26.1 C
Ranchi
Sunday, February 23, 2025 | 02:35 pm
26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Sankashti Chaturthi Puja Vidhi: कब है संकष्टी चतुर्थी, जानें इस दिन व्यक्ति अपने कष्टों से छुटकारा पाने के लिए करते है गणपति की अराधना

Advertisement

Sankashti Chaturthi Puja Vidhi: संकष्टी चतुर्थी का हिन्दू धर्म में बड़ा महत्व है. मान्यता के अनुसार किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है. भगवान गणेश को अन्य सभी देवी-देवतों में प्रथम पूजनीय माना गया है. इन्हें बुद्धि, बल और विवेक का देवता का दर्जा प्राप्त है. भगवान गणेश अपने भक्तों की सभी परेशानियों और विघ्नों को हर लेते हैं, इसीलिए इन्हें विघ्नहर्ता और संकटमोचन भी कहा जाता है. भगवान गणेशजी के लिए किए जाने वाला संकष्टी चतुर्थी व्रत काफी प्रचलित है. संकष्टी चतुर्थी 5 सितंबर दिन शनिवार को है. आईये जानते हैं संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि और इसका महत्व...

Audio Book

ऑडियो सुनें

Sankashti Chaturthi Puja Vidhi: संकष्टी चतुर्थी का हिन्दू धर्म में बड़ा महत्व है. मान्यता के अनुसार किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है. भगवान गणेश को अन्य सभी देवी-देवतों में प्रथम पूजनीय माना गया है. इन्हें बुद्धि, बल और विवेक का देवता का दर्जा प्राप्त है. भगवान गणेश अपने भक्तों की सभी परेशानियों और विघ्नों को हर लेते हैं, इसीलिए इन्हें विघ्नहर्ता और संकटमोचन भी कहा जाता है. भगवान गणेशजी के लिए किए जाने वाला संकष्टी चतुर्थी व्रत काफी प्रचलित है. संकष्टी चतुर्थी 5 सितंबर दिन शनिवार को है. आईये जानते हैं संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि और इसका महत्व…

क्या है संकष्टी चतुर्थी

संकष्टी चतुर्थी का मतलब होता है संकट को हरने वाली चतुर्थी. संकष्टी संस्कृत भाषा से लिया गया एक शब्द है, जिसका अर्थ होता है ‘कठिन समय से मुक्ति पाना’. इस दिन व्यक्ति अपने दुःखों से छुटकारा पाने के लिए गणपति की अराधना करता है. पुराणों के अनुसार चतुर्थी के दिन गौरी पुत्र गणेश की पूजा करना बहुत फलदायी होता है. इस दिन लोग सूर्योदय के समय से लेकर चन्द्रमा उदय होने के समय तक उपवास रखते हैं. संकष्टी चतुर्थी को पूरे विधि-विधान से गणपति की पूजा-पाठ की जाती है.

संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि

– गणपति में आस्था रखने वाले लोग इस दिन उपवास रखकर उन्हें प्रसन्न कर अपने मनचाहे फल की कामना करते हैं.

– इस दिन आप प्रातः काल सूर्योदय से पहले उठ जाएं.

– व्रत करने वाले लोग सबसे पहले स्नान कर साफ और धुले हुए कपड़े पहन लें, इस दिन लाल रंग का वस्त्र धारण करना बेहद शुभ माना जाता है और साथ में यह भी कहा जाता है कि ऐसा करने से व्रत सफल होता है.

– स्नान के बाद वे गणपति की पूजा की शुरुआत करें. गणपति की पूजा करते समय जातक को अपना मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखना चाहिए.

– सबसे पहले आप गणपति की मूर्ति को फूलों से अच्छी तरह से सजा लें.

– पूजा में आप तिल, गुड़, लड्डू, फूल ताम्बे के कलश में पानी, धुप, चन्दन , प्रसाद के तौर पर केला या नारियल रख लें.

– ध्यान रहे कि पूजा के समय आप देवी दुर्गा की प्रतिमा या मूर्ति भी अपने पास रखें. ऐसा करना बेहद शुभ माना जाता है.

– गणपति को रोली लगाएं, फूल और जल अर्पित करें.

– संकष्टी को भगवान् गणपति को तिल के लड्डू और मोदक का भोग लगाएं.

– गणपति के सामने धूप-दीप जला कर निम्लिखित मन्त्र का जाप करें.

– गजाननं भूत गणादि सेवितं, कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम्.

उमासुतं शोक विनाशकारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम्।।

– पूजा के बाद आप फल, मूंगफली, खीर, दूध या साबूदाने को छोड़कर कुछ भी न खाएं. बहुत से लोग व्रत वाले दिन सेंधा नमक का इस्तेमाल करते हैं लेकिन आप सेंधा नमक नजर अंदाज करने की कोशिश करें.

– शाम के समय चांद के निकलने से पहले आप गणपति की पूजा करें और संकष्टी व्रत कथा का पाठ करें.

– पूजा समाप्त होने के बाद प्रसाद बाटें. रात को चांद देखने के बाद व्रत खोला जाता है और इस प्रकार संकष्टी चतुर्थी का व्रत पूर्ण होता है.

संकष्टी चतुर्थी का महत्व

संकष्टी के दिन गणपति की पूजा करने से घर से नकारात्मक प्रभाव दूर हो जाते हैं और शांति बनी रहती है. ऐसा कहा जाता है कि गणेश जी घर में आ रही सारी विपदाओं को दूर करते हैं और व्यक्ति की मनोकामनाओं को पूरा करते हैं. चन्द्र दर्शन भी चतुर्थी के दिन बहुत शुभ माना जाता है. सूर्योदय से प्रारम्भ होने वाला यह व्रत चंद्र दर्शन के बाद संपन्न होता है. पूरे साल में संकष्टी चतुर्थी के 13 व्रत रखे जाते हैं. सभी व्रत के लिए एक अलग व्रत कथा है.

News Posted by: Radheshyam kushwaha

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें