23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Jivitputrika Vrat 2020, Puja Vidhi, Niyam, Katha : आज है जितिया व्रत, जानें संतान की दीर्घायु के लिए महिलाएं रखी है उपवास

Advertisement

Jitiya vrat 2020, jivitputrika vrat 2020, katha in hindi, Vrat Vidhi, vrat ke niyam : हजारीबाग जिला अंतर्गत बड़कागांव तथा आसपास के क्षेत्रों में माता और पुत्र के प्यार का प्रतीक जितिया व्रत बुधवार को नहाए- खाए के साथ शुरू हो गया. आज माताएं अपनी संतानों के दीर्घायु, आरोग्य और सुखी- संपन्न की कामना करने के लिए पहले सुबह स्नान कर मडुआ के भात या रोटी के साथ सतपुतिया झींगी, खीरा, चना, कांदा, कुचु आदि सब्जियों का सेवन किया. जितिया व्रत को जीवित्पुत्रिका व्रत या जिउतिया व्रत या जीमूत वाहन व्रत आदि नामों से भी जाना जाता है. इस दिन माताएं अपनी संतान ​के दीर्घ, आरोग्य और सुखमय जीवन के लिए यह व्रत रखती हैं. जिस प्रकार पति की कुशलता के लिए निर्जला व्रत तीज में रखा जाता है, ठीक वैसे ही जीवित्पुत्रिका व्रत निर्जला उपवास रखकर माताएं करती हैं.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Jitiya vrat 2020 : बड़कागांव (संजय सागर) : हजारीबाग जिला अंतर्गत बड़कागांव तथा आसपास के क्षेत्रों में माता और पुत्र के प्यार का प्रतीक जितिया व्रत (jivitputrika vrat 2020) बुधवार को नहाए- खाए के साथ शुरू हो गया. आज माताएं अपनी संतानों के दीर्घायु, आरोग्य और सुखी- संपन्न की कामना करने के लिए पहले सुबह स्नान कर मडुआ के भात या रोटी के साथ सतपुतिया झींगी, खीरा, चना, कांदा, कुचु आदि सब्जियों का सेवन किया. जितिया व्रत को जीवित्पुत्रिका व्रत या जिउतिया व्रत या जीमूत वाहन व्रत आदि नामों से भी जाना जाता है. इस दिन माताएं अपनी संतान ​के दीर्घ, आरोग्य और सुखमय जीवन के लिए यह व्रत रखती हैं. जिस प्रकार पति की कुशलता के लिए निर्जला व्रत तीज में रखा जाता है, ठीक वैसे ही जीवित्पुत्रिका व्रत निर्जला उपवास रखकर माताएं करती हैं.

- Advertisement -
जितिया व्रत पूजन विधि

तीज और छठ पर्व की तरह जितिया व्रत की शुरुआत भी नहाय- खाय के साथ ही होती है. इस पर्व को 3 दिनों तक मनाये जाने की परंपरा है. सप्तमी तिथि यानी आज (9 सितंबर, 2020) को नहाय- खाय है. उसके बाद अष्टमी (10 सितंबर, 2020) को महिलाएं अपनी संतान की उन्नति और आरोग्य रहने की मंगलकामना के साथ निर्जला व्रत रखेगी और तीसरे दिन अर्थात नवमी (11 सितंबर, 2020) को व्रत को पारण के साथ तोड़ा जायेगा.

ऐसे की जायेगी पूजा

पूजन के लिए जीमूत वाहन की कुशा से निर्मित प्रतिमा को धूप- दीप, चावल, पुष्प आदि अर्पित किया जाता है और फिर माताएं पूजा करती हैं. इसके साथ ही मिट्टी तथा गाय के गोबर से चील एवं सियारिन की प्रतिमा बनायी जाती है. जिसके माथे पर लाल सिंदूर का टीका लगाया जाता है. पूजन समाप्त होने के बाद जिउतिया व्रत की कथा सुनी जाती है. संतानों की लंबी आयु, आरोग्य तथा कल्याण की कामना को लेकर माताएं इस व्रत को करती हैं. कहते हैं कि जो महिलाएं पूरे विधि- विधान से निष्ठापूर्वक कथा सुनकर गरीबों को दान- दक्षिणा एवं पशु- पक्षियों को भोजन खिलाते हैं, उन्हें पुत्र सुख एवं समृद्धि प्राप्त होती है.

Also Read: Jivitputrika Vrat 2020: कल मताएं रखेंगी जीवित्पुत्रिका का निर्जला व्रत, जानिए व्रत नियम, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और इस व्रत का महत्व… क्यों शुरू हुआ जितिया पर्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महाभारत के युद्ध के दौरान पिता की मौत होने से अश्वत्थामा को बहुत आघात पहुंचा था. वे क्रोधित होकर पांडवों के शिविर में घुस गये थे. वहां सो रहे 5 लोगों को पांडव समझकर मार डाला था. ऐसी मान्यता है कि वे सभी संतान द्रौपदी के थे. इस घटना के बाद अर्जुन ने अश्वत्थामा को गिरफ्त में लिया और उनसे दिव्य मणि छीन ली थी. अश्वत्थामा ने क्रोध में आकर अभिमन्यु की पत्नी के गर्भ में पल रहे बच्चे को मार डाला. ऐसे में अजन्मे बच्चे को श्रीकृष्ण ने अपने दिव्य शक्ति से पुन: जीवित कर दिया. गर्भ में मृत्यु को प्राप्त कर पुन: जीवन मिलने के कारण उसका नाम जीवित पुत्रिका रखा गया. वह बालक बाद में राजा परीक्षित के नाम से प्रसिद्ध हुआ. इसी के बाद से संतान की लंबी उम्र के लिए माताएं मंगल कामना करती हैं.

Undefined
Jivitputrika vrat 2020, puja vidhi, niyam, katha : आज है जितिया व्रत, जानें संतान की दीर्घायु के लिए महिलाएं रखी है उपवास 2
सब्जियों के दाम बढ़ने से परेशान हुए लोग

जितिया पर्व के लेकर गांव के बाजारों में विभिन्न तरह की पूजा सामग्रियों से लेकर सब्जियों तक के दाम अप्रत्याशित ढंग से बढ़ गये हैं. जितिया पर्व में विभिन्न तरह की सब्जियों का काफी महत्व है. इसलिए सब्जियों कि मांग होने के कारण महंगाई आसमान छू रही है. जितिया पर्व में मड़ुआ का अनाज, सतालू, करेला, सतपुतिया झींगी, पोय एवं पालक के साग, खीरा, चना, खुखड़ी, कच्चु- कांदा आदि सब्जियों से पूजा- अर्चना किया जाता है.

पर्व-त्योहार मनाना भी हुआ मुश्किल

सब्जियों के दाम बढ़ने से गरीब एवं मध्यम वर्ग के लोगों को काफी परेशानी बढ़ गयी है. बड़कागांव के सरजू राम, धनेश्वर तुरी, अशोक भुईयां, कालेश्वर राम आदि का कहना है कि सब्जियों का दाम बढ़ने से सब्जियां लेने का मन नहीं करता है. जितना कमाते नहीं हैं उससे अधिक सब्जियों के दाम बढ़े हुए हैं. लॉकडाउन के कारण उधारी काफी बढ़ गयी है. काम भी सही तरीके से नहीं मिलता है.

बड़कागांव में सब्जियों के भाव

बड़कागांव के बाजार भाव के अनुसार, खुखरी 400 रुपये प्रति किलो, कुंद्री 60 रुपये प्रति किलो, मड़ुआ 100 रुपये प्रति किलो, लहसुन 100 रुपये प्रति किलो, हरी मिर्च 120 रुपये प्रति किलो, आलू 35 से 40 रुपये प्रति किलो, खीरा 30 रुपये प्रति किलो, कोहड़ा 40 रुपये प्रति किले, केला 40 से 60 रुपये प्रति दर्जन, ओल 20 रुपये प्रति किलो, टोटी 15 रुपये प्रति किलो, शकील कांदा 30 रुपये प्रति किलो सब्जियों के दाम हैं.

Posted By : Samir Ranjan.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें