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Dhoni Retirement : धौनी की वो 5 पारियां, जिसे आप कभी नहीं चाहेंगे भूलना

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धौनी के द्वारा खेली गयी ऐसी 5 पारियां जिन्हें फैंस कभी नहीं भूलना चाहेंगे

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महेंद्र सिंह धौनी ने आज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है, उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिये ये जानकारी दी. उन्होंने बिल्कुल उसी अंदाज में रिटायरमेंट ली जैसे उन्होंने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया था. उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पेज पर एक वीडियो शेयर किया और लिखा, प्यार और समर्थन के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद. शाम सात बजकर 29 मिनट से मुझे रिटायर्ड समझिये. धौनी के इस घोषणा के बाद उनके फैंस को तगड़ा झटका लगा है जो उन्हें टी20 वर्ल्डकप खेलते देखना चाहते थे. धौनी ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में कई शानदार लम्हें देखने को दिए चाहे वो अपनी कप्तानी में विश्व विजेता बनाना हो या फिर अपने मैच फिनिश करने की अद्भुत कारनामे करना हो, उन्हें दुनिया का सबसे बेहतरीन फिनिशर माना जाता रहा है.

धौनी जब अपने रंग में हो तो किसी भी गेंदबाज को उन्हें स्लॉग ओवर्स में गेंदबाजी करना खासा मुश्किल काम होता है, भले ही धौनी ने संन्यास ले लिया हो लेकिन फैंस अगर उनके किसी गुण को सबसे ज्यादा मिस करेंगे तो वो है उनकी फिनिशिंग स्टाइल, तो आइए हम आज उन लम्हों को फिर से याद दिलाते हैं जिसे आप कभी नहीं भूलना चाहेंगे.

वर्ल्ड कप 2011

धौनी की अगर बेहतरीन पारी का जिक्र करें तो वर्ल्ड 2011 का फाइनल मुकाबला होगा. फाइनल में खेली गयी पारी उनकी सबसे अच्छी पारियों में से एक गिना जाएगा. उन्होंने वो पारी तब खेली थी जब भारत ने अपने 3 विकेट बहुत जल्दी खो दिया थे. क्रीज पर गौतम गंभीर मौजूद थे और सूझ बूझ के साथ पारी को आगे ले जा रहे थे उस वक्त भारत को एक ऐसी बल्लेबाजी पार्टनरशिप की उम्मीद थी जो उनका साथ दे और भारत को जीत दिला कर लौटे. श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 275 रन का लक्ष्य दिया था. सभी को उम्मीद थी कि शानदार फॉर्म में चल रहे युवराज सिंह क्रीज पर आएंगे, लेकिन हुआ इसके बिल्कुल उल्टा. धौनी ने सबको चौंकाते हुए क्रीज पर कदम रख दिया और उस विश्व कप में धौनी बहुत अच्छी फॉर्म में नहीं थे, लेकिन धौनी ने शुरूआत में संभलकर बल्लेबाजी की और जैसे ही उनकी आंखें जम गयी उन्होंने श्रीलंका के गेंदबाजों की जम कर धुनाई शुरू कर दी. और अंत में भारत को अपने चीर परिचित अंदाज में छक्के लगाकर जीत दिला दी.

2005 में श्रीलंका के खिलाफ खेली गयी 183 रनों की पारी

2005 में श्रीलंका की टीम 7 मैचों की सीरीज के लिए भारत दौरे पर आई थी, सीरीज के तीसरे मैच में श्रीलंका ने कुमार संगकारा के शानदार शतक की बदौलत 50 ओवर में 298 रन बनाए थे. जवाबी पारी खेलने उतरी भारत की शुरूआत बेहद खराब रही और भारत ने सचिन का विकेट बेहद सस्ते में गंवा दिया, उस वक्त भारत की कप्तानी राहुल द्रविड़ कर रहे थे, उन्होंने धौनी को एक बार फिर नंबर 3 पर आजमाया. धौनी ने उनके भरोसे पर खरा उतरते हुए 183 रनों पारी खेल डाली और भारत को 6 विकेट से जीत दिला दी, जिसमें उनके बल्ले से 15 चौके और 10 छक्के निकले थे.

2012 सीबी सीरीज में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 44 रनों की पारी

इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारत के सामने 270 रनों का लक्ष्य रखा था, गंभीर ने भारत को शानदार शुरुआत तो दिलाई लेकिन भारत बीच के ओवर में आकर मुश्किल में फंस गया और 178 रन पर अपने 4 विकेट गंवा दिए, उसके बाद धौनी ने रैना के साथ मिल कर पारी को संभालने की कोशिश की लेकिन रैना और जडेजा भी अंत के ओवर तक आते आते पवेलियन लौट चुके थे. भारत को आखिरी के ओवर्स में जीत के लिए 13 रन चाहिए थे, उस पूरे मैच में धौनी अच्छे टच में नहीं थे, लेकिन अंतिम ओवर में धौनी ने क्लाइंट मकाय की गेंद पर 112 मीटर का लंबा छक्का मार कर भारत की जीत आसान कर दी, अंत में धौनी ने क्लाइंट मकाय की गेंद पर तीन रन लेकर भारत को जीत दिला दी.

त्रिकोणिय सीरीज के फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ 45 रनों की पारी

यह सीरीज भारत, वेस्टइंडीज और श्रीलंका के बीच खेली गयी थी जिसमें भारत और श्रीलंका की टीम फाइनल में पहुंची थी, फाइनल का यह मैच बहुत ही मुश्किल विकेट पर खेला गया था जहां पर श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 201 रन बनाए थे, शुरूआत में यह मैच भारत आसानी से जीतते हुए दिखाई पड़ रहा था, क्योंकि 32 ओवर तक भारत ने 3 विकेट के नुकसान पर 139 रन बना लिए थे, लेकिन लेकिन अंत के ओवर तक आते आते भारत का स्कोर 182 रन पर 9 विकेट हो गया था, उस वक्त क्रीज पर धौनी का साथ देने इशान्त शर्मा आए थे, आखिरी के ओवर में भारत को 16 रनों की जरूरत थी, लेकिन धौनी ने 2 छक्के और 1 चौके की मदद से ये लक्ष्य हासिल कर लिया.

बांग्लादेश के खिलाफ 2007 में 91 रनों की पारी

2007 में पहले दौर से ही हारने के बाद एक वक्त ऐसा भी आया कि जब उन्हें बांग्लादेश के खिलाफ ही सीरीज खेलनी थी, पहले वनडे में भारत को हार का सामना करना पड़ा और दूसरे मैच में भी भारत 251 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए अपना पहला विकेट जल्दी ही गंवा दिया, धौनी उस मैच में नंबर 3 पर बल्लेबाजी करने आए. उस मैच में धौनी का जुझारूपन देखने को मिला क्योंकि उस दिन वो बल्लेबाजी करते हुए ऐंठन की समस्या से जूझ रहे थे. लेकिन उन्होंने बल्लेबाजी जारी रखी और 91 रनों की पारी खेल कर भारत को जीत दिला दी, उस मैच में दिनेश कार्तिक ने भी अच्छी पारी खेली थी.

posted by : sameer oraon

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