18.1 C
Ranchi
Thursday, February 6, 2025 | 09:37 pm
18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

राष्ट्रपति चुनाव से पहले तीखी बहस

Advertisement

ट्रंप ने अपने समर्थकों को आक्रामकता का संदेश दिया, जबकि बाइडेन की कोशिश रही कि शांति और सद्भाव से चुनाव हो जाएं.

Audio Book

ऑडियो सुनें

जे सुशील, स्वतंत्र शोधार्थी

- Advertisement -

jey.sushil@gmail.com

अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए होनेवाली बहस गर्मागर्म होने की उम्मीद सभी को थी, लेकिन किसी ने शायद ही सोचा होगा कि ये बहस भारतीय टीवी पर होनेवाली बहसों की तरह झांव-झांव से भरी हुई होगी, जहां एक उम्मीदवार दूसरे को हर बात पर टोकेगा और बोलने नहीं देगा, लेकिन ऐसा ही हुआ. एक समय जो बाइडेन ट्रंप की टोकाटाकी से इतने झल्ला गये कि बोल पड़े, यह राष्ट्रपति जैसा व्यवहार तो बिल्कुल ही नहीं है. असल में इस बहस में शालीनता और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपतियों जैसा मर्यादित व्यवहार की उम्मीद करना बेमानी था, लेकिन लोग सोच रहे थे कि शायद राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप के व्यवहार में अंतर आया होगा. ऐसा कुछ नहीं हुआ, बल्कि उनकी आक्रामकता और बढ़ गयी.

चार साल पहले हिलेरी के साथ ऐसे डिबेट में ट्रंप कटाक्ष करते थे और उनके कटाक्षों को समर्थन मिलता था, लेकिन इस बार वह आक्रामक थे, जैसा कि वह पिछले चार सालों में ट्विटर पर रहे हैं.कई बार खुद ही विरोधभासी बयान देते हुए भी ट्रंप विचलित नहीं हुए. मसलन उन्होंने एक तर्क में कहा कि पोस्टल बैलेट के जरिये व्यापक धांधली हो रही है, लेकिन फिर भी जीतेंगे वही. अब दोनों में से एक ही बात सही हो सकती है, लेकिन ट्रंप बोलने से पहले कितना सोचते हैं कि वह क्या बोल रहे हैं, यह ट्रंप ही जानते हैं या फिर उनके समर्थक. डेढ़ घंटे की इस पहली बहस में दोनों उम्मीदवारों के बीच कटुता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बाइडेन ने चिढ़ कर यहां तक कह दिया कि जोकर से क्या बात की जाए? इतना ही नहीं, रूस का जिक्र आने पर बाइडेन ट्रंप को पुतिन का पिल्ला कहने से भी नहीं चूके.

उधर, ट्रंप भी पीछे नहीं रहे. पूर्व में बाइडेन को स्लीपी जो यानी ऊंघते हुए आदमी की संज्ञा दे चुके ट्रंप ने इस बार स्लीपी तो नहीं कहा, लेकिन बाइडेन पर व्यक्तिगत हमले किये. उन्होंने बाइडेन के बेटे का मसला उठाया और कहा कि वह नशेड़ी है और बाइडेन के उपराष्ट्रपति रहते हुए बेटे ने पैसे बनाये. ये निहायत ही गलत आरोप थे, लेकिन ट्रंप ने कब परवाह की है कि वह जो बोल रहे हैं, वह सही है या नहीं? बाइडेन ने इसका कड़ा प्रतिवाद करते हुए कहा कि वह भी चाहें, तो ट्रंप के परिवार के बारे में बहुत कुछ बोल सकते हैं, लेकिन वह ऐसा नहीं करेंगे, क्योंकि वह यहां नीतिगत बहस करने के लिए हैं.

ट्रंप ने जहां बार-बार कहा कि बाइडेन ने अपने 47 साल के करियर में कुछ नहीं किया, तो बाइडेन के इसके जवाब में कहा कि आप अमेरिकी इतिहास के सबसे खराब राष्ट्रपति हैं. फिलहाल, सभी चुनाव सर्वेक्षणों में ट्रंप बाइडेन से करीब सात अंकों से पीछे चल रहे हैं. यह एक छोटी-सी लीड है बाइडेन के लिए और अगले कुछ हफ्तों में यह लीड खत्म भी हो सकती है. यह करिश्मा ट्रंप पिछली बार भी कर चुके हैं अपनी इस आक्रामक शैली को अपना कर. देखना यह है कि बाकी बचे दो बहसों में भी वह क्या यही रणनीति अपनाते हैं?

न्यूयार्क टाइम्स के अनुसार, ट्रंप ने डिबेट के दौरान अपने बयानों में कई झूठ भी बोले हैं और कई मीडिया चैनलों पर डिबेट के दौरान ही ट्रंप के बयानों की फैक्टचेकिंग भी चल रही थी, लेकिन ट्रंप तो ट्रंप हैं. उन्हें इन सबसे शायद ही कोई फर्क पड़ता है. वर्ष 2016 और 2017 में सिर्फ साढ़े सात सौ डॉलर टैक्स भरने के मसले पर भी ट्रंप ने उल्टा दोष बाइडेन पर ही मढ़ा कि ये नियम बाइडेन के बनाये हुए हैं और मैंने कुछ भी गलत नहीं किया. उल्लेखनीय है कि ट्रंप पिछले चार सालों से अपने टैक्स की जानकारी सार्वजनिक नहीं कर रहे थे और कुछ ही दिन पहले न्यूयार्क टाइम्स ने इससे जुड़ी खबर प्रकाशित की है.

इसके साथ ही, कोरोना वायरस की वैक्सीन के मुद्दे पर भी ट्रंप ने साफ-साफ झूठ कहा कि वैक्सीन नवंबर तक तैयार हो जायेगी, जबकि किसी भी कंपनी ने ऐसा कोई दावा तक नहीं किया है कि वैक्सीन नवंबर तक बन जायेगी.

साथ ही बहस के दौरान ट्रंप बार बारसोशलिस्ट, रैडिकल लेफ्ट जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते रहे. इन शब्दों के बारे में कहा जाता है कि इन्हें सुनकर ही अमेरिकी मतदाता भड़क उठता है. ट्रंप कोशिश कर रहे थे कि बाइडेन इन शब्दों में उलझें, लेकिन बाइडेन ने इन शब्दों पर कोई जवाब दिये बिना खुद को आंकड़ों तक सीमित रखा, लेकिन कई बार बाइडेन तब चिढ़े, जब ट्रंप ने उन्हें बोलने नहीं दिया और बीच में ही टपक पड़े.

बहस के मॉडरेटर पत्रकार क्रिस वालेस ने कई बार ट्रंप को टोका और उनसे चुप रहने की अपील की और अंतत उन्हें यहां तक कहना पड़ा कि ट्रंप डिबेट के उन नियमों को मानें, जिन पर वह डिबेट करने को तैयार हुए हैं. ट्रंप ने काले लोगों के प्रति नस्लवादी रवैये को लेकर भी व्हाइट सुपरमैसिस्ट गुटों की आलोचना से इनकार कर दिया और इस बारे में पूछे गये सवाल को टालते रहे. इस पर बाइडेन ने साफ-साफ कहा कि यह राष्ट्रपति रेसिस्ट है और इन पर भरोसा करना मुश्किल है. बाइडेन ने भी कई मौकों पर अपनी सीमाएं लांघी और ट्रंप का मजाक बनाया.

खास तौर पर कोरोना से निबटने के लिए कीटनाशक छिड़कने संबंधी बयान को बाइडेन ने उछाला, जिसके जवाब में ट्रंप ने कहा कि यह बात उन्होंने कटाक्ष में कही थी. डेढ़ घंटे की डिबेट में कई मौके आये, जब बाइडेन के चेहरे के भावों को देखकर लग रहा था कि वह बिल्कुल चिढ़ चुके हैं और उनके वाक्यों में भी चिढ़ स्पष्ट थी, जब वह ट्रंप को जोकर कह बैठे. कुल मिला कर ट्रंप ने अपने समर्थकों को आक्रामकता का संदेश दिया, जबकि बाइडेन की कोशिश रही कि शांति और सद्भाव से चुनाव हो जाएं. होगा क्या, यह तीन नवंबर के बाद ही पता चलेगा.

(ये लेखक के निजी विचार हैं.)

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें