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अब खुलेंगे स्कूल

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नये निर्देशों में छूट दी गयी है कि स्कूल आने के बजाय बच्चे घर पर ऑनलाइन पढ़ाई कर सकते हैं. यह अभिभावकों की इच्छा पर निर्भर होगा.

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केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने 15 अक्तूबर से स्कूल खोलने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिया है. कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए छात्रों, शिक्षकों और अन्य कर्मियों को मास्क लगाने, साफ-सफाई रखने और शारीरिक दूरी बरतने के लिए कहा गया है. स्कूलों में बच्चों को मिलनेवाले भोजन की तैयारी में भी सावधानी व स्वच्छता का ध्यान रखना होगा. अभी भी कोविड-19 महामारी का कहर जारी है तथा संक्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है, लेकिन समुचित सुरक्षा एवं सावधानी के साथ कारोबार और कामकाज की गति सामान्य होने लगी है.

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पिछले महीने माध्यमिक कक्षाओं के छात्रों को स्कूल आने की अनुमति दी गयी थी, किंतु कई राज्यों ने स्थानीय स्थिति के अनुरूप स्कूल बंद रखने का निर्णय भी लिया है. कुछ राज्यों में 31 अक्तूबर तक शैक्षणिक गतिविधियां बंद रहेंगी. बच्चों की शिक्षा बाधित न हो, इसके लिए कई महीने से ऑनलाइन कक्षाएं चलायी जा रही हैं. नये निर्देशों में भी यह छूट दी गयी है कि बच्चे स्कूल आने के बजाय ऑनलाइन माध्यम से घर पर रहकर पढ़ाई कर सकते हैं. यह अभिभावकों की इच्छा पर निर्भर होगा. इसके अलावा राज्य भी स्कूलों को खोलने के बारे में अंतिम निर्णय ले सकते हैं.

कई महीनों से घर में बंद रहने से बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और भावनात्मक स्तर पर प्रभाव पड़ने की चिंता भी हमारे सामने है. इसलिए, दिशा- निर्देशों में शिक्षकों से कहा गया है कि वे छात्रों को महामारी के बारे में जागरूक करें तथा उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखें. स्कूल खुलने के दो-तीन सप्ताह के बाद ही बच्चों की परीक्षा या टेस्ट लेने का निर्देश भी सराहनीय है. यदि बच्चों को अभिभावक स्कूल भेजते हैं, तो उन्हें भी निर्देशों के पालन के लिए बच्चों को ठीक से तैयार करना होगा. अच्छा होगा कि वे अपने वाहन से बच्चों को स्कूल पहुंचाने और वापस लाने की व्यवस्था करें. इससे वाहनों में भीड़ कम होगी और बच्चे उत्साह में आकर दूरी बरतने के कायदे को भूल भी सकते हैं.

स्कूल प्रबंधन और शिक्षकों को भी अतिरिक्त दायित्व निभाना होगा. शिक्षा मंत्रालय का यह सुझाव भी अच्छा है कि बच्चों की परीक्षाएं कागज-कलम से लेने की जगह रचनात्मक कार्यों और विभिन्न प्रकार की प्रस्तुतियों के द्वारा हों. इतने दिनों तक ऑनलाइन पढ़ाई के अनुभव को आगे बढ़ाने की भी जरूरत है तथा जिन बच्चों के पास समुचित सुविधाएं नहीं हैं, उनके लिए शिक्षकों को फोन से संपर्क करने और पढ़ाई की प्रगति के बारे बताने-जानने की प्रक्रिया को जारी रखना होगा.

ऑनलाइन और कक्षा में पढ़ाई का संतुलन बनाना जरूरी है क्योंकि मौजूदा स्थिति अभी कुछ महीनों तक बहाल रह सकती है. संक्रमण बढ़ने की स्थिति में कुछ जगहों पर स्कूलों को फिर से बंद करने की नौबत आ सकती है. बहरहाल, हम सभी के पास इतने मुश्किल महीनों का अनुभव है और आगे भी हम चुनौतियों का सामना मजबूती से करेंगे.

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