15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

बिहार विधानसभा चुनाव 2020: बांका में एनडीए और महागठबंधन के बीच होगी सीधी टक्कर, जानें किसका पलड़ा रहा है भारी…

Advertisement

स्वतंत्रता आंदोलन से ही बांका काफी चर्चित क्षेत्र रहा है. यहां कभी समाजवादी राजनारायण, जार्ज फर्नांडीस व मधु लिमिये जैसे कद्दावर नेता लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं. इस बार के बिहार विधानसभा चुनाव में इस सीट पर कई बड़े दावेदारों की नजर है. बांका के मौजूदा विधायक रामनारायण मंडल हैं. एनडीए की बात करें, तो बांका विस से रामनारायण मंडल से बड़ा चेहरा अभी कोई नहीं है. 1990 के बाद यहां भाजपा व राजद के ही विधायक बने हैं. यह सीट भाजपा के लिए प्रतिष्ठा की सीट बनी हुई है. 2000 से 2015 के बीच सात विधानसभा चुनाव में पांच बार भाजपा ने यहां जीत दर्ज की है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

बिभांशु, बांका: स्वतंत्रता आंदोलन से ही बांका काफी चर्चित क्षेत्र रहा है. यहां कभी समाजवादी राजनारायण, जार्ज फर्नांडीस व मधु लिमिये जैसे कद्दावर नेता लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं. इस बार के चुनाव में इस सीट पर कई बड़े दावेदारों की नजर है. बांका के मौजूदा विधायक रामनारायण मंडल हैं. एनडीए की बात करें, तो बांका विस से रामनारायण मंडल से बड़ा चेहरा अभी कोई नहीं है. 1990 के बाद यहां भाजपा व राजद के ही विधायक बने हैं. यह सीट भाजपा के लिए प्रतिष्ठा की सीट बनी हुई है. 2000 से 2015 के बीच सात विधानसभा चुनाव में पांच बार भाजपा ने यहां जीत दर्ज की है.

- Advertisement -

जदयू छोड़ पूर्व पर्यटन मंत्री डाॅ. जावेद इकबाल अंसारी राजद में पुनः शामिल

जदयू छोड़ पूर्व पर्यटन मंत्री व बांका के पूर्व विधायक डाॅ. जावेद इकबाल अंसारी राजद में पुनः शामिल हो गये हैं. टिकट की दौड़ में भी सबसे आगे है, लेकिन यहां भी पेच है. जानकारी के अनुसार महागठबंधन में वाम दल के शामिल होने से सीपीआइ के पूर्व एमएलसी संजय कुमार ने भी अपनी दावेदारी ठोक रखी है, जबकि रालोसपा की ओर से कौशल कुमार सिंह जोर-आजमाइश कर रहे हैं.

बांका विधानसभा पर पर 1990 तक कांग्रेस का दबदबा

बात बांका विधानसभा क्षेत्र की करें, तो 1990 तक इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा. यद्यपि इस दौरान अन्य दूसरे दल के भी विधायक बने, लेकिन सर्वाधिक दबदबा कांग्रेस का ही रहा, परंतु 1985 के बाद कांग्रेस यहां कभी दोबारा जीत नहीं पायी. ज्ञात हो कि 1983 में बांका से विधायक बने चंद्रशेखर सिंह सूबे के 20वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी.

Also Read: बिहार विधानसभा चुनाव 2020: क्या लोजपा के टारगेट 2025 की लड़ाई लड़ रहे हैं चिराग? जानें अलग चुनाव लड़ने से किस दल को हो सकता है फायदा…
भागलपुर कमिश्नरी की इकलौती जीत भाजपा ने दर्ज की थी

विगत विधानसभा चुनाव राजद व जदयू साथ लड़ी थी. तब महागठबंधन के प्रत्याशी राजद से जफरुल होदा थे, जबकि भाजपा से रामनारायण मंडल उम्मीदवार थे. मतगणना परिणाम में रामनारायण मंडल को 52379 और राजद उम्मीदवार जफरुल होदा को 48649 वोट मिले थे. 3730 वोट से भाजपा ने जीत दर्ज की थी, जो भागलपुर कमिश्नरी का इकलौता जीत था.

बांका से पांच बार जीत चुके हैं रामनारायण

बांका विधानसभा सीट भाजपा के लिए प्रतिष्ठा की सीट बनी हुई है. यहां अब तक पांच बार भाजपा ने अपनी जीत दर्ज की है. 2000 से 2015 के बीच हुए सात विस चुनाव में पांच बार भाजपा के रामनारायण मंडल ने अपनी जीत दर्ज करा चुके हैं.

अबतक ये बने हैं विधायक

1952-57 तक कांग्रेस से राघवेंद्र नारायण सिंह प्रथम विधायक विधायक हुए. 1957-62 तक महिला विधायक कांग्रेस से विंध्यबासिनी देवी बनीं. 1962 से 67 तक निर्दलीय विधायक ब्रजमोहन सिंह रहे. उसके बाद भारतीय जनसंघ ने यहां पहला खाता 1967 में बीएल मंडल के रूप में खोला. इसके बाद 1969 से 1977 तक कांग्रेस के चंद्रशेखर सिंह विधायक रहे. 1977 के चुनाव में जनता पार्टी से सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह निर्वाचित हुए. पुनः चंद्रशेखर सिंह 1980 और 1985 के चुनाव में निर्वाचित हुए. 1990 में रामनारायण मंडल भाजपा से विधायक बने. इसके बाद राजद और भाजपा के बीच हार-जीत का सिलसिला चलता रहा. राजद से 1995 में डाॅ जावेद इकबाल अंसारी यहां से विधायक बने. 2000 से 2010 तक रामनारायण मंडल विधायक रहे. 2010 में डाॅ जावेद इकबाल ने पुनः वापसी की, परंतु चार साल के कार्यकाल के बाद डाॅ अंसारी ने विधायक व राजद से इस्तीफा देकर जदयू ज्वाइन कर लिया. इसके बाद यहां 2015 में उपचुनाव हुए जिसमें रामनारायण मंडल विधायक बने. कुछ महीने बाद आम चुनाव में पुनः रामनाराण मंडल ही जीते और अबतक विधायक हैं.

ये हैं इस बार के मुद्दे

बांका विधानसभा की बड़ी आबादी जिला मुख्यालय से जुड़ी हुई है. चुनाव में सबकी पहली नजर यहां टिकी हुई है. इस बार जर्जर चांदन पुल, अनवरत बालू उठाव सहित बंद पड़े सिरामीक फैक्टरी व बांका बाइपास यहां के चुनावी मुद्दे हैं. हालांकि, पुल की स्वीकृति हो चुकी है, परंतु विपक्षी इस मुद्दे को तूल देने में जुटे हुए हैं.

Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें