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सीएम हेमंत सोरेन ने पीएम मोदी को खत लिखकर मांगा GST बकाया, युवक ने कहा : रुकी हुई वैकेंसी क्लियर करवाइए सर जी

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झारखंड (Jharkhand) के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) ने शुक्रवार को ट्वीट (Tweet) करके बताया कि उन्होंने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को एक पत्र लिखा. इस पत्र के जरिये उन्होंने पीएम को बताया है कि राज्य को जीएसटी (GST) के पैसे देने में केंद्र कितनी अड़चनें डाल रहा है. इस पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (Jharkhand Mukti Morcha) ने मुख्यमंत्री का आभार जताया, तो राज्य के किसी युवक ने रिप्लाई करते हुए मुख्यमंत्री से कहा, ‘रुकी हुई सारी वैकेंसी क्लियर करवाइए सरजी...’

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रांची : झारखंड के के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को ट्वीट करके बताया कि उन्होंने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा. इस पत्र के जरिये उन्होंने पीएम को बताया है कि राज्य को जीएसटी के पैसे देने में केंद्र कितनी अड़चनें डाल रहा है. इस पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने मुख्यमंत्री का आभार जताया, तो राज्य के किसी युवक ने रिप्लाई करते हुए मुख्यमंत्री से कहा, ‘रुकी हुई सारी वैकेंसी क्लियर करवाइए सरजी…’

दरअसल, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित तीन पन्ने की एक चिट्ठी शेयर की. उसके साथ लिखा कि उन्होंने जीएसटी मुआवजा मिलने में केंद्र की ओर से खड़ी की जा रही बाधाओं के बारे में प्रधानमंत्री का ध्यान आकृष्ट कराया है. श्री सोरेन ने कहा कि उन्होंने पीएम से अपील की है कि सहकारी संघीय ढांचे को बचाये रखने के लिए इस मामले में हस्तक्षेप करें और वित्त मंत्रालय को जरूरी निर्देश दें.

प्रधानमंत्री को संबोधित चिट्ठी में श्री सोरेन ने लिखा है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में झारखंड सरकार को करीब 2,500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. लेकिन, इसका भुगतान केंद्र सरकार की ओर से नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि हाल ही में जीएसटी काउंसिल की बैठक हुई. उम्मीद थी कि बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री कुछ ठोस कदम उठायेंगी, लेकिन अविश्वसनीय रूप से उन्होंने राज्य सरकारों के समक्ष जो विकल्प रखा, उसमें सरकारों को करोड़ों रुपये का कर्ज लेना होगा.

श्री सोरेन ने आगे लिखा है कि तीन साल पहले किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि भारत सरकार ऐसा कदम उठायेगी. सहकारी संघीय ढांचे का तकाजा यह कहता है कि राज्य सरकारों को जीएसटी के हुए नुकसान की भरपाई केंद्र सरकार को करनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. यह केंद्र और राज्य सरकारों के बीच अविश्वास को बढ़ायेगा.

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झारखंड के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को 1 जुलाई, 2017 की आधी रात को जीएसटी की लांचिंग की याद दिलायी. कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में आपने जिस जीएसटी को सिरे से खारिज कर दिया था, प्रधानमंत्री के रूप में आपने इस टैक्स कानून को सहकारी संघीय ढांचा के उदाहरण के रूप में पेश किया था, जो राष्ट्र के विकास में मील का पत्थर साबित होगा. श्री सोरेन ने कहा है कि एक देश के रूप में भारत तभी आगे बढ़ सकता है, जब इसके राज्यों का भी विकास होगा और वे आत्मनिर्भर बनेंगे.

इसके आगे श्री सोरेन ने लिखा है कि लेकिन केंद्र सरकार जीएसटी से जुड़े अपने संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए राज्यों को उसके नुकसान की हुई भरपाई करने की बजाय राज्यों के हितों और को-ऑपरेटिव फेडेरलिज्म के विरुद्ध काम कर रही है. इसके लिए सत्तारूढ़ दल झामुमो ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया है.

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आगे श्री सोरेन ने पत्र में लिखा है कि जीएसटी की राशि नहीं मिलने से झारखंड को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यह को-ऑपरेटिव फेडरलिज्म की आधारशिला पर केंद्र का कुठाराघात है. राज्य की परेशानियों को केंद्र सरकार के समक्ष रखने के लिए हेमंत सोरेन सरकार का आभार.

Posted By : Mithilesh Jha

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