर प्लेट को लेकर नियम हुए सख्त, इन मामलों में अब वाहन मालिक के साथ डीलर पर भी होगी कार्रवाई…
शायरी व चित्रकारी दोनों चलती थी उनके दिल के अंदर

एक बेहतरीन चित्रकार, शायरी की धारा में कैसे बह गये के सवाल पर उनका कहना था कि कैनवास पर ब्रश चलानेवाला कलाकार और कागज पर शायरी लिखनेवाला शायर दोनों उनके अंदर एक साथ चलता है. इनमें शायरी लिखनेवाला शायर आगे बढ़ जाता है.

भाषा पर सवाल उठे, तो समझिये सियासत का मामला है

उनका मानना था कि बिहार में उर्दू शायरी व साहित्य पर जिस तरह काम हो रहा है, वह मिसाल है. कहीं भाषा पर सवाल उठता है, तो समझिये कि यह सियासी मामला है.प्रोफेसर होने के नाते डॉ इंदौरी का मानना था कि हमारे बच्चे इसलिए भाषा से दूर जा रहे हैं कि वह सोचते हैं कि इसे पढ़ने से क्या होगा. पॉलिसी बनानेवालों को भाषा से जीवन-यापन के साथ रिश्ता बनाना चाहिए.

आज के फिल्मी गीतों पर करते थे एतराज

डॉ इंदौरी को आज के फिल्मी गीतों पर एतराज था और पुराने गीतों की गहराई के खो जाने का गम भी. उनका कहना था कि पहले गीत कहानी का हिस्सा हुआ करता था. अब गीतों का कहानी से ताल्लुक नहीं रहा. जो काम साहिर लुधियानवी, शैलेंद्र, मजरूह सुलतानपुरी और आनंद बख्शी सरीखे लोग कर गये, वह अब नहीं होंगे.

( भागलपुर से संजीव की रिपोर्ट )

Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें