28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

प्रणब दा को 1984 में यूरो मैगजीन ने दिया था दुनिया के बेतहरीन वित्त मंत्री का खिताब, स्टेट्समैन के रूप में भी थे विख्यात

Advertisement

देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का सोमवार को दिल्ली स्थित आर्मी हॉस्पिटल में निधन हो गया. 84 साल के प्रणब मुखर्जी देश की राजनीति में करीब छह दशकों तक एक अहम स्तंभ बने रहे. दशकों तक कांग्रेस पार्टी में एक प्रमुख चेहरे और उन रणनीतिकारों में शुमार थे, जिन्हें स्टेट्समैन के रूप में भी जाना जाता था. देश के 13वें राष्ट्रपति रह चुके प्रणब दा देश में दो बार वित्त मंत्री के तौर पर भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं. पहली बार उदारीकरण के पहले इंदिरा गांधी के कार्यकाल में और दूसरी दफा उदारीकरण के बाद डॉ मनमोहन सिंह सरकार के कार्यकाल में वे वित्त मंत्री बने. पहली बार वे इंदिरा गांधी के कार्यकाल में जनवरी 1982 से लेकर दिसंबर 1984 तक वित्त मंत्री रहे और उसके बाद मनमोहन सिंह के कार्यकाल में जनवरी 2009 से जून 2012 तक वित्त मंत्री की जिम्मेदारी संभाले.

Audio Book

ऑडियो सुनें

नयी दिल्ली : देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का सोमवार को दिल्ली स्थित आर्मी हॉस्पिटल में निधन हो गया. 84 साल के प्रणब मुखर्जी देश की राजनीति में करीब छह दशकों तक एक अहम स्तंभ बने रहे. दशकों तक कांग्रेस पार्टी में एक प्रमुख चेहरे और उन रणनीतिकारों में शुमार थे, जिन्हें स्टेट्समैन के रूप में भी जाना जाता था. देश के 13वें राष्ट्रपति रह चुके प्रणब दा देश में दो बार वित्त मंत्री के तौर पर भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं.

- Advertisement -

पहली बार उदारीकरण के पहले इंदिरा गांधी के कार्यकाल में और दूसरी दफा उदारीकरण के बाद डॉ मनमोहन सिंह सरकार के कार्यकाल में वे वित्त मंत्री बने. पहली बार वे इंदिरा गांधी के कार्यकाल में जनवरी 1982 से लेकर दिसंबर 1984 तक वित्त मंत्री रहे और उसके बाद मनमोहन सिंह के कार्यकाल में जनवरी 2009 से जून 2012 तक वित्त मंत्री की जिम्मेदारी संभाले.

इंदिरा गांधी के कार्यकाल में टैक्स सुधारों को दिया मूर्तरूप

इंदिरा गांधी सरकार के कार्यकाल के दौरान पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जब वित्त मंत्री के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे, तब उन्होंने अपने पहले कार्यकाल कके दौरान टैक्स सुधारों को मूर्तरूप दिया था. इसके लिए उन्हें वर्ष 1984 में यूरो मैगजीन की ओर से दुनिया के सबसे बेहतरी वित्त मंत्री का खिताब दिया गया था.

भारत में निवेश बढ़ाने के लिए प्रवासी भारतीयों को दिया प्रोत्साहन

दुनिया भर में उनके द्वारा एक और कदम की सबसे अधिक चर्चा की जाती है कि उन्होंने ही प्रवासी भारतीयों को निवेश करने पर इन्सेंटिव देने के चलन की शुरुआत की थी. इसका परिणाम यह हुआ कि प्रवासी भारतीयों को निवेश प्रोत्साहन मिलने के बाद निवेश में बढ़ोतरी दर्ज की गयी थी. इसके बाद प्रणब दा वर्ष 2009 में डॉ मनमोहन सिंह सरकार के कार्यकाल में वित्त मंत्री बनाए गए थे. उनके इस कार्यकाल के दौरान देश की आर्थिक वृद्धि दर करीब 8 फीसदी के आसपास पहुंच गयी थी.

1969 में पहली बार संसद में रखे थे कदम

प्रणब दा पहली बार वर्ष 1969 में राज्यसभा सांसद के तौर पर संसद में कदम रखे थे. इसके बाद उन्होंने वर्ष 1973 में केंद्रीय मंत्री का पदभार ग्रहण किया था. इंदिरा गांधी सरकार के दौरान उन्हें कैबिनेट मंत्री भी बनाया गया. वर्ष 2004 में वे पहली दफा लोकसभा चुनाव में निर्वाचित होकर संसद पहुंचे थे. राजनीतिक गलियारों में उन्हें लोग दादा उपनाम से पुकारते थे. अपने जीवन के आखिरी वक्त में आज से करीब दो साल पहले वर्ष 2018 में उन्होंने नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक कार्यक्रम में भी शिरकत की थी.

Also Read: डॉ प्रणब मुखर्जी : देश के एक ऐसे राष्ट्रपति, जिन्हें ‘महामहिम’ या ‘हिज एक्सीलेंस’ कहलाने से था ऐतराज

Posted By : Vishwat Sen

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें