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प्रारंभिक शिक्षक नियोजन में बिहार का मूलवासी होना अनिवार्य, TET उत्तीर्ण होना जरूरी, ग्रेस अंक खत्म

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पटना : प्रारंभिक शिक्षक नियोजन में अभ्यर्थी को बिहार का मूल निवासी होना अनिवार्य कर दिया गया है. इससे पहले पूरे भारत में कहीं के भी अभ्यर्थी नियोजन प्रक्रिया में शामिल हो सकते थे. इसके अलावा कक्षा एक से पांच तक टीइटी और समकक्ष स्पर्धाओं में मिलनेवाले वेटेज अब पूरी तरह समाप्त कर दिये गये हैं.

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पटना : प्रारंभिक शिक्षक नियोजन में अभ्यर्थी को बिहार का मूल निवासी होना अनिवार्य कर दिया गया है. इससे पहले पूरे भारत में कहीं के भी अभ्यर्थी नियोजन प्रक्रिया में शामिल हो सकते थे. इसके अलावा कक्षा एक से पांच तक टीइटी और समकक्ष स्पर्धाओं में मिलनेवाले वेटेज अब पूरी तरह समाप्त कर दिये गये हैं.

साथ ही कक्षा 6 से 8 तक के लिए मेरिट निर्माण में मैट्रिक और इंटर मीडिएट के मार्क्स का मूल्यांकन नहीं होगा. केवल स्नातक डिग्री और बीएड उपाधि की अनिवार्यता रहेगी. ये प्रावधान बिहार सरकार की तरफ से शनिवार को अधिसूचित की गयी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के प्रारंभिक विद्यालयों में शिक्षक, प्रधानाध्यापक और शिक्षा अनुदेशकों की नियुक्ति, प्रोन्नति और उनकी सेवा शर्त संबंधी नियमावली में किये गये हैं.

शिक्षकों को 12 साल सेवा पूरा होने पर प्रोन्नति दी जायेगी. 15 हजार रुपये प्रति माह के वेतन दर के हिसाब से इपीएफ के लिए सरकार आवश्यक अंशदान देगी. सेवा काल के दौरान मृत्यु होने पर आश्रित के एक वयस्क सदस्य को सरकारी नौकरी मिल सकेगी. नियोजित शिक्षकों को पहले यह सुविधा नहीं थी. सेवा 60 साल तक होगी. वेतन वृद्धि पर रोक से लेकर बर्खास्तगी तक दंड दिये जा सकते हैं.

नये प्रावधानों के तहत कुछ इस तरह बनेगी मेरिट लिस्ट

कक्षा एक से पांच

नयी नियमावली के तहत कक्षा एक से पांच तक के शिक्षक नियोजन के लिए बननेवाली मेरिट सूची में मैट्रिक, इंटरमीडिएट और प्रशिक्षण के अलावा टीइटी के दो से आठ फीसदी तक मिलनेवाले ग्रेस मार्क्स जोड़े जाते थे. अब ग्रेस मार्क्स नहीं दिये जायेंगे. केवल टीइटी उत्तीर्ण की अनिवार्यता रखी गयी है.

कक्षा छह से आठ

नयी नियमावली के तहत कक्षा छठ से आठ तक के शिक्षक नियोजन की मेरिट लिस्ट में तक मैट्रिक, इंटरमीडिएट, स्नातक और बीएड के मार्क्स जोड़ कर टीइटी के ग्रेस अंक जोड़े जाते थे. अब इस प्रक्रिया सेमैट्रिक, इंटरमीडिएट और टीइटी के ग्रेस मार्क्स हटा दिये गये हैं.

प्राथमिक और मध्य शिक्षकों के लिए होगी आदर्श आचार संहिता

नयी नियमावली में खासतौर पर माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों के शिक्षको की तरह छह सूत्रीय आचरण संहिता भी बनायी गयी है. इसमें शिक्षकों को साफ कर दिया गया है कि वह सेवा में रहते हुए किसी भी निजी पेशे को संचालित नहीं कर सकेंगे. साथ ही प्रारंभिक स्कूलों में प्रधानाध्यापक की नियुक्ति में अनुभव को प्राथमिकता देने की बात कही गयी है.

अन्य खास बातें

  • शिक्षक नियोजन के लिए एक समिति का गठन किया जायेगा.

  • प्रधानाध्यापक एवं शिक्षक इपीएफ की योजना से लाभान्वित होंगे.

  • मध्य विद्यालयों में प्रमोशन और आधे सीधी नियुक्त से आयेंगे.

  • प्रारंभिक शिक्षक संवर्ग में मध्य विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के सभी पद प्रोन्नति से भरे जायेंगे. प्रारंभिक शिक्षक संवर्ग के स्नातक कोटि एवं प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नति के लिए मेधा सूची बनेगी. पूर्व से कार्यरत शिक्षक का अपने नियोजन इकाई अथवा अन्य नियोजन इकाई अंतर्गत उच्च वेतनमान अथवा उच्च कोटि के पद पर नियुक्त होने की स्थिति में सेवा निरंतरता का लाभ दिया जायेगा.

मेधा सूची में इनको मिलता रहेगा फायदा

भूतपूर्व सैनिकों की विधवा को मेधा अंक में 10 अंकों का अतिरिक्त वेटेज दिया जायेगा. प्राप्तांकों की गणना अतिरिक्त एवं ऐच्छिक विषयों के अंकों को छोड़कर की जायेगी. किंतु जहां ऐच्छिक विषय अनिवार्य विषय के रूप में हो, वहां गणना की जायेगी.

स्थानांतरण के लिए रास्ते निकाले गये

प्रधान अध्यापक, शिक्षक एवं अनुदेशक के पद सामान्यत अस्थानांतरणीय हैं. हालांकि, नियुक्ति के तीन-तीन साल बाद नियोजन इकाई के क्षेत्राधीन विद्यालयों में पांच साल के अंतराल पर अधिकतम दो बार स्थानांतरण ले सकेंगे. स्थानांतरण समान संवर्ग में किया जायेगा. दिव्यांग शिक्षक एवं महिला शिक्षिका को एक बार दूसरे जिला में ऐच्छिक स्थानांतरण की सुविधा दी गयी है. पुरुषों को पारस्परिक स्थानांतरण की सुविधा होगी.

अवकाश भी खूब मिलेंगे

महिलाओं को प्रत्येक माह में दो दिनों का विशेष मातृत्व अवकाश का लाभ पहले दो संतानों के लिए ही होगा. पुरुष शिक्षक 15 दिनों के पितृत्व अवकाश के हकदार होंगे. वर्ष के लिए अवैतनिक अध्ययन अवकाश ले सकेंगे. आकस्मिक एवं विशेष अवकाश को छोड़ कर सभी अवकाशों की स्वीकृति प्रधानाध्यापक की अनुशंसा पर संबंधित नियोजन इकाई के सदस्य सचिव अध्यक्ष की सहमति से देंगे.

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