21.2 C
Ranchi
Saturday, February 8, 2025 | 06:18 pm
21.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

कोराेना संक्रमण के कारण इस बार गुमला में नहीं होगा रावण दहन, 61 साल की टूटेगी परंपरा

Advertisement

Jharkhand news, Gumla news : गुमला में 61 साल की परंपरा टूटने वाली है. इस साल गुमला शहर में रावण दहन कार्यक्रम आयोजित नहीं होंगे. गुमला प्रशासन ने परमवीर अलबर्ट एक्का स्टेडियम में रावण दहन करने पर रोक लगा दी है. इस कारण इसबार शहर में कहीं भी रावण दहन नहीं होगा. रावण दहन पर रोक लगने से गुमला के पूजा समितियों में आक्रोश है, लेकिन सरकार की गाइडलाइन के कारण वे खुलकर अपनी गुस्सा का इजहार नहीं कर पा रहे हैं.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Jharkhand news, Gumla news : गुमला (दुर्जय पासवान) : गुमला में 61 साल की परंपरा टूटने वाली है. इस साल गुमला शहर में रावण दहन कार्यक्रम आयोजित नहीं होंगे. गुमला प्रशासन ने परमवीर अलबर्ट एक्का स्टेडियम में रावण दहन करने पर रोक लगा दी है. इस कारण इसबार शहर में कहीं भी रावण दहन नहीं होगा. रावण दहन पर रोक लगने से गुमला के पूजा समितियों में आक्रोश है, लेकिन सरकार की गाइडलाइन के कारण वे खुलकर अपनी गुस्सा का इजहार नहीं कर पा रहे हैं.

- Advertisement -

इस संबंध में पूजा समिति के लोगों का कहना है कि गुमला की परंपरा रही है. जब रावण को जलाया जाता है. उसके बाद ही मां दुर्गा एवं अन्य देवी- देवताओं की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है. लेकिन, गुमला के इतिहास में यह पहला अवसर होगा जब बिना रावण जले मां की प्रतिमा का विसर्जन किया जायेगा. हालांकि, अभी भी पूजा समिति के लोग सरकार एवं गुमला प्रशासन के उस आदेश पर नजर लगाये बैठे हैं, जिसमें रावण दहन की अनुमति मिल सके.

पूजा समिति के लोगों ने सरकार एवं प्रशासन से मांग किया है कि गुमला की परंपरा न टूटे. इसके लिए कम से कम 5 से 6 फीट ऊंचे रावण दहन की अनुमति दी जाये. जिस समय रावण दहन होगा. उस समय सिर्फ पूजा समिति के ही कुछ गिने- चुने लोग मौजूद रहेंगे. सरकार के गाइडलाइन के अनुसार भीड़ नहीं लगाया जायेगा.

Also Read: कोलगरमा में अवैध अंग्रेजी शराब की मिनी फैक्ट्री का भंडाफोड़, जानें कहां भेजे जाने की थी तैयारी


सिख समुदाय ने सबसे पहले किया था रावण दहन कार्यक्रम

शांति, सद्भाव एवं सर्वधर्म के बीच गुमला में रावण दहन की 61 वर्ष पुरानी परंपरा रही है. पंजाबी बंधुओं (सिख समुदाय) की पहल पर वर्ष 1959 पर पहली बार रावण दहन की शुरूआत हुई. वर्ष 2019 में 50 फीट ऊंचे रावण को जलाया गया था. लेकिन, इसबार रावण नहीं जलेगा.

बता दें कि बाजार टांड़ निवासी स्वर्गीय भाल सिंह एवं पंजाबी बंधुओं के प्रयास से रावण एवं कुंभकरण के पुतला दहन की नींव रखी गयी थी. उस समय एक लकड़ी के ठेले में रावण का पुतला रखकर शहर का भ्रमण कराया जाता था. प्रत्येक व्यवसायी रावण दहन समिति को 25 पैसे की सहयोग राशि देते थे. 40 से 50 रुपये में धूमधाम से रावण का दहन किया जाता था. इसके बाद बैद्यनाथ साहू, वीरेंद्र झा एवं अन्य लोगों ने रावण दहन की कमान संभाली.

बाजारटांड़ की जमीन का अतिक्रमण हो गया. इसके बाद 2 जगहों पर रावण दहन होने लगा. महावीर चौक स्थित पुराना बस पड़ाव (वर्तमान में पटेल चौक) के समीप रावण दहन किया जाने लगा. इसके बाद सर्वसम्मति से कचहरी परिसर में एक ही जगह पर रावण दहन की परंपरा आरंभ हुई. वर्ष 1984 में तत्कालीन डीसी द्वारिका प्रसाद सिन्हा ने स्टेडियम में रावण दहन की अनुमति दी. तब से निरंतर रावण दहन की परंपरा कायम रही है.

परंपरा टूटने से बचाये सरकार : सचिव

श्रीबड़ा दुर्गा मंदिर के सचिव रमेश कुमार चीनी का कहना है कि गुमला के इतिहास में यह पहला मौका होगा जब रावण दहन नहीं होगा और परंपरा टूटेगी. उन्होंने सरकार एवं प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि परंपरा के बचाये रखने के मामूली साइज में रावण दहन की अनुमति दी जाये क्योंकि गुमला की परंपरा है. रावण दहन के बाद ही मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन होता है. अगर परंपरा टूटेगी, तो आस्था पर चोट पहुंचेगी.

Also Read: कोरोना काल में जिले में हेल्थ इक्विप्मेंट व सामानों की खरीद में फर्जीवाड़ा, जानें चाईबासा सदर हॉस्पिटल में किसने की करोड़ों की सप्लाई
रावण दहन नहीं होने से टूटेगी परंपरा : रावण दहन समिति

वहीं, रावण दहन समित के सदस्य अनिल कुमार ने कहा कि शांति समिति की बैठक में रावण दहन कराने की अनुमति मांगी गयी थी, लेकिन प्रशासन ने सरकारी गाइडलाइन का हवाला देते हुए अनुमति नहीं दी. 61 साल बाद पहली बार होगा कि गुमला में रावण दहन के बिना मां की मूर्ति का विसर्जन होगा. ऐसे में फिर प्रयास किया जायेगा कि छोटे साइज में कहीं पास रावण दहन हो जाये.

Posted By : Samir Ranjan.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें