कुशेश्वरस्थान पूर्वी : कमला माई हमरा सबहक घर मे कब्जा जमा लेलखिन्ह. तेसर बेर बाढ़िक पानि आबि गेल. हमर सबहक जिंदगी फेरो नाव के सहारे टिकि गेलै. ये बातें इटहर, चौकिया व बरनिया के राजीव राय, अमित कुमार, विमल पंडित, राजेश राय, रोहन राय, तारा देवी, नथुनी देवी सहित कई बाढ़ पीड़ितों ने बतायी.
पीड़ितों का कहना था कि तीसरी बार बाढ़ आ जाने से जो कुछ भी फसल बची थी, वह नष्ट हो गयी. कई लोग बेघर हो गये. सबसे अधिक समस्या नाव विहीन बाढ़ पीड़ितों को हो रही है. दैनिक उपयोग के सामान तो स्थानीय बाजार में भी मिल जाते हैं, परंतु घर में किसी के बीमार होने या इमरजेंसी आने पर दूसरे के नाव की आश में रहना पड़ता है.
यहां बता दें कि तीन माह पूर्व आयी भीषण बाढ़ में सरकारी स्तर से नाव मुहैया करायी गयी थी. पानी कम होने पर अंचल प्रशासन की ओर से नाव का परिचालन बंद करा दिया गया. इस बार आयी बाढ़ में सरकारी स्तर पर नाव नहीं होने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. चौर में बाढ़ का पानी फैल जाने से सबसे अधिक समस्या पशुचारा को लेकर हो रही है.
posted by ashish jha