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बौंसी आये थे प्रणब, गुरुधाम आश्रम से था गहरा लगाव

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पूर्व राष्ट्रपति का बांका से गहरा लगाव रहा था. विगत तीन अप्रैल 2017 को पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी अपने बिहार के एक दिवसीय दौरा के क्रम में भागलपुर के कहलगांव में विक्रमशिला के अवशेषों को देखने के बाद पौराणिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मंदार पर्वत से सटे गुरु धाम आश्रम भी पहुंचे थे.

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बांका : पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को निधन से जिलेवासियों में शोक की लहर दौड़ पड़ी है. पूर्व राष्ट्रपति का बांका से गहरा लगाव रहा था. विगत तीन अप्रैल 2017 को पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी अपने बिहार के एक दिवसीय दौरा के क्रम में भागलपुर के कहलगांव में विक्रमशिला के अवशेषों को देखने के बाद पौराणिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मंदार पर्वत से सटे गुरु धाम आश्रम भी पहुंचे थे.

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उन्होंने अपना आधे घंटे का समय बिताकर अपने इष्ट गुरुदेव और भगवान की पूजा अर्चना की थी. यहां गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे व उनकी पत्नी अनुकांत दूबे एवं बांका के तत्कालीन डीएम डा. निलेश देवरे व गुरुधाम ट्रस्ट के सदस्यों की ओर से उन्हें सम्मानित किया था. इस दौरान पूर्व महामहिम को गुरुधाम के गुरुदेव, मंदार का स्मृति चिन्ह व गीता आदि भेंट स्वरुप दी गयी थी.

कार्यक्रम के दौरान पूर्व महामहिम ने अपने संबोधन में मंदार को पवित्र धरती बताते हुए इसे ज्ञान की धरती बताया था, उन्होंने कहा था कि इस धरती से मेरे पूर्वज को गहरा लगाव रहा है. पूर्व महामहिम की मां राजलक्ष्मी मुखर्जी और उनके पिता कामदा किंकर मुखर्जी का बौंसी के गुरुधाम में आना जाना था. उनकी मां अक्सर यहां आया करती थीऔर कई दिनों तक रुककर अपने गुरुदेव की सेवा में जुटे रहते थे.

मां के द्वारा गुरुधाम की कई कहानी उन्हें बतायी गयी थी. बताया जा रहा है कि पूर्व महामहिम के माता-पिता ने गुरुदेव श्यामाशरण लाहवी से दीक्षा ग्रहण की थी. इससे पूर्व गुरुधाम के वटुकों के द्वारा स्वातिवाचन कर उनका अभिनंदन किया गया था.

मंदार में संक्षिप्त कार्यक्रम के दौरान पूर्व राष्ट्रपति के साथ वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जो उस वक्त बिहार के राज्यपाल थे, केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रुडी, उस वक्त के बिहार सरकार के प्रतिनिधि के रुप में जिले के प्रभारी मंत्री ललन सिंह सहित अन्य मौजूद थे.

posted by ashish jha

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