25.2 C
Ranchi
Thursday, March 6, 2025 | 06:00 pm
25.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

शिक्षा में फर्जीवाड़ा

Advertisement

प्रवेश, पाठ्यक्रम, परीक्षा आदि में कदाचार तथा शिक्षा माफिया के विस्तार के साथ फर्जी संस्थाओं का बाजार भविष्य के लिए खतरा है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

एक ओर विभिन्न स्तरों पर शिक्षा की पहुंच और गुणवत्ता बढ़ाने की कोशिशें हो रही हैं, तो दूसरी ओर फर्जी संस्थानों व डिग्रियों का संजाल भी बढ़ रहा है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने 24 फर्जी विश्वविद्यालयों की सूची जारी की है. नियमों के अनुसार विधायिका से स्वीकृत और आयोग द्वारा मान्यताप्राप्त शैक्षणिक संस्थाएं ही विश्वविद्यालय शब्द उपयोग करने या इसके समतुल्य होने का उल्लेख करने की अधिकारी होती हैं.

फर्जी संस्थाओं में से सात दिल्ली में और आठ उत्तर प्रदेश में हैं, जबकि शेष पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा और पुद्दचेरी में हैं. ऐसी किसी भी संस्था को डिग्री जारी करने का अधिकार नहीं है, फिर भी ये विज्ञापनों के माध्यम से लोगों को गुमराह कर कमाई करते हैं. इसी तरह से फर्जी कॉलेजों का धंधा भी चलता है, जो स्थापित विश्वविद्यालयों से संबद्ध होने का झूठा दावा करते हैं.

कुल मिलाकर यह सब ठगी का कारोबार ही है. पिछले साल बड़े पैमाने पर पैसे के बदले डिग्रियां देने के धंधे के खुलासे के बाद शिक्षा मंत्रालय ने एक उच्च-स्तरीय जांच समिति भी गठित की थी. उस प्रकरण में इंजीनियरिंग और कानून की डिग्रियों के साथ पीएचडी डिग्री बेचने का मामला भी सामने आया था तथा इसका नेटवर्क देशभर में पसरा था. अक्सर फर्जी डिग्री बेचने के धंधे में लिप्त लोगों की गिरफ्तारी की खबरें भी आती हैं. लेकिन संगठित माफिया गिरोहों पर लगाम लगाने में कामयाबी नहीं मिली है. बीते दशकों में रोजगार और नौकरी के स्वरूप में बड़े बदलाव हुए हैं. सरकारी नौकरियों की तरह डिग्रियों की पड़ताल की पुख्ता व्यवस्था निजी क्षेत्र में नहीं है.

नकली प्रमाणपत्रों के सहारे लोग विदेशों में भी रोजगार पाने की जुगत लगाते हैं. स्थिति की गंभीरता का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया के प्रमुख ने कुछ समय पहले कहा था कि देश में 30 प्रतिशत से अधिक वकीलों की डिग्रियां फर्जी हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन और भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय का मानना है कि भारत में 57 फीसदी से अधिक डॉक्टर नकली सर्टिफिकेट लेकर दवाइयां दे रहे हैं. स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव के कारण तथा सस्ते इलाज के लिए बड़ी संख्या में लोग ऐसे फर्जी डॉक्टरों के पास जाते हैं और अपनी जिंदगी को खतरे में डालते हैं.

आम जन के लिए यह जानना आसान नहीं है कि कौन डॉक्टर या वकील असली है या नकली. यह खतरनाक खेल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में भी खेला जा रहा है. साल 2018 में देश में 277 फर्जी इंजीनियरिंग कॉलेजों की पहचान की गयी थी, जिनमें से सबसे अधिक देश की राजधानी में थीं. मैट्रिक, इंटर और बीए के सर्टिफिकेट खरीदने के पोस्टर-बैनर आपको पूरे देश में हर कस्बे व शहर में मिल सकते हैं. प्रवेश, पाठ्यक्रम, परीक्षा आदि में कदाचार तथा शिक्षा माफिया के विस्तार के साथ फर्जी संस्थाओं व डिग्रियों का बाजार देश के भविष्य के लिए बड़ा खतरा है.

Posted by : Pritish Sahay

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें
Home होम Videos वीडियो
News Snaps NewsSnap
News Reels News Reels Your City आप का शहर