21.1 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 01:29 pm
21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

GST मुआवजे को लेकर भाजपा और गैर भाजपा शासित राज्यों में Letter War शुरू, जानिए कौन किसके साथ है खड़ा…?

Advertisement

वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) में राजस्व नुकसान के बदले क्षतिपूर्ति (मुआवजा) को लेकर केंद्र सरकार द्वारा अभी हाल ही में दो विकल्पों के साथ फेंके गए सुझावी पासा के बाद एक-एक करके भाजपा शासित और गैर भाजपा शासित राज्य अपने-अपने सुर अलापने शुरू कर दिए हैं. बुधवार को देश के पांच राज्यों के मुख्यमंत्रियों द्वारा प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखने के बाद अब केरल और कर्नाटक के मुख्यमंत्रियों ने भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर अपनी-अपनी मंशा जाहिर की है. केरल के मुख्यमंत्री पिनारयी विजयन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति में आ रही अड़चनों पर चिंता व्यक्त की है और उनसे मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है. वहीं, भाजपा नीत कर्नाटक सरकार ने जीएसटी राजस्व में कमी की भरपाई के लिए कर्ज लेने के बारे में केन्द्र द्वारा सुझाये गये दो विकल्पों में से पहले विकल्प को अपनाने का फैसला किया है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

तिरुवनंतपुरम/बेंगलुरु : वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) में राजस्व नुकसान के बदले क्षतिपूर्ति (मुआवजा) को लेकर केंद्र सरकार द्वारा अभी हाल ही में दो विकल्पों के साथ फेंके गए सुझावी पासा के बाद एक-एक करके भाजपा शासित और गैर भाजपा शासित राज्य अपने-अपने सुर अलापने शुरू कर दिए हैं.

- Advertisement -

बुधवार को देश के पांच राज्यों के मुख्यमंत्रियों द्वारा प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखने के बाद अब केरल और कर्नाटक के मुख्यमंत्रियों ने भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर अपनी-अपनी मंशा जाहिर की है.

केरल के मुख्यमंत्री पिनारयी विजयन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति में आ रही अड़चनों पर चिंता व्यक्त की है और उनसे मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है.

वहीं, भाजपा नीत कर्नाटक सरकार ने जीएसटी राजस्व में कमी की भरपाई के लिए कर्ज लेने के बारे में केन्द्र द्वारा सुझाये गये दो विकल्पों में से पहले विकल्प को अपनाने का फैसला किया है.

केरल के मुख्यमंत्री पिनारयी विजयन ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि वह केंद्रीय वित्त मंत्रालय को हिदायत दें कि वह जीएसटी क्षतिपूर्ति का बोझ राज्यों के ऊपर नहीं डालें. इस मामले में वित्त मंत्रालय को वस्तु एवं सेवाकर (राज्यों को क्षतिपूर्ति) कानून 2017 को पालन करना चाहिए.

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को 31 अगस्त को लिखे पत्र में कहा है कि बाजार से कर्ज जुटाकर जीएसटी क्षतिपूर्ति का दायित्व राज्यों के ऊपर डालने का काम जीएसटी कानून के लिए संवैधानिक संशोधन करते समय केंद्र और राज्यों के बीच बनी सहमति के अनुरूप नहीं है.

उन्होंने लिखा कि इस संबंध में वित्त मंत्रालय ने राज्यों को कर्ज लेने के बारे में जो दो विकल्प बताए हैं, वह जीएसटी कानून की अवधारणा के खिलाफ है और इसे वापस लिया जाना चाहिए.

विजयन ने पत्र में कहा है कि वर्ष 2019-20 के बाद से राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति का भुगतान नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि एक अप्रैल 2020 से राज्यों को अब तक कोई भी क्षतिपूर्ति जारी नहीं की गयी. उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान अप्रैल से अगस्त की अवधि में केरल का 7,000 करोड़ रुपये का बकाया बनता है.

विजयन ने कहा कि वित्त मंत्रालय ने जीएसटी परिषद की बैठक में कहा कि जीएसटी राजस्व में नुकसान का बड़ा हिस्सा कोविड-19 की वजह से हुआ है. उन्होंने कहा कि केंद्र के मुकाबले राजस्व नुकसान और खर्च का दबाव राज्यों पर कहीं ज्यादा है. ऐसे में राज्यों पर कर्ज बोझ बढ़ने से उनकी पहले से खराब वित्तीय स्थिति पर और दबाव बढ़ जाएगा.

उधर, भाजपा नीत कर्नाटक सरकार ने बुधवार को कहा कि उसने जीएसटी राजस्व में कमी की भरपाई के लिए कर्ज लेने के बारे में केन्द्र द्वारा सुझाए गए दो विकल्पों में से पहले विकल्प को अपनाने का फैसला किया है. इसके तहत राज्य सरकार कुल 18,289 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति पाने की पात्र होगी. मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने वित्त विभाग के अधिकारियों के साथ चर्चा के बाद यह फैसला किया है. येदियुरप्पा के पास राज्य के वित्त विभाग का भी प्रभार है.

मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, केंद्र के दोनों विकल्पों का मूल्यांकन करने के बाद यह महसूस किया गया है कि पहला विकल्प राज्य के वित्त के लिए बेहतर होगा. इसलिए कर्नाटक सरकार ने पहले विकल्प को लेकर अपनी वरीयता के बारे में केंद्र सरकार को अपने फैसले से अवगत करा दिया है.

कर्नाटक ने कहा है कि इससे चालू वित्त वर्ष के दौरान उसे अपने राजस्व को बढ़ाने में मदद मिलेगी. सीएमओ ने विज्ञप्ति में कहा है कि पहले विकल्प के तहत कर्नाटक को कुल मिलाकर 18,289 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति मिलेगी. इसमें से 6,965 करोड़ रुपये उपकर संग्रह से प्राप्त होंगे. शेष 11,324 करोड़ रुपये की राशि को एक विशेष खिड़की सुविधा के तहत उधार लिया जाएगा, जिसके मूल और ब्याज की अदायगी भविष्य में जमा होने वाले क्षतिपूर्ति उपकर कोष से की जाएगी.

कर्नाटक सरकार के मुताबिक, सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का एक फीसदी यानी 18,036 करोड़ रुपये बिना शर्त अतिरिक्त उधारी भी उपलब्ध होगी और अन्य एक फीसदी कर्ज विभिन्न सुधारों के लिए लिया जा सकेगा.

Also Read: Loan Moratorium बढ़ाने को लेकर केंद्र ने SC से कहा, हम बैंकिंग क्षेत्र की अनदेखी करके अर्थव्यवस्था को उभार नहीं सकते

Posted By : Vishwat Sen

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें