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Bihar Chunav 2020 बाद नई सरकार बनते ही सरकारी नौकरी का बड़ा मौका, 10 हजार शिक्षकों की होगी भर्ती

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sarkari naukri, Bihar chunav 2020 : बिहार चुनाव 2020 के बाद नई सरकार बनने के बाद सरकारी नौकरी का एक बड़ मौका आने वाला है. शिक्षा विभाग 10 हजार नौकरी देने की तैयारी में है. दरअसल, प्राइमरी स्कूलों में बड़े पैमाने पर होने वाली शिक्षक बहाली मामले में पटना हाईकोर्ट के महत्वपूर्ण फैसले के बाद बीएड डिग्री धारकों में काफी खुशी देखी जा रही है.

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Bihar Chunav 2020 : बिहार चुनाव 2020 के बाद नई सरकार बनने के बाद सरकारी नौकरी का एक बड़ मौका आने वाला है. शिक्षा विभाग 10 हजार नौकरी देने की तैयारी में है. दरअसल, प्राइमरी स्कूलों में बड़े पैमाने पर होने वाली शिक्षक बहाली मामले में पटना हाईकोर्ट के महत्वपूर्ण फैसले के नियोजन की प्रक्रिया को गति देने के लिए निदेशक प्राथमिक शिक्षा ने तैयारी शुरु कर दी है. उम्मीद जतायी जा रही है कि विधानसभा चुनाव के बाद रिक्त पदों पर डीएलएड व बीएड योग्यताधारी अभ्यर्थी का नियोजन किया जाएगा.

जानकारी के अनुसार डीएलएड और बीएड डिग्रीधारकों को एक समान मानते हुए एक ही मेरिट लिस्ट बना इसी आधार पर शिक्षकों के रिक्त पद पर नियोजन किया जाएगा. बताते चलें कि राज्य सरकार के साल 2019 की शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को पहले पटना हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा था. इसके बाद आचार संहिता के पेंच में नियोजन प्रक्रिया फंस गयी.

15 जून से 31 अगस्त तक 90 हजार से अधिक प्रारंभिक शिक्षकों की नियोजन कार्यक्रम में न्यायिक हस्तक्षेप करते हुए पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया था कि इस भर्ती कार्यक्रम की अंतिम चयन सूची को कोई भी नियोजन इकाई जारी नहीं करेगी. प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की होने वाली बहाली प्रक्रिया पर लगी रोक को हटाने से पटना हाईकोर्ट ने साफ इनकार कर दिया है.

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न्यायमूर्ति डॉ. अनिल कुमार उपाध्याय की एकलपीठ ने नीरज कुमार व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया था. साथ ही इस मामले में राज्य सरकार को जवाबी हलफनामा दायर करने का आदेश भी दिया है. विदित हो कि जिला में कक्षा 1-5 में 4056 व कक्षा 6-8 में 4826 विषयवार रिक्ति पर शिक्षकों का नियोजन होना है. इसमें कक्षा 1-5 में समान्य के लिए 3382,उर्दु के लिए 674 पद रिक्त है.

इसी तरह कक्षा 6-8 में हिन्दी के 217,उर्दु के 58,संस्कृत में 157,अंग्रेजी में 130,गणित/विज्ञान में 138 व समाजिक विज्ञान में 70 पद रिक्त है. कक्षा 1-5 के रिक्त पदों के लिए 59228 डीएलएड व 79475 बीएड योग्यताधारी अभ्यर्थी ने आवेदन किया था. याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि यह नियोजन कार्यक्रम 2019 का ही है. एनसीटीई से मान्यता प्राप्त संस्थानों से जो सेवारत शिक्षक 18 महीने का डीएलएड कोर्स पास किया था, उन्हें भी इस नियोजन कार्यक्रम में आवेदन देने का अधिकार पटना हाई कोर्ट ने संजय कुमार यादव के मामले में पारित न्यायादेश के जरिए दिया था.

हाईकोर्ट के उस आदेश पर शिक्षा महकमे ने एनसीटीई व सरकार से मन्तव्य लेते हुए नई अधिसूचना जारी की, जिसमें 2019 के शिक्षक नियोजन कार्यक्रम में डीएलएड अभ्यार्थियों सहित दिसंबर 2019 में उत्तीर्ण हुए कम्बाइंड टीईटी अभ्यार्थियों को भी आवेदन देने का मौका सरकार ने 8 जून को दिया था. शिक्षा विभाग ने 15 जून 2020 को जारी अपने आदेश से यह स्पष्ट किया कि वर्तमान नियोजन कार्यक्रम में सिर्फ उपरोक्त डीएलएड अभ्यार्थियों का ही आवेदन अनुमान्य होगा और दिसम्बर 2019 में उत्तीर्ण हुए कम्बाइन्ड टीईटी अभ्यार्थियों को नियोजन कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर नहीं मिलेगा.

याचिकाकर्ताओं ने उक्त 15 जून के आदेश को राज्य सरकार का मनमानापन कहते हुए उसे असंवैधानिक करार करते हुए निरस्त करने की मांग हाई कोर्ट से की थी. हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की कानूनी दलील को सही पाते हुए नियोजन कार्यक्रम की अंतिम चयन सूची को जारी करने पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया था.

Posted By : Avinish Kumar Mishra

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