21.1 C
Ranchi
Friday, February 7, 2025 | 12:17 pm
21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

शहीद फेदलिस एक्का के परिवार को नहीं मिली नौकरी, जीएनएम की डिग्री लेकर भटक रही बेटी, प्रशासन ने अंबेडकर आवास का पैसा भी रोका

Advertisement

Jharkhand news, Gumla news : श्रीलंका में वर्ष 1987 में शहीद हुए फेदलिस एक्का के परिवार के किसी भी सदस्य को नौकरी नहीं मिली है. नौकरी के लिए परिवार के सदस्य सरकारी बाबुओं के कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कोई इनका दुखड़ा नहीं सुन रहा है. खेती- बारी से परिवार की जीविका चल रहा है. यहां तक कि अंबेडकर आवास योजना का पैसा भी प्रशासन ने रोक दिया है. प्रथम किस्त में मात्र 26 हजार रुपये मिले थे, जिससे मात्र दीवार खड़ी हुई. पैसा रूकने से आवास का काम भी बंद हो गया. डेढ़ साल से परिवार के लोग अंबेडकर आवास का पैसा मांग रहे हैं, लेकिन प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है. अभी शहीद के परिजन पुरानी मिट्टी के घर में रहते हैं. यहां तक कि शहीद के गांव की भी स्थिति खराब है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Jharkhand news, Gumla news : गुमला (दुर्जय पासवान) : श्रीलंका में वर्ष 1987 में शहीद हुए फेदलिस एक्का के परिवार के किसी भी सदस्य को नौकरी नहीं मिली है. नौकरी के लिए परिवार के सदस्य सरकारी बाबुओं के कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कोई इनका दुखड़ा नहीं सुन रहा है. खेती- बारी से परिवार की जीविका चल रहा है. यहां तक कि अंबेडकर आवास योजना का पैसा भी प्रशासन ने रोक दिया है. प्रथम किस्त में मात्र 26 हजार रुपये मिले थे, जिससे मात्र दीवार खड़ी हुई. पैसा रूकने से आवास का काम भी बंद हो गया. डेढ़ साल से परिवार के लोग अंबेडकर आवास का पैसा मांग रहे हैं, लेकिन प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है. अभी शहीद के परिजन पुरानी मिट्टी के घर में रहते हैं. यहां तक कि शहीद के गांव की भी स्थिति खराब है.

- Advertisement -
Undefined
शहीद फेदलिस एक्का के परिवार को नहीं मिली नौकरी, जीएनएम की डिग्री लेकर भटक रही बेटी, प्रशासन ने अंबेडकर आवास का पैसा भी रोका 3
शहीद का अंतिम संस्कार श्रीलंका में ही हुआ था

शहीद फेदलिस एक्का का गांव पालकोट प्रखंड के देवगांव में है. फेदलिस एक्का सीअरपीएफ-58 के अधिकारी थे. सीआरपीएफ द्वारा इन्हें शांति वार्ता के लिए श्रीलंका भेजा गया था. जहां वे 10 अक्तूबर, 1987 को शहीद हो गये थे. उस समय श्रीलंका से शव लाना मुश्किल था. इस कारण उनके शव को गुमला नहीं लाया जा सका और अंतिम संस्कार श्रीलंका में ही कर दिया गया. परिजन अंतिम बार शहीद का चेहरा भी देख नहीं सके. बस यादगारी में सीआरपीएफ-58 बटालियन द्वारा देवगांव में शहीद की प्रतिमा स्थापित कर दी गयी. जहां हर साल शहीद को श्रद्धांजलि दी जाती है. लेकिन, आज तक शहीद के नाम पर कोई सुविधा नहीं मिली.

Undefined
शहीद फेदलिस एक्का के परिवार को नहीं मिली नौकरी, जीएनएम की डिग्री लेकर भटक रही बेटी, प्रशासन ने अंबेडकर आवास का पैसा भी रोका 4
श्रद्धांजलि देने से पेट नहीं भरता : इमिलिया एक्का

शहीद की पत्नी इमिलिया एक्का ने कहा कि पति की मौत के बाद पेंशन मिलना शुरू हुआ. लेकिन, सरकार की तरफ से जो सरकारी सुविधा मिलनी चाहिए. वह अभी तक नहीं मिली है. घर की स्थिति भी ठीक नहीं है. कहती हैं कि शहीद के नाम पर श्रद्धांजलि देने से पेट नहीं भरता है. एक साल पहले बेटी के साथ गुमला डीसी से मिलकर पक्का मकान, शौचालय, सरकारी नौकरी देने की मांग की थी. इसमें सिर्फ 12 हजार रुपये वाला ग्रामीण शौचालय बना. इसके अलावा किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं मिली है. हर बार आश्वासन मिला, लेकिन समस्या दूर नहीं हुई है.

Also Read: हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में तब्दील होंगी जिले के 92 हेल्थ सब सेंटर, राज्य सरकार ने उपलब्ध करायी राशि जीएनएम का कोर्स किया, पर नहीं मिली नौकरी : बसंती एक्का

शहीद की बेटी बसंती एक्का ने कहा कि पूर्व में ही डीसी को ज्ञापन सौंपी हूं. जिसमें कहा है कि वह नर्सिंग का प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी है. अभी वह नौकरी की तलाश कर रही है, लेकिन जीएनएम में नौकरी नहीं मिल रही है. उन्होंने डीसी से सरकारी सुविधा के अलावा जीएनएम में नौकरी दिलाने की मांग की है. बसंती कहती हैं कि अगर घर के किसी एक सदस्य को नौकरी मिलती है, तो घर की सभी समस्याओं का समाधान हो जायेगा. शहीद के पुत्र संतोष एक्का ने कहा कि मेरे पिता देश के लिए जान दिये, लेकिन उस वीर सपूत के परिवार को ही सरकार भूल गयी. मैं खेती- बारी करता हूं. मेरी मां, बहन एवं पत्नी इस कार्य में हाथ बंटाते हैं. खेती-बारी से जो आमदनी होती है. उसी से परिवार का जीविका चल रहा है.

Posted By : Samir Ranjan.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें