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Bihar Election Result 2020: गंगा पार NDA तो इस ओर महागठबंधन को हुआ फायदा, मगध-शाहाबाद की 32 सीटों में राजग को महज 6 पर मिली जीत

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Bihar Election Result 2020, Highlights, NDA Seat Benefits, RJD Seat Wins, Mahagathbandhan News: विधानसभा चुनाव में मंगलवार की सुबह आठ बजे से मतगणना शुरू होने के बाद देर रात तक ही तस्वीरें साफ हुईं. सूबे में एनडीए को जहां बहुमत मिला, लेकिन मगध व शाहाबाद यानी कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद, गया व नवादा में एनडीए को उम्मीद से काफी कम सीटें ही मिल पायीं. इन जिलों की 32 सीटों में से एनडीए को महज छह सीटें ही हासिल हुई हैं.

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Bihar Election Result 2020, Highlights, NDA Seat Benefits, RJD Seat Wins, Mahagathbandhan News: विधानसभा चुनाव में मंगलवार की सुबह आठ बजे से मतगणना शुरू होने के बाद देर रात तक ही तस्वीरें साफ हुईं. सूबे में एनडीए को जहां बहुमत मिला, लेकिन मगध व शाहाबाद यानी कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद, गया व नवादा में एनडीए को उम्मीद से काफी कम सीटें ही मिल पायीं. इन जिलों की 32 सीटों में से एनडीए को महज छह सीटें ही हासिल हुई हैं.

कैमूर में 2015 में जहां भाजपा ने चारों सीटें जीती थीं, वहीं इस बार वहां एनडीए का खाता तक नहीं खुल सका. उधर, रोहतास व औरंगाबाद में भी ऐसा ही परिणाम मिला. इन दोनों जिलों में भी एनडीए एक भी सीट हासिल नहीं कर पायी. नवादा जिले में महज एक सीट से ही संतोष करना पड़ा है. यहां वारिसलीगंज से भाजपा की अरुणा देवी ने जीत हासिल की. 2015 में भी वे यहां से जीती थीं. उधर, गया जिले में एनडीए के लिए 50-50 का मामला रहा. यहां बीजेपी को दो, तो हम को तीन सीटें मिली. बीजेपी ने गुरुआ की सीट गंवा दी, पर वजीरगंज की सीट कांग्रेस से छीन कर मामला बराबर कर लिया. वहीं, हम ने भी तीन सीटें जीत कर एनडीए को बराबरी पर ला दिया. हालांकि, यहां घाटा जदयू को हुआ है. पार्टी के तीनों प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा.

प्रभात खबर टीम, गया, मुजफ्फरपुर, भागलपुर

चंपारण व मिथिलांचल में एनडीए को फायदा

उत्तर बिहार के आठ जिलों मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी, समस्तीपुर और दरभंगा की कुल 71 विधानसभा सीटों में से ज्यादातर सीटों पर एनडीए महागठबंधन पर भारी रहा. एनडीए को सबसे अधिक फायदा चंपारण और मिथिलांचल में हुआ है. पूर्वी व पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी और दरभंगा की कुल 39 सीटों में से एनडीए को 34 सीटों पर जीत मिली है. हालांकि वर्तमान सरकार के दो मंत्रियों को हार का मुंह देखना पड़ा है. राजद की टिकट पर शिवहर से पहली बार किस्मत आजमा रहे आनंद मोहन के पुत्र चेतन आनंद चुनाव जीत गये. सबसे ज्यादा चौंकाने वाला परिणाम केवटी से राजद के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी की हार के रूप में आया.

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मुजफ्फरपुर

यहां की 11 सीटों में भाजपा को तीन और जदयू को एक सीट पर जीत मिली है. वीआइपी ने भी दो सीट साहेबगंज और बोचहां जीत लिया है. महागठबंधन को पांच सीटों पर जीत मिली है. इसमें तीन राजद और एक कांग्रेस के पास गयी है. सकरा से जदयू, मुजफ्फरपुर से कांग्रेस, कांटी, गायघाट, कुढ़नी व मीनापुर से राजद को जीत मिली है. भाजपा को दो सीटों का सीधा नुकसान हुआ, तो दो नयी सीटें भी मिल गयीं. वीआइपी को दो सीटों का सीधा फायदा हुआ.

  • पूर्वी चंपारण : यहां की 12 सीटों में से एनडीए को नौ और महागठबंधन को तीन पर जीत मिली है.

  • पश्चिम चंपारण : जिले की नौ सीटों में से आठ पर एनडीए और एक पर महागठबंधन विजयी हुआ है.

  • सीतामढ़ी : यहां की आठ सीटों में से छह एनडीए के पास चली गयी हैं.

  • समस्तीपुर : जिले की 10 सीटों में से पांच-पांच दोनों गठबंधनों को मिली हैं. ‍सरायरंजन से जदयू की टिकट पर चुनाव लड़ रहे विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी, हसनपुर से राजद के तेज प्रताप और उजियारपुर से राजद के आलोक कुमार मेहता चुनाव जीत गये हैं.

  • दरभंगा : जिले की दस सीटों में से नौ पर एनडीए और एक पर राजद प्रत्याशी ने चुनाव जीता है. जिले से चुनाव जीतने वाले एक मात्र राजद उम्मीदवार ललित यादव हैं.

कोसी : नतीजे चौंकानेवाले, कई सीटों पर हुआ उलटफेर

कोसी-पूर्व बिहार व सीमांचल की सीटों पर कई नतीजे चौंकानेवाले रहे. एक ओर जहां नेताओं के परिजनों को कई सीटों पर हार का सामना करना पड़ा, तो दूसरी ओर कई सीटों पर बड़ा उलटफेर हुआ. इधर, सीमांचल में एआइएमआइएम ने अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करायी. सीमांचल की पूर्णिया, किशनगंज व अररिया में उसके पांच प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की. जमुई से पूर्व केंद्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह की बेटी श्रेयसी ने पहली बार जीत हासिल की.

बांका की कई सीटों पर उलटफेर हुआ. कटोरिया में राजद अपना सीट बचाने में कामयाब नहीं हो पाया. यहां से भाजपा की निक्की हेंब्रम ने जीत दर्ज की. बांका सीट से मंत्री रामनारायण मंडल एक बार फिर अपनी कुर्सी बचाने में कामयाब रहे. दूसरे नंबर पर रहे पूर्व मंत्री जावेद का राजद में जाना भी सफल नहीं हो पाया. भागलपुर की सात सीटों में पांच पर एनडीए, तो दो सीट पर महागठबंधन का कब्जा रहा. कांग्रेस के दिग्गज सदानंद सिंह के पुत्र शुभानंद पहली बार पिता की सीट पर मैदान में उतरे थे. वे सफल नहीं हो पाये. युवा राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष शैलेश कुमार को भी हार का सामना करना पड़ा.

सीमांचल : एआइएमआइएम ने दमदार उपस्थिति दर्ज करायी

सीमांचल में इस बार एआइएमआइएम ने अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करायी है. विधानसभा उपचुनाव में बिहार की किशनगंज सीट जीत कर अपना खाता खोलनेवाली एआइएमआइएम ने इस बार तीन जिलों में खाता खोला. पूर्णिया के मुस्लिम बहुल अमौर व बायसी, किशनगंज जिला के बहादुरगंज व कोचाधामन तो अररिया के जोकीहाट में जीत दर्ज की. जोकीहाट सीट सबसे चर्चित सीटों में एक था. यहां से वर्तमान विधायक तस्लीमउद्दीन के छोटे पुत्र शाहनवाज आलम का टिकट पार्टी ने काट दिया. बड़े भाई सरफराज को अपना प्रत्याशी बनाया. शाहनवाज अंत समय में एआइएमआइएम में चले गये और जनता ने उन्हें पसंद किया.

कोसी के मधेपुरा में एनडीए व राजद का मुकाबला बराबरी का रहा. मधेपुरा व सिंहेश्वर राजद ने तो बिहारीगंज व आलमनगर सीट जदयू के खाते में गयी है. सहरसा सीट पर आलोक रंजन ने लवली आनंद को हराया.

पटना व सारण में महागठबंधन, तो नालंदा में एनडीए रहा आगे

पटना जिले की 14 सीटों में नौ पर महागठबंधन की जीत हुई. पांच सीटों पर भाजपा का कब्जा रहा. दो सीटें भाकपा माले की झोली में आयी. वहीं सारण प्रमंडल की सीटों में पंद्रह पर महागठबंधन और बाकी की नौ पर एनडीए की जीत हुई. सीवान जिले की आठ सीटों में भाजपा दो व छह पर महागबंधन का कब्जा रहा. सारण जिले की 10 सीटों में से सात पर महागठबंधन व तीन पर एनडीए ने सफलता पायी है.

Posted By: Sumit Kumar Verma

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