20.1 C
Ranchi
Wednesday, February 12, 2025 | 10:44 pm
20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

राजस्व में कमी की भरपाई के लिए बाजार से कर्ज लें राज्य, जीएसटी काउंसिल की बैठक में केंद्र सरकार ने कही ये बात

Advertisement

केंद्र सरकार ने गुरुवार को जीएसटी परिषद की 41वीं बैठक में गैर-एनडीए शासित राज्यों के प्रतिनिधियों से राजस्व में कमी की भरपाई के लिए बाजार से कर्ज लेने का निर्देश दिया है. केंद्र के इस कदम का गैर-एनडीए दलों के शासन वाले प्रदेश विरोध कर रहे हैं. सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतामरण की अध्यक्षता में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की 41वीं बैठक वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये आयोजित की गयी है. इसमें सभी राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हैं. बैठक में राज्यों के राजस्व में कमी की भरपाई के मुद्दे पर चर्चा की गयी.

Audio Book

ऑडियो सुनें

नयी दिल्ली : केंद्र सरकार ने गुरुवार को जीएसटी परिषद की 41वीं बैठक में गैर-एनडीए शासित राज्यों के प्रतिनिधियों से राजस्व में कमी की भरपाई के लिए बाजार से कर्ज लेने का निर्देश दिया है. केंद्र के इस कदम का गैर-एनडीए दलों के शासन वाले प्रदेश विरोध कर रहे हैं. सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतामरण की अध्यक्षता में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की 41वीं बैठक वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये आयोजित की गयी है. इसमें सभी राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हैं. बैठक में राज्यों के राजस्व में कमी की भरपाई के मुद्दे पर चर्चा की गयी.

बैठक में कांग्रेस और गैर-एनडीए दलों के शासन वाले राज्य का इस बात पर जोर है कि घाटे की कमी को पूरा करना केंद्र सरकार की सांवधिक जिम्मेदारी है. वहीं, केंद्र सरकार ने कानूनी राय का हवाला देते हुए कहा कि अगर कर संग्रह में कमी होती है, तो उसकी ऐसी कोई बाध्यता नहीं है. सूत्रों के अनुसार, केंद्र के साथ-साथ भाजपा-जद (यू) शासित बिहार की राय है कि राज्यों को कर राजस्व में कमी कमी की भरपाई के लिए बाजार से कर्ज लेना चाहिए. कर राजस्व में कमी के साथ कोविड-19 संकट से राज्यों के लिए समस्या और बढ़ गयी है.

सूत्रों के अनुसार, बैठक में जिन विकल्पों पर विचार किया जा रहा है, उनमें बाजार से कर्ज, उपकर की दर में वृद्धि या क्षतिपूर्ति उपकर के दायरे में आने वाले वस्तुओं की संख्या में वृद्धि, शामिल हैं. कपड़ा और जूता-चप्पल जैसे कुछ उत्पादों पर उल्टा शुल्क ढांचा यानी तैयार उत्पादों के मुकाबले कच्चे माल पर अधिक दर से कराधान को ठीक करने पर भी चर्चा होने हो सकती है.

बैठक का माहौल कैसा होगा, उसका संकेत पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने 26 अगस्त को सीतारमण को पत्र लिखकर दे दिया था. उन्होंने पत्र में लिखा था कि राज्यों को जीएसटी राजस्व संग्रह में कमी को पूरा करने के लिए बाजार से कर्ज लेने के लिए नहीं कहा जाना चाहिए. मित्रा ने कहा कि केंद्र को उन उपकर से राज्यों को क्षतिपूर्ति दी जानी चाहिए, जो वह संग्रह करता है और इसका बंटवारा राज्यों को नहीं होता. जिस फॉर्मूले पर सहमति बनी है, उसके तहत अगर राजस्व में कोई कमी होती है, यह केंद्र की जिम्मेदारी है कि वह राज्यों को पूर्ण रूप से क्षतिपूर्ति राशि देने के लिए संसाधन जुटाए.

वर्ष 2017 में 28 राज्य वैट समेत अपने स्थानीय करों को समाहित कर जीएसटी लागू करने पर सहमत हुए थे. जीएसटी को सबसे बड़ा कर सुधार माना जाता है. उस समय केंद्र ने राज्यों को वस्तु एवं सेवा कर के क्रियान्वयन से राजस्व में होने वाले किसी भी कमी को पहले पांच साल तक पूरा करने का वादा किया था. यह भरपाई जीएसटी के ऊपर आरामदायक और अहितकर वस्तुओं पर उपकर लगाने से प्राप्त राशि के जरिये की जानी थी.

कोविड-19 महामारी से पहले ही जीएसटी संग्रह के साथ क्षतिपूर्ति उपकर लक्ष्य से कम रहा है. इस कारण केंद्र के लिए राज्यों को क्षतिपूर्ति करना मुश्किल हो गया. एक तरफ जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर लक्ष्य से कम रहा, तो दूसरी तरफ केंद्र ने पेट्रोल और डीजल पर उपकर बढ़ाया है. ये दोनों जीएसटी के दायरे से बाहर हैं. इसके जरिये उपकर के रूप में करोड़ों रुपये संग्रह किये गये, लेकिन उसे राज्यों के साथ साझा नहीं किया जाता.

मित्रा चाहते हैं कि केंद्र इसके जरिये राज्यों के राजस्व में कमी की भरपाई करे. उन्होंने पत्र में लिखा है, ‘किसी भी हालत में राज्यों से बाजार से कर्ज लेने के लिए नहीं कहा जाना चाहिए, क्योंकि इससे कर्ज भुगतान की देनदारी बढ़ेगी. दोबारा इससे ऐसे समय राज्य को व्यय में कटौती करनी पड़ सकती है, जब अर्थव्यवस्था में मंदी की गंभीर प्रवृत्ति है. इस समय खर्च में कटौती वांछनीय नहीं है.’ मित्रा ने यह भी कहा कि क्षतिपूर्ति भुगतान पर पीछे हटने का सवाल ही नही है. 14 फीसदी की दर का हर हाल में सम्मान होना चाहिए.

सूत्रों के अनुसार, जीएसटी परिषद की बैठक में पश्चिम बंगाल के साथ पंजाब, केरल और दिल्ली ने केंद्र से कमी की भरपाई करने को कहा. उसने कहा कि सीतारमण ने अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल की राय का हवाला देते हुए कहा कि केंद्र अपने कोष से राज्यों को जीएसटी राजस्व में किसी प्रकार की कमी को पूरा करने के लिए कानूनी रूप से बाध्य नहीं है.

केंद्र सरकार ने मार्च में अटार्नी जनरल से क्षतिपूर्ति कोष में कमी को पूरा करने के लिए जीएसटी परिषद द्वारा बाजार से कर्ज लेने की वैधता पर राय मांगी थी. क्षतिपूर्ति कोष का गठन लग्जरी (आरामदायक) और अहितकर वस्तुओं पर अतिरिक्त शुल्क लगाकर किया गया है. इसके जरिये राज्यों को जीएसटी लागू करने से राजस्व में होने वाली किसी भी कमी की भरपाई की जाती है.

अटार्नी जनरल वेणुगोपाल ने यह भी राय दी थी कि परिषद को पर्याप्त राशि उपलब्ध कराकर जीएसटी क्षतिपूर्ति कोष में कमी को पूरा करने के बारे में निर्णय करना है. सूत्रों के अनुसार, परिषद के पास कमी को जीएसटी दरों को युक्तिसंगत कर, क्षतिपूर्ति उपकर के अंतर्गत और जिंसों को शामिल कर अथवा उपकर को बढ़ाकर या राज्यों को अधिक उधार की अनुमति देने जैसे विकल्प हैं. बाद में राज्यों के कर्ज भुगतान क्षतिपूर्ति कोष में भविष्य में होने से संग्रह से किया जा सकता है.

जीएसटी कानून के तहत राज्यों को वस्तु एवं सेवा कर के क्रियान्वयन से राजस्व में होने वाले किसी भी कमी को पहले पांच साल तक पूरा करने की गारंटी दी गयी है. जीएसटी एक जुलाई, 2017 से लागू हुआ. कमी का आकलन राज्यों के जीएसटी संग्रह में आधार वर्ष 2015-16 के तहत 14 फीसदी सालाना वृद्धि को आधार बनाकर किया जाता है. जीएसटी परिषद को यह विचार करना है कि मौजूदा हालात में राजस्व में कमी की भरपाई कैसे हो? केंद्र ने 2019-20 में जीएसटी क्षतिपूर्ति मद में 1.65 लाख करोड़ रुपये जारी किये. हालांकि, उपकर संग्रह से प्राप्त राशि 95,444 करोड़ रुपये ही थी.

Also Read: Aadhaar Card को अपडेट करने के लिए इन दस्तावेजों की पड़ेगी जरूरत, UIDAI ने जारी की नयी सूची

Posted By : Vishwat Sen

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें